Leasehold to Freehold Case: युवीएम ने प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की घोषणा का किया स्वागत सांसद किरण खेर व अरुण सूद को दिया धन्यवाद

Leasehold to Freehold Case: युवीएम ने प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की घोषणा का किया स्वागत सांसद किरण खेर व अरुण सूद को दिया धन्यवाद

Leasehold to Freehold Case

Leasehold to Freehold Case: युवीएम ने प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की घोषणा का किया स्वागत सांसद किरण ख

चंडीगढ़ 7 सितंबर : Leasehold to Freehold Case: चंडीगढ़ के प्रशासक एवं पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा चंडीगढ़ में कमर्शियल व इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी(industrial property) को लीज़ होल्ड से फ्री होल्ड(Lease hold to free hold) किए जाने हेतु प्रशासन की मंशा स्पष्ट की गई है,  जिसका शहर के प्रतिष्ठित व्यापारिक संगठन उद्योग व्यापार मंडल(reputed trade association industry trade board) चंडीगढ़ ने स्वागत किया है तथा साथ ही साथ सांसद किरण खेर तथा  भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद  को धन्यवाद भी दिया है जिनके प्रयासों से ही यह संभव हो पाया ।
आज यहां जारी एक बयान में युवीएम के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन,  मुख्य संरक्षक देवेंद्र सिंह बबला,  उपाध्यक्ष नरेश कुमार, सचिव नरेश जैन, संजीव वर्मा व  कोषाध्यक्ष अशोक कपिला ने  कहा कि शहर के व्यापारी लंबे समय से यह  मांग कर रहे थे जिस पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सांसद किरण खेर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन भी किया गया था उस कमेटी में ही यह  निर्णय लिया गया की शहर में कमर्शियल व इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी को भ लीज़ होल्ड से फ्री होल्ड किया जाना चाहिए लेकिन किसी गलतफहमी की वजह से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी जिसको कल माननीय प्रशासक द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि चंडीगढ़ प्रशासन शहर में  कमर्शियल व इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करना चाहता है ओर इसके लिए उचित कदम उठाए जा रहे है।
 इस अवसर पर युवीएम अध्यक्ष कैलाश चन्द जैन ने कहा कि प्रशासक की इस घोषणा से व्यपारियो में  खुशी की लहर है उन्हें आशा है कि शीघ्र ही  इस मामले में सकारात्मक फैसला होगा।
अब व्यपारियो को अपनी प्रोपर्टी का  मालिकाना हक मिल सकेगा,  लोन भी मिल सकेगा, खरीद बेच भी हो सकेगी,  शहर से इंडस्ट्री का जो पलायन हो  रहा था वह रुकेगा  तथा प्रशासन के रेवेन्यू में भी  बढ़ोतरी होगी ।
इस अवसर पर युवीएम के मुख्य सरंक्षक देवेंद्र सिंह बबला ने प्रशासक से कन्वर्जन फीस को तर्कसंगत रखे जाने की भी मांग की है।