कैप्टन कूल यानी महेंद्र सिंह धोनी माना रहें है अपना 44वा जन्मदिन, जानें कैसे पड़ा माही का नाम कैप्टन कूल?

msd birthday: महेंद्र सिंह धोनी यानी कि मिस्टर कूल के नाम से मशहूर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्वक कप्तान आज अपना 44 वा जन्मदिन मना रहे हैं। हालांकि महेंद्र सिंह धोनी ने क्रिकेट जगत से संन्यास ले लिया है लेकिन आज भी वह आईपीएल खेलते हैं और उनके फैंस उन्हें आईपीएल खेलते देखा काफी खुश भी होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि महेंद्र सिंह धोनी को कैप्टन कूल क्यों बुलाया जाता है? आईए जानते हैं।
कैप्टन कूल नाम के पीछे छिपी है यह कहानी
धोनी के फैंस उन्हें प्यार से कैप्टन कूल बुलाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैप्टन कूल बुलाने के पीछे एक कहानी छुपी है। 2016 के T20 वर्ल्ड कप के दौरान जब भारत को बांग्लादेश से जीत हासिल करने के लिए सिर्फ एक विकेट चाहिए थी उस वक्त जब पूरा स्टेडियम सभी खिलाड़ी काफी दबाव में थे तब महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी सूझबूझ और शांति दिमाग से तिगड़म लगाकर भारत को जीत दिलाई।आखिरी गेंद पर खुद विकेटकीपर की जगह दौड़कर रन आउट किया और भारत को जीत दिला दी। उन्होंने न तो विकेट के पीछे चिल्लाया, न कोई पैनिक दिखाया बस शांति से प्लान बनाया और उसे अंजाम दिया।उन्होंने कभी भी मैदान पर गुस्सा या तनाव जाहिर नहीं किया चाहे स्थिति कितनी भी गंभीर क्यों न हो। उनके चेहरे की शांत मुस्कान, मैदान पर चुपचाप सोचता हुआ दिमाग और आखिरी ओवर में भी बिना घबराए फैसला लेना, यही उनकी पहचान बन गया।
कैप्टन कूल बनने जा रहा है ब्रांड!
महेंद्र सिंह धोनी या माही आज क्रिकेट जगत में एक ऐसा नाम है जिनकी क्रिकेट खेलने की स्टाइल, शांत स्वभाव और कैप्टेंसी के सभी दीवाने हैं। माही के शांत सोच, मजबूत नेतृत्व और बेमिसाल फिनिशिंग स्टाइल के लिए भारत के करोड़ो फैंस ने उन्हें ‘कैप्टन कूल’ नाम दिया। सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि माही अब अपने फैंस के द्वारा प्यार से दिए इस नाम को ब्रांड बनाने जा रहें हैं। जी हां! महेंद्र सिंह धोनी ने कैप्टन कूल नाम को ब्रांड बनाने का ठान लिया है और इसके लिए ट्रेडमार्क अप्लाई कर दिया है। यह सिर्फ एक ट्रेडमार्क नहीं, बल्कि उस इमोशनल बॉन्ड का प्रमाण है जो धोनी और उनके फैंस के बीच बना है।
महेंद्र सिंह धोनी की क्रिकेट जर्नी
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को झारखंड में हुआ था। एक छोटे से शहर से आने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने कभी नहीं सोचा था कि क्रिकेट उनके जीवन में एक नई कहानी लिख सकता है। उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में एक फुटबॉल गोलकीपर के रूप में स्पोर्ट्स में एंट्री मारी थी, लेकिन उनके कोच ने जब उनका जज्बा देखा तो उन्होंने धोनी को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया और धीरे-धीरे क्रिकेट धोनी की जिंदगी बन गया। महेंद्र सिंह धोनी ने टीटीई की नौकरी भी की है लेकिन उनके क्रिकेट का सपना और उनकी रुचि ने उन्हें क्रिकेट की तरफ मोड़ दिया। भारतीय क्रिकेट टीम में 2004 में महेंद्र सिंह धोनी ने एंट्री ली और इसके बाद जैसे उनकी जिंदगी ही बदल गई। उनकी आक्रामक बैटिंग, लंबे छक्के और आत्मविश्वास ने सबको चौंका दिया। 2007 में भारतीय क्रिकेट टीम का T20 वर्ल्ड कप हारने के बाद जब टीम को दोबारा से बनाया जा रहा था तब महेंद्र सिंह धोनी को कप्तान चुना गया।उसी साल उन्होंने भारत को पहला टी20 वर्ल्ड कप जिताया। इसके बाद 2011 में वनखेड़े स्टेडियम में उनका छक्का भारत को वनडे वर्ल्ड कप जिताने का ऐतिहासिक पल बन गया। धोनी की कप्तानी में भारत ने ICC की तीनों बड़ी ट्रॉफियां – T20 WC, ODI WC और Champions Trophy जीतीं। उनकी निर्णय लेने की क्षमता, खिलाड़ियों पर विश्वास, और संकट की घड़ी में शांत रहने की आदत ने उन्हें नायक बना दिया।