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हिसार में 30 घंटे बाद भी नहीं मिला किसान, देखें क्या है मामला 

Reshque

हिसार। हरियाणा के हिसार जिले के गांव स्याहड़वा में कुएं में मिट्टी के नीचे दबे किसान जयपाल हुड्डा (Jaipal Hooda) की तलाश में सेना और एनडीआरएफ की टीम ने 43 फुट नीचे पहुंच गई। फिलहाल 30 घंटे बाद भी किसान को निकाला नहीं जा सका है। सोमवार को रेस्क्यू ऑपरेशन को उस समय धक्का लगा जबकि 35 फुट खुदाई पर पोकलेन मशीन से मिट्टी कटाव के दौरान कुएं में फिर से मिट्टी की थेह गिर गई। कहा जा रहा है कि बचाव दल किसान के आसपास पहुंच चुका है। कोई और दिक्कत खी नहीं हुई तो जल्द ही उसे निकाला जा सकता है।

बता दें कि कुएं में मिट्टी के नीचे दबे दो लोगों में से एक मजदूर जगदीश उर्फ फौजी को सेना और एनडीआरएफ की टीम ने 21 घंटे बाद सोमवार सुबह 4:37 बजे बाहर निकाला। वह पूरी तरह से मिट्टी में दबा हुआ था और उसकी मौत हो चुकी थी। खेत मालिक जयपाल को निकालने के लिए कुएं से मिट्टी निकालने का काम दोबारा शुरू हो गया है। उसे 30घंटे बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है।

खराब मौसम के चलते करीब तीन घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा। अब करीब तीन घंटे से उसको निकालने के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीम लगी है। जयपाल के कई फुट नीचे मिट्टी में दबे होने की बात सामने आई है। इससे पहले खराब मौसम और बार बार बिजली गुल होने के चलते रात को रेस्क्यू अभियान को जारी रखने में कड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।


बता दें कि हिसार से करीब 33 किलोमीटर दूर भिवानी बॉर्डर पर स्थित गांव स्याहड़वा जिला हिसार का अंतिम गांव है। रविवार सुबह सवा सात बजे के करीब गांव स्याहड़वा का किसान जयपाल गांव के ही एक मजदूर जगदीश उर्फ फौजी को लेकर खेत में गया था। जयपाल को अपने खेत में बने गहरे कुएं में पानी की मोटर को रखने के लिए बरगा लगाना था। इस दौरान जयपाल ने कुएं में सीढी लगाई और जगदीश ने उपर से सीढ़ी को पकड़ लिया। जयपाल कुएं में उतर गया।

जयपाल कुएं के अंदर बरगा डालने के लिए उसकी दीवार में छेद कर ही रहा था कि कुएं की मिट्टी नीचे खिसक गई। मिट्टी की एक बड़ी थेह गिरने से जयपाल उसके नीचे दब गया। इस बीच सीढ़ी भी अचानक नीचे खिसक गई और उसे पकड़े खड़ा मजदूर जगदीश भी नीचे जा गिरे। वह भी मिट्टी में दब गया।
40 फुट गहरे कुएं में गिरे जयपाल और जगदीश को बचाने के लिए रविवार सुबह से ही अभियान चल रहा था। जेसीबी से मिट्टी हटाई गई, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी शाम को 5 बजे के बाद तब आई जबकि सेना और एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला। चार पोकलेन मशीनों से कुएं के समानांतर खुदाई की गई। रात को मौसम भी खराब हुआ, लेकिन अभियान चालू रहा। खराब मौसम और बिजली गुल होने के कारण बीच बीच में कुछ समय के लिए अभियान को ब्रेक देना पड़ा।

सोमवार सुबह 4:37 बजे कुएं से जगदीश उर्फ फौजी को बाहर निकालने में सफलता मिली। इससे पहले बचाव दल ने कुएं में फंसे लोगों को सीधे एंबुलेंस तक ले जाने के लिए एक रैंप भी तैयार कर लिया। जगदीश को ऊपर लाया गया तो वहां मौजूद डॉक्टरों की टीम ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
इस बीच सुबह 4:40 बजे तेज अंधड़ शुरू हो गया। इसके चलते कुएं में फंसे खेत मालिक जयपाल को निकालने के लिए चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन रोक देना पड़ा। सेना व एनडीआरएफ की टीम ने सुबह 7 बजे के फिर से कुएं से मिट्टी की खुदाई का काम शुरू कर दिया है।