‘Hatred, slander, enmity and jealousy in the mind leads a man to downfall’

‘मन में नफरत निन्दा वैर ईर्ष्या के भाव से इन्सान पतन की ओर जाता है’

‘Hatred, slander, enmity and jealousy in the mind leads a man to downfall’

‘Hatred, slander, enmity and jealousy in the mind leads a man to downfall’

‘Hatred, slander, enmity and jealousy in the mind leads a man to downfall’- चंडीगढ़I जिस प्रकार किसी बर्तन से जब तक गन्दा पानी बाहर नहीं निकाला जाता तब तक उसमें साफ पानी नहीं भरा जा सकता ठीक इसी प्रकार जब तक हम अपने मन से किसी के प्रति नफरत निन्दा वैर ईर्ष्या के भाव नहीं निकालते तो हमारे मन में प्यार नम्रता के भाव उत्पन्न नहीं होते तथा इन्सान मानसिक विकास की बजाए पतन की ओर गिरता चला जाता है, ये उद्गार  यहां सैक्टर 30 में स्थित सन्त निरंकारी सत्संग भवन में हुए महिला समागम में हज़ारों की संख्या में उपस्थित श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए प्रचारक बहिन सिमरन वर्मा जी ने व्यक्त किए ।

बहिन वर्मा ने जीवन में आने वाली उतराईयां चढ़ाईयों का सामना करने की चर्चा करते हुए कहा कि हमें हर परिस्थिति का धैर्ये और सहजता से सामना करना चाहिए और ऐसे समय में यदि हमें संसार का मालिक याद है तो फिर दुख भी हमें उतना दुख नहीं देता जितना कि हमें अनुमान होता है। 

अपनी मानसिक अवस्था को हर समय खुश रखने के बारे में बहिन जी ने कहा कि हम देखा देखी में कई बार ऐसी चीज़ें हासिल करने के लिए घर का माहौल खराब कर देते हैं जबकि उन चीज़ों की हमें आवश्यकता नहीं होती, हमें दिखावे के चक्करों में न पड़ कर परमात्मा ने जो दिया है उसी में ही संतुष्ट रहते हुए इस निरंकार का शुक्रिया करते हुए अपनी जिम्मेवारियों को अच्छी तरह से निभाना चाहिए । इसके अतिरिक्त किसी की निन्दा करने या सुनने से परहेज करने की प्रेरणा देते हुए बहिन वर्मा ने कहा कि हमें अधिकतर किसी की निन्दा सुनने में मजा आता है जिससे धीरे धीरे हमारे मन में भी घर के सदस्यों की प्रति उस तरह के भाव पैदा होने लगते हैं इसलिए हमें न तो कभी किसी की निन्दा करनी चाहिए और न ही सुननी चाहिए । हम घर में कई बार बुजुर्गों को उचित सम्मान नहीं देते उस समय हम यह भूल जाते हैं कि एक दिन हमने भी इस अवस्था में पहुंचना है । बुजुर्गों के आशीर्वाद में बहुत ताकत होती है, अपने माता पिता व घर में बुजुर्गों की सेवा में कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए ।

समागम के दौरान अनेकों बहिनों ने भजनों, कविताओं, स्किट, व्याख्यानों द्वारा भक्ति भरे एवं शिक्षाप्रद भाव प्रस्तुत किये ।

इससे पूर्व चंडीगढ़ के जोनल इन्चार्ज श्री ओ.पी. निरंकारी ने बताया कि सत्गुरू माता सुदीक्षा जी द्वारा हम सबको ब्रहमज्ञान प्रदान किया गया है और हमें इस निरंकार प्रभु का साक्षात्कार करवाया है इसलिए हमारे जीवन का मुख्य उद्देश्य हमें जीते जी अपनी आत्मा को परमात्मा के साथ इकमिक करना है जिसके लिए सत्संग सेवा सिमरन अनिवार्य हैं क्योंकि इनके बिना जीवन के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकती । संयोजक श्री नवनीत पाठक जी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वालों व इस अवसर पर उपस्थित सभी श्रोताओं का धन्यवाद व स्वागत किया ।