Haryana Urban Body Ownership Scheme

हरियाणा सरकार की इस योजना ने किरायेदारों को बना दिया मालिक, देखें क्या है स्कीम

Haryana Urban Body Ownership Scheme

Haryana Urban Body Ownership Scheme

हरियाणा के सभी विभागों में लागू होगी स्वामित्व योजना

दो सप्ताह में तैयार होगा योजना ड्राफ्ट, मिलेगी कैबिनेट की मंजूरी

Haryana Urban Body Ownership Scheme- हरियाणा (Haryana) में 20 साल से अधिक समय से किराये या लीज पर चल रही पालिकाओं की व्यवसायिक भूमि की मलकियत उन पर काबिज व्यक्तियों को देने के लिए बनाई गई शहरी निकाय स्वामित्व योजना (Haryana Urban Body Ownership Scheme) को अन्य विभागों द्वारा भी अपनाया जाएगा। इसके लिए 15 दिन के भीतर-भीतर योजना का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। जिसके बाद मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर मोहर लगेगी।

हरियाणा सरकार द्वारा शहरी स्वामित्व योजना को लागू करके नगर पालिका, नगर परिषद तथा नगर निगम (Municipal Corporation haryana) की जमीन पर बनी दुकानों के पुराने किराएदारों को मालिकाना हक दिए थे।

अब सरकार के संज्ञान में आया है कि प्रदेश में कई जगह जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, मंडी बोर्ड व बिजली निगमों (Public Health Engineering Department, Public Works Department, Education Department, Mandi Board and Electricity Corporations) की जमीन पर भी दुकानें बनी हुई हैं। जिनमें बीस साल से पुराने किराएदार रह रहे हैं। ऐसे लोगों को मालिकाना हक देने के लिए नई नीति तैयार की जाएगी।

हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल (Haryana Chief Secretary Sanjeev Kaushal) ने गुरुवार को चंडीगढ़ में अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि योजना का प्रारूप 15 दिनों में तैयार करें। तत्श्चचात प्रारूप को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, वित्त विभाग को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और अंतिम मंजूरी के लिए मंत्रिपरिषद की बैठक में लाया जाएगा।

कौशल ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा मुख्यमंत्री (Chief Minister) शहरी निकाय स्वामित्व योजना जनू, 2021 में बनाई गई थी। इसके तहत, शहरी निकायों के उन सभी नागरिकों को मालिकाना हक प्रदान किया गया, जिनके पास व्यावसायिक भूमि का 20 साल या 20 साल से अधिक कब्जा है। इस योजना के तहत जो व्यक्ति किराये या लीज के माध्यम से भूमि पर 20 साल से काबिज हैं, उन्हें कलेक्टर रेट का 80 प्रतिशत तक भुगतान करने पर मालिकाना हक दिया जा रहा है। इसी प्रकार, भूमि पर काबिज वर्षों की सीमा के अनुसार क्लेक्टर रेट का अलग-अलग दर पर भुगतान करना होगा। जैसे, 25 साल तक काबिज व्यक्ति को कलेक्टर रेट का 75 प्रतिशत, 30 साल तक 70 प्रतिशत, 35 साल तक 65 प्रतिशत, 40 साल तक 60 प्रतिशत, 45 साल तक 55 प्रतिशत और 50 साल तक 50 प्रतिशत का भुगतान करने पर मालिकाना हक दिये जाने का प्रावधान है।

अब सरकार ने निर्णय लिया है कि निकायों के अलावा अन्य विभागों की जमीनों पर भी इसी प्रकार से नागरिकों को मालिकाना हक देने के लिए प्रदेशभर में एकरूपता लाते हुए नये सिरे से योजना बनाई जाएगी।

Haryana Urban Body Ownership Scheme- प्रदेश में 1730 को जारी हुए लेटर ऑफ इंटेंट

हरियाणा के मुख्य सचिव ने बताया कि शहरी निकाय स्वामित्व योजना के पहले चरण के दौरान लगभग 7 हजार आवेदन आए थे। 1730 आवेदकों को लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) जारी हो चुके हैं। योजना के प्रावधानों व नियम एवं शर्तों के अनुसार 1100 आवेदन रद्द कर दिए गए थे। 1130 आवेदन ऐसे पाये गए, जिनमें भूमि अन्य विभागों से संबंधित है। इसलिए अन्य विभागों द्वारा भी इस प्रकार की योजना बनाई जानी चाहिए।
 

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