चांदपुर सरपंच सूरजपाल उर्फ भूरा बने बाढ़ पीड़ितों के मसीहा

Messiah of Flood Victims
जान पर खेलकर किया रेस्क्यू, राहत कार्य लगातार जारी
फरीदाबाद। दयाराम वशिष्ठ: Messiah of Flood Victims: यमुना के बढ़ते जलस्तर से चांदपुर गांव में हालात बिगड़ते ही खेतों में काम कर रहे किसानों और मजदूरों की जान पर बन आई। अचानक आए बाढ़ के पानी ने सभी को चारों तरफ से घेर लिया। ऐसे कठिन समय में गांव के सरपंच सूरजपाल उर्फ भूरा ने हिम्मत और मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर रेस्क्यू अभियान चलाया। उन्होंने बाढ़ में फंसे सभी 33 किसानों और मजदूरों को सुरक्षित निकालकर गांव के सरकारी स्कूल और सामुदायिक केंद्र तक पहुंचाया।
यही नहीं, सरपंच सूरजपाल ने राहत शिविर में भोजन, पीने का पानी और जरूरी सुविधाओं की पूरी व्यवस्था कराई, ताकि प्रभावित लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। उनकी तत्परता और सक्रियता के चलते आज कई परिवार सुरक्षित और राहत की सांस ले पा रहे हैं।
गांववासियों ने कहा कि जिस साहस और जज्बे के साथ सूरजपाल ने आपदा की इस घड़ी में नेतृत्व किया है, वह काबिले तारीफ है। लोगों का कहना है कि सरपंच सूरजपाल आज सच में “जनता के रखवाले” बनकर सामने आए हैं।
सूरजपाल, जो कि सरपंच संगठन के प्रधान भी हैं, ने प्रदेशभर के सभी सरपंचों से अपील की है कि बाढ़ जैसी आपदाओं के समय तत्परता दिखाएं और हर परिस्थिति में अपने-अपने गांवों के लोगों की सुरक्षा और मदद को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि इस समय इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है और सभी को मिलकर सहयोग की भावना से आगे आना होगा।
चांदपुर के लोगों का मानना है कि अगर सरपंच सूरजपाल ने समय पर कदम न उठाया होता, तो हालात और भी गंभीर हो सकते थे। उनके इस साहसिक और मानवीय कदम ने न केवल गांव में बल्कि पूरे क्षेत्र में सरपंच संस्था की छवि को और मजबूत किया है।