हिंदू समाज के माथे पर कलंक रूपी ढांचे को गिराने में थी जींद की भूमिका : अशोक छाबड़ा

हिंदू समाज के माथे पर कलंक रूपी ढांचे को गिराने में थी जींद की भूमिका : अशोक छाबड़ा

Face of Hindu Society

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अर्थ प्रकाश/नीरज सिंगला 
जींद, 21 जनवरी। Face of Hindu Society: 
आज देश राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मना रहा है। इस जश्न को मनाने का सौभाग्य उन लाखों कारसेवकों की बदौलत मिला है जिन्होंने 1990 और 1992 में कर सेवा में हिस्सा लिया। जिसमें सैकड़ों कारसेवक शहीद हो गए। जींद से भी बड़ी संख्या में कारसेवक दोनों ही बार कारसेवा में शामिल हुए। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं अशोक छाबड़ा, जो वर्तमान में हरियाणा के मुख्यमंत्री के मीडिया संयोजक हैं।

अर्थ प्रकाश ने आज अशोक छाबड़ा से इस बारे में बात की तो अशोक छाबड़ा ने कहा कि जब 1990 की कारसेवा को याद करते हैं तो मन में बड़ी पीड़ा होती है। तब सरयू नदी के तट पर मुलायम सिंह ने गोलियां चलवाई थी और उस गोलीबारी में सैकड़ो कारसेवक शहीद हो गए थे। 1990 के उस दौर को याद करते हुए अशोक छाबड़ा बताते हैं कि गाड़ी को बीच रास्ते में रोक कर खाली करवा दिया गया और रेलवे लाइन पर हजारों की संख्या में कारसेवक पैदल चल पड़े। चलते हुए जूते के नीचे का हिस्सा पूरी तरह से फट गया और पांव से खून बहने लगा। लेकिन राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे का जुनून उन्हें रुकने नहीं दे रहा था। 1990 में राम मंदिर आंदोलन में 19 दिन उन्नाव जेल में रहने वाले अशोक छाबड़ा ने बताया कि 19 दिन बाद जब उन्हें जेल से छोड़ा गया तो उनके पास एक भी पैसा नहीं था। तब जेल के अधिकारियों ने उनके हाथ पर मोहर लगाई थी और कहा था कि इस मोहर को दिखाकर वह पूरे देश में कहीं भी रेल में जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि तब जींद में संतलाल चुघ एक बड़ी राजनीतिक शख्सियत हुआ करते थे जो आज भी है उन्हीं के नेतृत्व में वह लोग इस आंदोलन में शामिल हुए थे। साध्वी ऋतम्भरा के भाषणों से उन्हें आंदोलन में शामिल होने की प्रेरणा मिली। वह कहते हैं कि शहीदों में पूरा देश कोठारी बंधुओं को याद करता है, लेकिन सैंकड़ों ऐसे लोग हैं जिन्होंने उस समय शहादत दी लेकिन उनके नाम हमें याद नहीं हैं। 

उन्होंने बताया कि 1992 में राम मंदिर आंदोलन में जब हिंदू समाज के माथे पर कलंक रूपी ढांचे को गिराया गया तो उस दिन ढांचे के ऊपर जींद के सुनील शर्मा भी मौजूद थे जो बाद में जींद नगर परिषद के अध्यक्ष भी बने। ‌ सुनील शर्मा ढांचे के ऊपर से नीचे गिरे और उन्हें कुछ चोटें भी लगीं। 

उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन को विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस मिलकर चला रहे थे जिन्हें संत समाज लीड कर रहा था। तब रामविलास वेदांती आचार्य धर्मेंद्र जी, साध्वी ऋतंभरा, परमानंद जी मंच से हिंदू समाज को जागृत करने का काम कर रहे थे और इस बड़े आंदोलन को दबाने का काम मुलायम सिंह यादव की सरकार कर रही थी।

अशोक छाबड़ा कहते हैं कि आज जब भव्य मंदिर बनता हुआ देखते हैं तो दिल को इस बात का सुकून मिलता है कि काम के लिए उन्होंने जेल काटी और पीड़ा सही वह आज पूरा हो रहा है।

राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हो रहा है ऐसे में भाजपा इसका श्रेय क्यों ले रही है? इस सवाल का जवाब भी अशोक छाबड़ा सीधे तौर पर देते हैं और कहते हैं कि भाजपा इसका श्रेय क्यों नहीं ले। सुप्रीम कोर्ट आजादी के बाद से लगातार काम कर रही है। कांग्रेस ने दो दर्जन वकीलों की फौज इसलिए लगाई की राम का अस्तित्व था ही नहीं। कांग्रेस को रामसेतु को भी नहीं मानते थे और राम को भी नहीं मानती थी फिर आज राम मंदिर पर अगर भाजपा श्रेय ले रही है तो उसे क्यों आपत्ति है?

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