अचानक मौत का एक और लाइव वीडियो; 25 साल के युवक को बैडमिंटन खेलते हुए आया हार्ट अटैक, एक पल में थम गया जिंदगी का सफर

Hyderabad 25 Year Youth Sudden Heart Attack And Death While Playing Badminton
Heart Attack Video Viral: देश में अचानक मौत के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आएदिन कोई न कोई हंसते-खेलते इस दुनिया को अलविदा कह दे रहा है। इसलिए स्थिति बेहद गंभीर और चिंताजनक है। इस ओर सरकार और जो भी मेडिकल एक्सपर्ट हैं, उन्हें चेतना चाहिए। फिलहाल इस न रुकने वाले सिलसिले में अब एक और ऐसा ही मामला हैदराबाद से सामने आया है। जहां 25 साल के राकेश नाम के एक युवक की खेलते-कूदते अचानक मौत हो गई। युवक की मौत का लाइव वीडियो डरावना है।
बैडमिंटन खेलते हुए आया हार्ट अटैक
राकेश की मौत उस दौरान हुई, जब वह हैदराबाद के एक स्टेडियम में अपने साथियों के साथ बैडमिंटन खेल रहा था। खेलते हुए वो नॉर्मल दिख रहा था। हंसी-मजाक कर रहा था। बातचीत कर रहा था। कहीं भी ऐसा नहीं लगा कि उसे कोई तकलीफ है। लेकिन बैडमिंटन खेलते हुए अचानक जब चिड़िया (शटलकॉक) जमीन पर गिरी तो वह उठाने के लिए पीछे को आया। उसने आराम से चिड़िया उठाई। लेकिन चिड़िया उठाने के बाद वह फिर एक भी कदम नहीं चल पाया और लड़खड़ाते हुए वहीं फर्श पर गिर गया।
एक पल में थम गया जिंदगी का सफर
जैसे ही राकेश जमीन पर औंधे मुंह गिरा, आसपास मौजूद साथी उसे उठाने के लिए दौड़े लेकिन राकेश दुनिया से जा चुका था। वह नहीं उठा। उसे मौके पर CPR देने की कोशिश की गई। लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। इसके बाद राकेश को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इस तरह एक पल में राकेश की जिंदगी का सफर हमेशा के लिए थम गया। उसे भी नहीं मालूम होगा कि कभी इस तरह से भी वह अपनी जिंदगी से दूर हो जाएगा. यह घटना रविवार रात की है।
कोरोना के बाद जिंदगी पर गहराया मौत का साया!
कोरोना से पहले ऐसे वीडियो शायद ही देखे गए हों, अब ऐसे वीडियो की भरमार है। कोरोना के बाद से जिंदगी बहुत मुश्किल हो गई है। जिंदगी पर मौत का साया गहरा गया है। खासकर खेलने-कूदने वाले लोगों के लिए हाई रिस्क है। युवाओं के बीच अचानक मौत का यह दौर महामारी की तरह पसर रहा है। अब तो यह कहना मुनासिफ़ ही होगा कि कितनी ऐसी मौतों के बाद हम इस मेडिकल इमरजेंसी को स्वीकार करेंगे? फिलहाल लोग सावधानी बरतें और समय-समय पर अपने शरीर का चेकअप कराते रहें। खासकर हार्ट से जुड़ी जांच हर 6 महीने में कराएं।
ICMR ने कहा- अचानक मौत का वैक्सीन से संबंध नहीं
ऐसी अचानक मौतों को देखते हुए लोगों के बीच एक बहस और चर्चा कोरोना वैक्सीन को लेकर खूब चल रही थी। पिछले कुछ दिनों से ये अंदेशा जताया जा रहा था कि चलते-फिरते आ रहे हार्ट अटैक और उसकी वजह हो रही मौत का कोविड वैक्सीन से संबंध है। लोग यही मान रहे थे कि इसके पीछे कोरोना वैक्सीन ही वजह है। लेकिन हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने रिसर्च करते हुए एक रिपोर्ट जारी की और यह स्पष्ट किया कि अचानक मौतों का कोविड वैक्सीन से कोई सीधा संबंध नहीं है।
मसलन भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इस गंभीर स्थिति को स्वीकार जरूर किया है लेकिन इसके निदान और असल कारण के तह तक जाना बाकी है। यानि अचानक मौतों को लेकर कोई बचाव उपाय निकालना चाहिए। क्योंकि देश में इन दिनों अचानक मौत को लेकर एक बेहद दर्दनाक और डरावनी स्थिति बनी हुई है। चलते-फिरते लोगों की हार्ट अटैक से अचानक मौत हो जा रही है। पिछले कुछ समय से ये सिलसिला लगातार तेजी से जारी है और एक के बाद एक अब तक कई लोग (अधिकतर युवा) इसी तरह मौत के मुंह में समा चुके हैं।
हार्ट अटैक आने पर कैसे दें CPR?
हार्ट अटैक की स्थिति हम में से किसी के साथ भी घटित हो सकती है। इसलिए अगर आपके सामने ऐसी कोई भी स्थिति आती है तो सबसे पहले मरीज़ को फ़र्श पर लिटा कर उसकी पल्स और धड़कन देखने की कोशिश करें। किसी एक व्यक्ति को फ़ौरन एंबुलेंस को कॉल करने को कहें। अगर नज़दीकी अस्पताल का नंबर है तो उसपर कॉल करें। अगर पल्स नहीं मिल रही तो तुरंत CPR शुरू करें। मरीज़ के आसपास भीड़ ना लगाएँ और CPR तब तक देते रहें जब तक मदद ना आ जाये या मरीज़ की पल्स ना मिलने लगे।
अगर आपको CPR देने की विधि मालूम नहीं है तो आप यहां जान लीजिये। CPR देने की क्रिया में आप मरीज के कन्धों के पास घुटनों के बल बैठ जाएं। इसके बाद अपनी एक हाथ की हथेली को मरीज की छाती के बीच में रखें. दूसरे हाथ की हथेली को पहले हाथ की हथेली के ऊपर रखें। अपनी कोहनी को सीधा रखें और कन्धों को मरीज के छाती के ऊपर सीधाई में रखें।
वहीं अपने ऊपर के शरीर के वजन का इस्तेमाल करते हुए मरीज की छाती को कम से कम 2 इंच (5 सेंटीमीटर) और ज़्यादा से ज़्यादा 2.5 इंच (6 सेंटीमीटर) तक दबाएं और छोड़ें। एक मिनट में 100 से 120 बार ऐसा करें। अगर आपको फिर भी सीपीआर देना नहीं आ रहा है, तो व्यक्ति के हिलने डुलने तक या मदद आने तक उसकी छाती दबाते रहें। शायद आपका कोई दवाब उसकी साँसों को दोबारा लाने में सफल हो जाये। उसका हार्ट काम करने लग जाये।