Hundreds of vehicles are parked on the highway

मैरिज पैलेसों व बैंक्वेट हालों ने किया लोगों का जीना मुहाल, आवाजाही होती प्रभावित, हाईवे पर सैकड़ों वाहन कर दिए जाते हैं पार्क, इन मैरिज पैलेस मालिकों को टोकने व रोकने वाला  कोई नहीं

Highway-1

Hundreds of vehicles are parked on the highway

Hundreds of vehicles are parked on the highway : चंडीगढ़। जीरकपुर के ढकोली इलाके में पंचकूला बैरियर के पास करीब एक दर्जन मैरिज पैलेस व बैंक्वेट हालों ने लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है। इन मैरिज पैलेस व बैक्वेट हालों के पास अपनी कोई पार्किंग नहीं है लिहाजा लोग सडक़ों पर ही वाहन पार्किंग करते हैं जिससे सडक़ से गुजर रहे लोगों को दिक्कतें पेश आती हैं। सबसे बुरा हाल तो तब होता है जब शादियों का सीजन रहता है। शादियों का तारा खुलते ही इन मैरिज पैलेसों की पौ-बारह हो जाती है। दिन और रात दोनों समय यहां शादियों की महफिल सजती है। इससे भी महत्वपूर्ण  बात यह है कि ये सभी मैरिज पैलेस व बैंक्वेट हाल चला रहे मालिक बड़े रसूख वाले हैं। इनके खिलाफ जल्दी कोई हाथ नहीं डालता। पुलिस से लेकर तमाम बड़े ओहदों पर तैनात अधिकारियों को ये पुरस्कृत करते रहते हैं। बताया जाता है कि बहुत से अधिकारी तो इन मैरिज पैलेसों में अपने बच्चों की मुफ्त में या काफी कम राशि में ही शादियां कराते हैं।

जीरकपुर से शिमला की ओर जा रहे हाईवे पर पंचकूला बैरियर के साथ सडक़ के दौनों ओर कई सारे मैरिज पैलेस व बैंक्वेट हाल हैं। ये मैरिज पैलेस व बैंक्वेट हाल लोगों की बाहर किसी अच्छी जगह प्रोग्राम कराने की अभिलाषा को पूरा करते हैं। इन मैरिज पैलेसों की क्षमता की बात करें तो 200-250 से लेकर 2 हजार तक की क्षमता के भी मैरिज पैलेस यहां मौजूद हैं। खुले लॉन के साथ बारिश इत्यादि के सीजन को देखते हुए बैंक्वेट हाल भी यहां बनाये गए हैं। जिस दिन भी किसी बैंक्वेट हाल में बुकिंग होती है, सडक़ पर ट्रैफिक का बुरा हाल हो जाता है। इसकी वजह है इन मैरिज पैलेसों के पास खुद की पार्किंग का न होना। यहां खड़े किया गया सिक्योरटी स्टाफ प्रमुख हाइवे पर ही कारों व अन्य वाहनों की पार्किंग करवा देता है। एक मैरिज हाल के बाहर सैकड़ों की तादाद में खड़ी गाडिय़ां हाइवे की आवाजाही को प्रभावित करती हैं। मुश्किल उस वक्त ओर ज्यादा हो जाती है जब लाइन में बने ज्यादातर मैरिज पैलेस बुक होते हैं। सडक़ किनारे हाइवे से लेकर साथ सटती कालोनी की सडक़ों तक पर वाहन पार्किंग में लगा दिये जाते हैं। इन कालोनियों में पहले ही पार्किंग का बुरा हाल है। लोगों के खुद के वाहन भी बाहर खड़े होते हैं। इससे सडक़ों पर आवाजाही बुरी तरह प्रभावित होती है। हाइवे पर तो और भी ट्रैफिक रुकने लग जाता है। रही सही कसर तब पूरी हो जाती है जब इन मैरिज पैलेस के पास ही बारात एकत्रित होती है और सडक़ पर ढ़ोल बाजे के साथ चलती है। घोड़ा गाड़ी और बैंड वालों का साथ बाराती सडक़ से हटने का नाम नहीं लेते। इससे दूर तक ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति बन जाती है। मेन हाइवे पर वाहन पार्किंग के चलते चलने का रास्ता तक नहीं बचता। इन मैरिज पैलेसों की इस मनमानी को रोकने के लिए न तो जीरकपुर ट्रैफिक पुलिस और न ही नगर कौंसिल कोई कदम उठाती है। इन मैरिज पैलेसों के बराबर में ही कई सारे होटल भी बने हैं। ये होटल भी मैरिज पैलेसों के सहयोगी के तौर पर काम करते हैं। यहां भी दूर दराज से पहुंचे बाराती या अन्य मेहमान अपने वाहन सडक़ों पर ही पार्क करते हैं। कई कई दिन तक ये गाडिय़ां यहां सडक़ों पर पार्क रहती हैं।

मुनाफा खुद को, परेशानी लोगों को

मैरिज पैलेस शादी के लिए पहुंचे परिवार से मोटी रकम वसूलते हैं। इन मैरिज पैलेसों के पास शादी के लिए तो 2 से 3 हजार तक के मेहमानों के लिए क्षमता है लेकिन अपने अंदर पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं। आसपास बसे लोगों का कहना है कि कुछ मैरिज पैलेस में व्यवस्था तो है लेकिन वाहनों को इनके मालिक अंदर नहीं घुसवाना चाहते। नियमों के मुताबिक इन मैरिज पैलेस मालिकों को अपने कस्टमर के शादियों या प्रोग्राम में आए वाहन अंदर पार्किंग बनवा कर लगवाने चाहिएं लेकिन स्थानीय पुलिस के साथ साथ नगर कौंसिल के अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं देते। सर्दियों में शादी का सीजन चरम पर रहता है। ऐसा ही शादियों का साहा इस मई महीने में बताया जा रहा है। पहले 20-22 दिन शादियों की तारीखें हैं। हिंदुओं में ज्यादातर शादियां रात को ही होती हैं। दूरदराज के स्थानों से लडक़े व लडक़ी वाले इन मैरिज पैलेसों के आसपास होटल बुक करा लेते हैं। कुछ होटलों के पास तो वाहनों को खड़ा करने की पार्किंग है लेकिन ज्यादातर बाहर सडक़ या उसके पास ही वाहन पार्क करा देते हैं। इससे ट्रैफिक व आवाजाही प्रभावित होती है। कई मर्तबा तो टोकने पर सडक़ पर वाहन लगाने वाले झगड़े पर उतारु हो जाते हैं। ममता एनक्लेव, लक्ष्मी एनक्लेव, ग्रीन एनक्लेव, अजीत एनक्लेव, शांति एनक्लेव सहित अन्य आसपास बसी कालोनियों मेंकरीब 50 हजार बाशिंदे रहते हैं। इन्होंने नगर कौंसिल और ढक़ोली पुलिस से ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु करने को लेकर मदद मांगी है। इनका कहना है कि खासतौर से शादी के सीजन में ट्रैफिक पुलिस की नजर इन मैरिज पैलेसों व बैंक्वेट हालों पर रहनी चाहिए जिससे ये सुनिश्चित हो सके कि वाहन हाइवे या अंदरुनी सडक़ों पर पार्क नहीं किये गए बल्कि इनके अंदर पार्किंग में ही खड़े किये जाएं।

 

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