जानें 30 करोड़ी नाविक पिंटू महरा की 'क्राइम स्टोरी', पिता और भाई की भी है क्रिमिनल हिस्ट्री
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जानें 30 करोड़ी नाविक पिंटू महरा की 'क्राइम स्टोरी', पिता और भाई की भी है क्रिमिनल हिस्ट्री

Hero or Villain of Sailors in Maha Kumbh

Hero or Villain of Sailors in Maha Kumbh

Hero or Villain of Sailors in Maha Kumbh: उत्तर प्रदेश की विधानसभा में बजट सत्र की चर्चा के दौरान अचानक सुर्खियां बन गया प्रयागराज के एक नाविक परिवार के मुखिया को महाकुंभ में नाविकों का महा नायक बताया जाने लगा. जिस पिंटू महरा को नाविकों के कुबेर तक का दर्जा दे दिया गया, उसका दूसरा पहलू जानकर लोग हैरान हैं. इस पिंटू महरा ने महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में 30 करोड़ रुपए की कमाई की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक ने इसकी चर्चा विधानसभा में की.

यूपी विधानसभा के बजट सत्र में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने नाम लिए बिना प्रयागराज के एक नाविक परिवार की कमाई का जिक्र किया, जिसने महाकुंभ के 45 दिनों में 30 करोड़ की कमाई की. इस नाविक करोड़पति का जिक्र आने के बाद मीडिया का रेला प्रयागराज के संगम के तट के निकट अरैल स्थित एक महरा परिवार के घर में जमा हो गया. इसका मुखिया है पिंटू महरा.

पिंटू महरा की जो सक्सेस स्टोरी 24 घंटे के अंदर सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रही थी, जैसे-जैसे पड़ताल आगे बढ़ी तो पूरी पिक्चर ही बदल गई. नैनी पुलिस स्टेशन की डायरी में पिंटू महरा पर एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज पाए गए. इसमें हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी जैसे संगीन मामले भी थे.

23 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में एंट्री

पिंटू महरा प्रयागराज के जिस इलाके से आता है, वह दो दशक पहले अपराध का अड्डा रहा है. यमुना के किनारे बालू के ठेके और मिट्टी खोदने के कारोबार की दबंगई में होने वाले अपराध की वजह से यहां कोई रहने के लिए जमीन तक नहीं लेना चाहता था. यह वह दौर था, जब महरा परिवार और अतीक अहमद के करीबी पप्पू गंजिया के बीच वर्चस्व की जंग चल रही थी.

इलाके के हिस्ट्रीशीटर बच्चा महरा के बेटों और पप्पू गंजिया के बीच खूनी अदावत का खेल खेला जा रहा था. उसी दौरान बच्चा महरा के 23 साल के बेटे पिंटू महरा ने 2005 में जुर्म और जरायम की दुनिया में एंट्री की. इसके बाद तो पिंटू ने मुड़कर नहीं देखा. उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी सहित कई गंभीर मामलों में एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं.

गैंगस्टर से लेकर जेल का सफर

एक बार जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद पिंटू के आपराधिक मामलों की फाइल मोटी होती गई. उसके खिलाफ साल 2010 और 2016 में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई और साल 2013 और 2015 में गुंडा एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ. वह जेल भी जा चुका है.

अभी कुछ दिनों पहले ही वह जेल से जमानत से बाहर आया, लेकिन बाहर आने पर महाकुंभ में भी उसने अपना रास्ता नहीं बदला. महाकुंभ मेले के दौरान पिंटू महरा पर नाविकों से रंगदारी मांगने और मारपीट करने का आरोप लगा. आरोप लगा कि उसने नाव चलाने के लिए जबरन पैसा वसूलने की धमकी दी और विरोध करने पर हमला किया.