Panchkula's sex ratio improves : मगर प्राइवेट अस्पतालों में 70 फीसद सीजेरियन मामलों ने बढ़ाई चिंता
- By Bharat --
- Saturday, 04 Oct, 2025

Panchkula's sex ratio improves
Panchkula's sex ratio improves: पंचकूला। जिला पंचकूला में अल्ट्रासाउंड से पहले सभी एएनसी मामलों के लिए अनिवार्य आरसीएच आईडी लागू करने और एमटीपी केंद्रों को विनियमित करने के साथ अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए सख्त कदम के चलते जनवरी-सितंबर 2025 के दौरान लिंगानुपात 37 प्रतिशत अंकों की वृद्धि के साथ 951 हो गया है। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में 70 फीसदी सीजेरियन के मामलों ने विभाग की चिंता बढ़ा दी है।
जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) की स्थिति के बारे में यह जानकारी सिविल सर्जन डा. मुक्ता ने दी।
सिविल सर्जन ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि निजी अस्पतालों में सीज़ेरियन सेक्शन की दर 70 प्रतिशत से अधिक है, जबकि सरकारी अस्पतालों में यह 30 प्रतिशत से कम है। उन्होंने जिला के नागरिकों से अपील की कि वे सरकारी अस्पतालों में प्रसव को प्राथमिकता दें, जहां साक्ष्य-आधारित, सुरक्षित और किफ़ायती मातृ स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाती हैं।बालिकाओं के महत्व और पीसी-पीएनडीटी के सख्त क्रियान्वयन के बारे में जागरूकता फैलाने में पूर्ण सहयोग देने का अनुरोध किया गया। पंचकूला में जन्म के समय लिंगानुपात को बनाए रखने और उसे और बेहतर बनाने के लिए मीडिया, समुदाय और सभी हितधारकों का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने बताया कि साल 2024 में जन्म के समय लिंगानुपात 914 था। बीते 12 सप्ताह से अधिक के मामलों की रिवर्स ट्रैकिंग के अलावा सितंबर तक 60 मामलों की ट्रैकिंग की जा चुकी है और आरोपियों के विरुद्ध 2 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसका असर यह है रहा कि एमटीपी मामलों की संख्या 2024 में 355 से घटकर सितंबर 2025 तक 63 हो गई है।
लिंगानुपात में सुधार समन्वित प्रयासों का नतीजा
सिविल सर्जन ने कहा कि लिंगानुपात यह सुधार जिला प्रशासन द्वारा किए गए निरंतर प्रवर्तन उपायों, सामुदायिक जागरूकता और समन्वित प्रयासों को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि जिले ने अल्ट्रासाउंड और एमटीपी केंद्रों को विनियमित करने और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। हालांकि, जिला के चपलाना, मंधना, समलेहड़ी, पिंजौर-II, रथपुर, कोट, खतौली, ककराली, टिक्कर, चांदी टांडा गांवों का लिंगानुपात सुधार में विशेष योगदान रहा है। खराब प्रदर्शन करने वाले गांवों में भोरियान, भोज कोटी, खेतपुराली, मौली, मोरनी, प्यारेवाला, पलासरा, पुराना पंचकूला, धारला, चिकन गांव शामिल हैं।
निरीक्षण के बाद हुई कार्रवाई
सितंबर तक जिला में 57 पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्र, 33 पंजीकृत एमटीपी केंद्र हैं। सिविल सर्जन ने कहा कि समय समय पर 137 पीएनडीटी केंद्रों, 46 एमटीपी केंद्रों और 15 बीएएमएस डॉक्टरों की जांच की गई। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 11 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए जिनमें पीसी-पीएनडीटी के तहत 7 और एमटीपी अधिनियम के तहत 4 नोटिस जारी किए गए, जबकि 20 एमटीपी केंद्रों का निरस्तीकरण किया गया।
उन्होंने बताया कि 7 पीसी-पीएनडीटी/एमटीपी अधिनियमों के तहत कार्रवाई की गई। अनुपालन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से औचक निरीक्षण और क्षेत्रीय ऑडिट किए गए हैं।
मुखबिरों/फर्जी लोगों के लिए प्रोत्साहन और सुरक्षा
सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में जांच के दौरान सामने आए उल्लंघनों की सूचना देने में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के तहत मुखबिर को 1,00,000, फर्जी के तौर पर 25,000, एमटीपी अधिनियम के अंतर्गत को मुखबिर को 10,000 और फर्जी: 25,000 दिए गए। उन्होंने कहा कि मुखबिरों और फर्जी की गोपनीयता और सुरक्षा का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने 2025 में उठाए ये कदम
सिविल सर्जन ने कहा कि अल्ट्रासाउंड से पहले सभी एएनसी मामलों के लिए अनिवार्य आरसीएच आईडी लागू करना, उल्लंघनकर्ताओं के विरुद्ध लक्षित छापेमारी और एफआईआर के माध्यम से कानूनी प्रवर्तन, एमटीपी/गर्भपात के मामलों में कार्रवाई की गई है। सिविल सर्जन ने कहा कि मानदंडों का उल्लंघन करने वाले एमटीपी केंद्रों का पंजीकरण रद्द करना और निरीक्षण और निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर स्वास्थ्य विभाग का फोकस रहेगा।