Deputy Chief Minister Mukesh Agnihotri made an important decision related to fake registration of expensive vehicles
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अब महंगी गाड़ियों के फर्जी पंजीकरण में करोड़ों के घोटाले में दर्ज होंगे आपराधिक केस

Cheif Deputy Minister Mukesh Agnihotri made decision related to fake registration of expensive vehicles

Deputy Chief Minister Mukesh Agnihotri made decision related to fake registration of expensive vehic

शिमला:लैंबोर्गिनी, मर्सिडीज, वॉल्वो, लैंड रोवर, बीएमडब्ल्यू जैसी करोड़ों रुपये की महंगी गाड़ियों के फर्जी पंजीकरण में हुए करोड़ों के घोटाले में अब आपराधिक कार्रवाई शुरू होगी। डिप्टी सीएम एवं परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इस घोटाले में उच्चाधिकारियों को आपराधिक केस दर्ज करने के विभागीय आदेश दे दिए हैं। हिमाचल प्रदेश में 1 से 6 करोड़ रुपये की कीमत वाली 1,800 महंगी गाड़ियों के पंजीकरण कम कीमत दिखाकर और फर्जी दस्तावेज लगाकर एजेंटों ने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ मिलकर किए थे।

एजेंटों ने भी इसमें गाड़ियों के मालिकों से कमीशन ली थी। यानी अब इन महंगी गाड़ियों के मालिकों और पंजीकरण करवाने में शामिल कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर आपराधिक मामले दर्ज हो सकते हैं। डिप्टी सीएम की ओर से आरोपियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के आदेश देने के बाद कई आईएएस, एचएएस अधिकारियों के भी हाथ-पांव फूले हुए हैं। इससे पहले इस मामले में इन लग्जरी गाड़ियों के मालिकों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया जा चुका है और इन सभी गाड़ियों की आरसी भी रद्द कर दी गई हैं।

करोड़ों रुपये की इन महंगी गाड़ियों का फर्जी तरीके से पंजीकरण का सबसे पहले मामला कांगड़ा जिले के इंदौरा में अप्रैल 2021 में सामने आया था। इसके बाद बाद पालमपुर, नूरपुर समेत छह शहरों में गड़बड़ी सामने आई थी। खुलासा हुआ था कि एजेंटों और सरकारी कर्मचारियों ने मिलीभगत कर हिमाचल प्रदेश के कई शहरों में करोड़ों रुपये की महंगी गाड़ियों का फर्जी तरीके से पंजीकरण किया था।

ऐसे किया गया घोटाला

एजेंट करोड़ों रुपये की महंगी गाड़ियां विदेशों से भी आयात कर भारत लाए। एक गाड़ी की कीमत 1 से 6 करोड़ रुपये तक थी। एजेंटों ने इन गाड़ियों के फर्जी बिल, रेंट एग्रीमेंट, स्थायी पता आदि फर्जी दस्तावेज बनाए और एसडीएम दफ्तरों में इन गाड़ियों का पंजीकरण करवा लिया। जो गाड़ी तीन करोड़ रुपये की थी, कागजों में उसका बिल 20 से 40 लाख रुपये था। इससे प्रदेश के राजस्व को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।

जुर्माना लगाया, अब सख्त कार्रवाई जारी : अग्निहोत्री

उपमुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी तक सामने आया है कि करीब 1,800 महंगी गाड़ियां फर्जी तरीके से पंजीकृत हुई हैं। गाड़ियों के मालिकों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया था। सभी गाड़ियों की आरसी भी रद्द कर दी गई है। आगे भी सख्त कार्रवाई जारी है।

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