साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट फ्रॉड मामले में दो शातिर आरोपियो को किया काबू

साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट फ्रॉड मामले में दो शातिर आरोपियो को किया काबू

Cyber ​​Crime Police Arrested Two Vicious Accused

Cyber ​​Crime Police Arrested Two Vicious Accused

पुलिस ने पकड़े गए दोनो आरोपियो को जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया।

रंजीत शम्मी चंडीगढ़। Cyber ​​Crime Police Arrested Two Vicious Accused: यूटी पुलिस का अहम थाना माने जाने वाले साइबर क्राइम पुलिस आए दिन लगातार ऑनलाइन फ्रॉड/डिजिटल अरेस्ट के मामले में लगातार आरोपियों की धरपकड़ कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा रहा है। साइबर क्राइम पुलिस को फिर उस वक्त एक बड़ी कामयाबी मिली।जब पुलिस ने ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट फ्रॉड मामले में दो शातिर आरोपियो को गिरफ्तार किया है।पकड़े गए आरोपियो की पहचान 29 वर्षीय विमल कुमार,26 वर्षीय राज कुमार के रूप में हुई है। आरोपियों के खिलाफ थाना साइबर क्राइम में धारा 419, 420, 467, 471, 120आईपीसी के तहत 6 मई 2024 को मामला दर्ज है। जानकारी के मुताबिक पता चला कि थाना साइबर क्राइम पुलिस को गुप्त सूचना और टेक्निकल तकनीक के जरिए सूचना मिली थी कि ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट फ्रॉड के मामले में आरोपी राजस्थान में सक्रिय है। मामले को गंभीरता से लेते हुए और चंडीगढ़ पुलिस के आला अधिकारियों के दिशा निर्देशों के चलते थाना साइबर प्रभारी इंस्पेक्टर इरम रिजवी की टीम ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने तुंरत उन्हें गिरफ्तार कर लिया।और मामले को सुलझा लिया।

केस समरी

जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता हाउसिंग बोर्ड, धनास निवासी ने पुलिस को बताया था कि उन्हें अपने मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप संदेश मिला। भेजने वाले ने स्टॉक निवेश फर्म का प्रतिनिधित्व करने का दावा किया और एक वेबसाइट लिंक प्रदान किया।लिंक पर क्लिक करने पर, शिकायतकर्ता को स्वचालित रूप से एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया गया।जहाँ स्टॉक ट्रेडिंग टिप्स (खरीद/बिक्री निर्देश) प्रतिदिन साझा किए जाते थे। समूह के सदस्यों ने वेबसाइट http://instiutionstock.com के माध्यम से एक कंपनी का प्रचार भी किया और शिकायतकर्ता के लिए एक व्यक्तिगत खाता बनाया। जिसमें कहा गया कि वह वहाँ अपने निवेश पोर्टफोलियो की निगरानी कर सकता है।शिकायतकर्ता से कई मोबाइल नंबरों के ज़रिए संपर्क किया गया और उसे शेयर बाज़ार में निवेश के बारे में मार्गदर्शन दिया गया। इसके बाद,उसे खाता नंबर (एयू बैंक) दी गई और उसे अपने बैंक खाते से कुल 2,50,000 ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया। 18 अक्तूबर 2023 को, प्लेटफ़ॉर्म को असली मानकर 50,000 की राशि भी निकाल ली गई।उसने आगे 1,00,000 एयू बैंक के खाते में और 1,82,541 एयू बैंक के तीसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए।हालाँकि, जब उसने अपने पैसे निकालने का प्रयास किया, तो उसने पाया कि उसे व्हाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया था और वेबसाइट अब एक्सेस नहीं हो पा रही थी। तब उसे एहसास हुआ कि उसे एक धोखेबाज़ सिंडिकेट द्वारा धोखा दिया गया।

जांच विवरण:

खाता विश्लेषण और डिजिटल साक्ष्य संरक्षित किए गए हैं।और वित्तीय और साइबर फोरेंसिक उपकरणों के माध्यम से धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता लगाया जा रहा है।  20 जून 2025 को जयपुर, राजस्थान से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।यह पाया गया कि आरोपी विमल कुमार लाभार्थी खाते का धारक था जिसमें 1.82 लाख की राशि जमा की गई थी। आरोपी राज कुमार उर्फ ​​राजू का मोबाइल नंबर उक्त लाभार्थी खाते में पंजीकृत पाया गया।पूछताछ के दौरान, दोनों आरोपियों ने अपनी भूमिका स्वीकार की और बताया कि अन्य आरोपी, एक अन्य प्रमुख संदिग्ध है। उसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं।