Focus on making UP teachers digitally active instead of manual tasks

यूपी के शिक्षकों को मैनुअल कार्यों के बजाए डिजिटली एक्टिव करने पर फोकस

Focus on making UP teachers digitally active instead of manual tasks

Focus on making UP teachers digitally active instead of manual tasks

Focus on making UP teachers digitally active instead of manual tasks- लखनऊ। उत्तर प्रदेश के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ-साथ सरकार प्राइमरी शिक्षकों को भी स्मार्ट वर्किंग स्टाइल अपनाने के लिए जोर दे रही है। इसी क्रम में राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर डिजिटल रजिस्टर्स नाम से नए मॉड्यूल का विकास किया जा रहा है।

इस मॉड्यूल के आधार पर डिजिटल रजिस्टर्स के उपयोग के संबंध में शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद ये शिक्षक स्मार्ट तरीके से विद्यालय से जुड़े रोजमर्रा के काम को डिजिटली अपडेट कर पाएंगे। उन्हें मैनुअली रजिस्टर नहीं भरना होगा, बल्कि मोबाइल से ही सारे काम हो जाएंगे। शिक्षकों के प्रशिक्षण के संबंध में विभाग द्वारा जल्द ही नियमावली जारी की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि प्राथमिक विद्यालयों में मैनुअल रजिस्टर के बजाए अब शिक्षक डिजिटल रजिस्टर का उपयोग करेंगे। इसके लिए सरकार की ओर 12 रजिस्टर्स को डिजिटल करने का निर्देश दिया गया है। आगे चलकर इन पर ऑनलाइन रियल टाइम अपडेशन भी किया जाएगा।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डॉ. पवन कुमार ने इस संबंध उप शिक्षा निदेशक और समस्त जनपदों के जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य को टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालय रजिस्टर्स के डिजिटलाइजेशन और शिक्षकों के प्रशिक्षण के संबंध में पत्र जारी करके जानकारी दी है।

इसके अनुसार, डिजिटल रजिस्टर्स का उपयोग विद्यालयों में प्रभावी होने के पहले के समस्त रजिस्टर विद्यालय स्तर पर अभिलेख के रूप में संरक्षित किए जाएंगे। डिजिटल रजिस्टर्स के प्रभावी होने पर इन रजिस्टर्स का अवलोकन खंड शिक्षा अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिलाधिकारी एवं राज्य उच्चाधिकारियों द्वारा प्रेरणा एप पर किया जाएगा एवं प्रेरणा पोर्टल के नए डिजिटल रजिस्टर्स मॉड्यूल में डिजिटल किए गए रजिस्टर्स में अंकित विवरण ही प्रमाणित माने जाएंगे।

विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ शिक्षकों को दिन भर की तमाम गतिविधियों के लिए कई सारे रजिस्टर पर भी काम करना होता है। इसमें शिक्षकों का काफी समय चला जाता है। सरकार का प्रयास है कि शिक्षक इस समय का सदुपयोग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में करें। इसीलिए डिजिटल रजिस्टर के कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है। जो रजिस्टर डिजिटल किए जाने हैं, उनमें उपस्थिति रजिस्टर, प्रवेश रजिस्टर, कक्षावार छात्र उपस्थिति रजिस्टर, एमडीएम रजिस्टर, समेकित निशुल्क सामग्री वितरण रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर शामिल हैं।

इसके अलावा आय-व्यय व चेक जारी करने वाला रजिस्टर, बैठक रजिस्टर, निरीक्षण रजिस्टर,पत्र व्यवहार रजिस्टर, बाल गणना रजिस्टर, पुस्तकालय व खेलकूद रजिस्टर को भी डिजिटलाइज किया जाएगा। इससे पूर्व अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने भी रजिस्टर्स के डिजिटलाइजेशन के विषय में निर्देश दिए थे। निर्देश में कहा गया था कि शिक्षक व प्रधानाध्यापक डिजिटल रजिस्टर एप का प्रयोग अपने मोबाइल/स्मार्टफोन से करते हुए सभी सूचनाओं को अपलोड करेंगे।

बीईओ, बीएसए, सीडीओ, डीएम व राज्य स्तर के अधिकारी इससे संबंधित सूचनाओं को प्रेरणा एप पर देख सकेंगे। रजिस्टर के डिजिटल होने के बाद किसी भी तरह के रजिस्टर का प्रयोग विद्यालय या अन्य स्तर पर नहीं किया जाएगा। डिजिटल रजिस्टर में दर्ज सूचनाएं ही प्रामाणिक मानी जाएंगी। इससे पारदर्शिता आएगी और डाटा में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी।