Congress veterans are leaving the party due to tussle!

Loksabha Election-2024: खींचतान के चलते कांग्रेसी दिग्गज छोड़ रहे पार्टी! भाजपा ने कांग्रेस पृष्ठभूमि के 6 नेताओं को चुनावी मैनात में उतारा

Congress veterans are leaving the party due to tussle!

Congress veterans are leaving the party due to tussle!

Congress veterans are leaving the party due to tussle!- पंचकूला  (आदित्य शर्मा)। हरियाणा में लोकसभा की सीटों के बंटवारे को लेकर तेज हुई राजनीतिक हलचल के बीच पार्टियों में गुटबाजी अपने चरम पर पहुंच गई है। सत्तारूढ़ भाजपा लोकसभा की सभी 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतार चुकी है, जिनमें 6 नेता कांग्रेस पृष्ठभूमि से हैं। इसके पीछे भी प्रदेश कांग्रेस की आपसी खींचतान को असल वजह बताया जा रहा है जिसके चलते कांग्रेस दिग्गज लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं। वहीं, प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने अभी तक एक सीट पर भी उम्मीदवार नहीं दिया है।

हालांकि, कांग्रेस और आप के इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी कुरुक्षेत्र में अपना उम्मीदवार दे चुकी है। कांग्रेस लोकसभा की सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा अब अगले माह ही करेगी। अप्रैल के पहले पखवाड़े में प्रत्याशियों की सूची जारी हो सकती है। फिलहाल पार्टी का फोकस 31 मार्च को नई दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में होने वाली 'इंडिया' गठबंधन की रैली पर है। हरियाणा की राजनीति पर एक नजर दौड़ाई जाए तो

हिसार से उम्मीदवार बनाए गए जेल व बिजली मंत्री चौ. रणजीत सिंह भी बरसों तक कांग्रेस में एक्टिव रहे हैं। चौ. देवीलाल के पुत्र रणजीत सिंह लोकदल में भी सक्रिय राजनीति कर चुके हैं, लेकिन भाइयों के बीच राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते वे कांग्रेस में सक्रिय हुए। बीच में कुछ समय के लिए भाजपा में भी रहे लेकिन फिर से कांग्रेसी हो गए थे अब एक बार फिर विधिवत रूप से भाजपा में शामिल हुए हैं। गुरुग्राम से भाजपा टिकट पर लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, भिवानी-महेंद्रगढ़ के मौजूदा सांसद धर्मबीर सिंह, रोहतक सांसद अरविंद शर्मा, पूर्व सांसद व सिरसा प्रत्याशी डा. अशोक तंवर तथा कुरुक्षेत्र प्रत्याशी व पूर्व सांसद नवीन जिंदल कांग्रेस पृष्ठभूमि से आते हैं।

2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस में बड़ी उठापठक हुई थी। उस  समय कांग्रेस सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थकों सहित भाजपा ज्वाइन कर ली थी। इसी तरह से पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. वीरेंद्र सिंह भी भाजपा में शामिल हुए। इंद्रजीत सिंह के सााि नजदीकियों के चलते चौ. धर्मबीर सिंह और रमेश चंद्र कौशिक भी भाजपा में आए। रमेश चंद्र कौशिक 2014 और 2019 में सोनीपत से भाजपा सांसद  रहे।

वहीं धर्मबीर सिंह को लगातार तीसरी बार भिवानी-महेंद्रगढ़ से टिकट मिला है। 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले पूर्व सांसद डा. अरविंद शर्मा भी भाजपाई हुए। इन चुनावों में पार्टी ने उन्हें रोतहक से चुनावी मैदान में उतारा और वे कांग्रेस दीपेंद्र  हुड्डा को हराने में कामयाब रहे। अरविंद को लगातार दूसरी बार भाजपा ने रोहतक से टिकट दिया है। वे करनाल से कांग्रेस टिकट पर दो बार सांसद रहे हैं।

गौर करें तो हरियाणा की राजनीति में 2019 में भाजपा ने पहली बार लोकसभा की सभी दस सीटों पर जीत हासिल की थी। भिवानी-महेंद्रगढ़ से धर्मबीर सिंह, फरीदाबाद से कृष्णपाल गुर्जर, अंबाला से रतनलाल कटारिया, कुरुक्षेत्र से नायब सिंह सैनी, करनाल से संजय भाटिया, सोनीपत से रमेश चंद्र कौशिक, रोहतक से डा. अरविंद शर्मा, गुरुग्राम से राव इंद्रजीत सिंह, सिरसा से सुनीता दुग्गल और हिसार से बृजेंद्र ने चुनाव जीता। बृजेंद्र सिंह ने आईएसस सेवाओं से वीआरएस लेकर भाजपा जवाइन की थी। वे अब भजापा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वहीं सनीता दुग्गल, आईआरएस अधिकारी रही हैं और भजापा में शामिल हेाने से पहले वीआरएस ली। इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट कर हिसार से पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर को चुनावी मैदान में उतारा है।