जम्मू में बारिश ने तोड़ा 100 साल का रिकॉर्ड, कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात, जम्मू-पठानकोट हाईवे पर पुल टूटा

Jammu Kashmir Heavy Rain News
श्रीनगर: Jammu Kashmir Heavy Rain News: पिछले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में भारी बारिश ने कहर बरपाया है, जिससे कई जिलों में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जम्मू डिविजन के कई निचले इलाकों में भी मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति देखी गई.
भारतीय मौसम विभाग ने रविवार को सभी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया, जिसमें बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान जताया गया. साथ ही, बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की आशंका की भी चेतावनी दी गई और निवासियों से नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने का आग्रह किया गया.
सहार खड्ड नदी पर स्थित पुल को नुकसान
अधिकारियों के अनुसार भारी बारिश के कारण जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर और कठुआ जिले में सहार खड्ड नदी पर स्थित एक महत्वपूर्ण पुल को नुकसान पहुंचा है, जिसके कारण अधिकारियों ने नदी पर बने दोनों पुलों पर यातायात रोक दिया है.
निरीक्षण के लिए मौके पर पहुंच कठुआ के उपायुक्त राजेश शर्मा ने कहा कि एक पुल को भारी नुकसान पहुंचा है, जबकि दूसरे पुल में भी कमजोरी के संकेत दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा, "पुराने पुल को काफी नुकसान पहुंचा है. नए पुल की स्थिति को लेकर भी कुछ संदेह है. एहतियात के तौर पर हमने इसे तुरंत बंद कर दिया है." जानकारी के मुताबिक यातायात को वैकल्पिक मार्ग से मोड़ दिया गया है, जबकि राजमार्ग अधिकारी और उनके इंजीनियर पुल की जांच कर रहे हैं.
उमर अब्दुल्ला ने हाई अलर्ट जारी किया
भारी बारिश और बाढ़ के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाई अलर्ट जारी किया है और सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है. सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विभागों के बीच घनिष्ठ समन्वय पर जोर दिया है और यह सुनिश्चित किया है कि नियंत्रण कक्ष पूरी तरह से कार्यशील और सक्रिय रहें.
प्रवक्ता ने कहा, "मुख्यमंत्री कार्यालय मौजूदा स्थिति पर नजर रखने के लिए संबंधित विभागों के साथ लगातार संपर्क में है. उन्होंने कहा कि जलभराव वाले इलाकों को साफ करने, जल निकासी व्यवस्था बहाल करने और प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी की सप्लाई और बिजली सहित आवश्यक सेवाओं को तुरंत बहाल करने को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है."
प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील
मुख्यमंत्री ने जनता से सतर्क रहने और प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की है, क्योंकि आवश्यक सुरक्षा और राहत उपाय किए जा रहे हैं. भारी बारिश के कारण जम्मू शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं और जानीपुर, रूप नगर, तालाब टिल्लू, ज्वेल चौक, न्यू प्लॉट और संजय नगर में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है. अधिकारियों ने बताया कि घरों की दीवारें ढह गईं और लगभग एक दर्जन वाहन अचानक आई बाढ़ में बह गए.
मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक मध्यम से तीव्र बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की संभावना के बीच लोगों से नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने का आग्रह करते हुए एडवाइजरी जारी की है.
हॉस्टल परिसर में 50 छात्र फंसे
रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू में बख्शी नगर के पास कैनाल रोड स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरग्रेटिव मेडिसिन (IIIM) के छात्रावास में जलभराव के कारण कम से कम 50 छात्र फंस गए. अधिकारियों ने बताया कि हॉस्टल परिसर के भूतल में बाढ़ का पानी भर जाने के बाद राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और पुलिस के संयुक्त अभियान चलाकर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जम्मू में 190.4 मिमी बारिश दर्ज की गई. पिछले 100 वर्षों में अगस्त महीने में यह दूसरी सबसे ज़्यादा बारिश है. इससे पहले सबसे ज़्यादा 228.6 मिमी बारिश 5 अगस्त, 1926 को दर्ज की गई थी, जबकि इससे पहले दूसरी सबसे ज़्यादा बारिश 11 अगस्त, 2022 को 189.6 मिमी दर्ज की गई थी.
दूसरा सबसे ज़्यादा बारिश
उधमपुर में 144.2 मिमी बारिश के साथ दूसरा सबसे ज़्यादा बारिश दर्ज की गई, उसके बाद कटरा में 115 मिमी, सांबा में 109 मिमी और कठुआ में 90.2 मिमी बारिश दर्ज की गई. ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में 13.5 मिमी बारिश हुई.
भारी बारिश के बावजूद 250 किलोमीटर लंबा महत्वपूर्ण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और 434 किलोमीटर लंबा श्रीनगर-लेह राजमार्ग यातायात के लिए खुला रहा. दूसरी ओर, भूस्खलन के कारण पुंछ और राजौरी को शोपियां से जोड़ने वाली मुगल रोड, किश्तवाड़ और डोडा को अनंतनाग से जोड़ने वाली सिंथन रोड को बंद करना पड़ा.
अधिकारियों के अनुसार सांबा में बसंतर, कठुआ में उझ और रावी, डोडा, किश्तवाड़, रामबन और जम्मू में चिनाब, उधमपुर और जम्मू में तवी सहित प्रमुख नदियां- नाले खतरनाक रूप से उफान पर हैं, जिसके कारण प्रशासन ने आपदा प्रतिक्रिया टीमों और स्थानीय पुलिस को अलर्ट पर रखा है.