The gift of increasing greenery year after year

वर्ष दर वर्ष बढ़ती हरियाली की सौगात, निरंकारी मिशन का वननेस वन अभियान

The gift of increasing greenery year after year

The gift of increasing greenery year after year

The gift of increasing greenery year after year- चण्डीगढ़I संत निरंकारी मिशन की हरित चेतना और पर्यावरण के प्रति अटूट समर्पण को निरंतर आगे बढ़ाते हुए रविवार, 17 अगस्त 2025 को ‘वननेस वन’ परियोजना के पांचवें चरण के अंतर्गत देशभर में अनेक नए स्थलों को इस जन-सहभागिता अभियान से जोड़ा जाएगा। प्रातः 6ः00 से 9ः00 बजे तक हज़ारों सेवादार एवं श्रद्धालु एकजुट होकर वृक्षारोपण के माध्यम से प्रकृति के प्रति अपनी निष्ठा और संरक्षण के संकल्प को दोहराएंगे। इसी लड़ी में ग्रीन बेल्ट, सैक्टर 31 चंडीगढ़ और लवली पार्क मोहाली तथा चंडीगढ़ ज़ोन की अन्य ब्रांचों में भी वृक्षारोपण किया जाएगा। 

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के दिव्य मार्गदर्शन में वर्ष 2021 में आरंभ हुई ‘वननेस वन’ परियोजना मात्र वृक्षारोपण का उपक्रम नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ संतुलन और सह-अस्तित्व की भावना को जागृत करने वाला एक महत्वपूर्ण अभियान है। यह हमें ऐसा भाव सिखाता है कि हम प्रकृति से पृथक नहीं अपितु उसी का अभिन्न अंग हैं। अतः इसका संरक्षण करना वास्तव में स्वयं के जीवन और भविष्य की रक्षा करना है। 

वृक्षों के इन रोपित समूह ने इतनी समृद्धता प्राप्त कर ली है कि वे एक ‘लघु वन’ का स्वरूप धारण करते चले जा रहे हैं। यह परिवर्तन केवल हरियाली तक सीमित नहीं रहा बल्कि इन लघु वनों में अब प्रवासी और दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी भी आश्रय लेने लगे हैं, जिनका अस्तित्व एक समय विलुप्ति के कगार पर था।

निःसंदेह, जैव विविधता और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में इन सभी जीवों की महत्वपूर्ण भूमिका है। ‘वननेस वन’ न केवल पर्यावरण की सुरक्षा का माध्यम बन रहा है, बल्कि यह मानव और प्रकृति के बीच पुनः एक आत्मिक संबंध स्थापित कर रहा है। एक ऐसा संबंध जो सच्चे मायनों में ‘एकत्व’ का प्रतीक है।

उल्लेखनीय है कि ‘वननेस वन’ अभियान के अंतर्गत अब तक देशभर में 600 से अधिक स्थलों पर वृक्षारोपण किया जा चुका है। यह पहल केवल हरियाली बढ़ाने का माध्यम नहीं, वरन् ‘लघु वनों’ के रूप में एक स्थायी और संतुलित पर्यावरण की स्थापना की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। मिशन के स्वयंसेवक इन पौधों की देखभाल समर्पण और श्रद्धा से कर रहे हैं क्योंकि उनके लिए प्रत्येक पौधा केवल एक वृक्ष नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों की साँसों का आधार है।

पूज्य बाबा हरदेव सिंह जी का यह स्वर्णिम संदेश - “प्रदूषण अंदर हो या बाहर, दोनों ही हानिकारक हैं”- इस संपूर्ण अभियान की प्रेरणा का मूल आधार बन चुका है। इसी चेतना से प्रेरित होकर, संत निरंकारी मिशन के सेवादार पर्यावरण की शुद्धता के साथ-साथ आंतरिक पवित्रता की दिशा में भी निष्ठापूर्वक कार्यरत हैं क्योंकि जब मन निर्मल होता है, तभी विचार, वाणी और कर्म भी निर्मल होते हैं। 

संत निरंकारी मंडल के सचिव, श्री जोगिंदर सुखीजा जी ने बताया कि ‘वननेस वन’ के अंतर्गत पौधों का चयन स्थानीय पर्यावरण के अनुसार किया जाता है और उनकी देखभाल जैविक खाद, स्वच्छ जल व आधुनिक तकनीकों से की जाती है, जिससे दीर्घकालीन हरियाली सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संकट के इस दौर में मिशन की यह पहल न केवल समयोचित है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणास्रोत भी है। 

निःसंदेह; यह संत निरंकारी मिशन द्वारा प्रकृति के प्रति दायित्वबोध का एक उज्ज्वल उदाहरण है जो समाज को सह-अस्तित्व और संतुलन की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।