Senior journalist Ved Pratap Vaid is no more

Haryana : दैनिक अर्थ प्रकाश के लिए स्तंभकार एवं वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक नहीं रहे

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Senior journalist Ved Pratap Vaid is no more

चंडीगढ़। देश के राष्ट्रवादी चिंतक एवं वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक अर्थ प्रकाश समाचार पत्र के लिए स्तंभकार वेदप्रताप वैदिक का मंगलवार सुबह गुरुग्राम के सेक्टर-55 स्थित निवास पर हृदय गति रुकने से निधन हो गया।  वे 79 वर्ष  के थे औऱ पूरी तरह स्वस्थ थे। बुधवार 15 मार्च (कल) सुबह 9 बजे से 1 बजे तक उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान, म.नं 242, सेक्टर 55, गुडग़ांव (नजदीक रेपिड मेट्रो स्टेशन) में रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार लोधी  क्रेमेटोरियम, नई दिल्ली-110003 में बुधवार, शाम 4 बजे होगा। यह दुखद सूचना चंडीगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार अरुण जौहर बिश्नोई ने दी।

जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह वे नहाने गए थे, लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं आए। सुबह करीब साढ़े नौ बजे परिवार के लोगों ने दरवाजा तोड़ा, तब वे अंदर बेसुध मिले। आनन-फानन में उन्हें घर के पास स्थित प्रतीक्षा अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि उनका निधन काफी देर पहले ही हो चुका है।

डॉ. वैदिक पत्रकारिता ने राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, और हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया। डॉक्टर वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को इंदौर में हुआ था। अंतरराष्ट्रीय मामलों में जानकार होने के साथ ही उनकी रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा पर पकड़ रही। डॉ. वैदिक नेे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे भारत के ऐसे पहले विद्वान हैं, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिंदी में लिखा। उन्होंने अपनी पीएचडी के शोधकार्य के दौरान न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मॉस्को के  ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया।


कई बड़े मीडिया संस्थानों में रहे संपादक
वेदप्रताप वैदिक ने करीब 10 वर्षों तक पीटीआई-भाषा (हिन्दी समाचार समिति) के संस्थापक-संपादक के तौर पर जिम्मेदारी संभाली। इससे पहले वे नवभारत टाइम्स के संपादक (विचारक) रहे। काफी समय से दैनिक अर्थ प्रकाश समेत उनके लेख अलग-अलग समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहे हैं।

इन पुरस्कारों से हो चुके थे सम्मानित
डॉ. वैदिक को मीडिया और भाषा के क्षेत्र में काम करने के लिए कई सम्मान दिए गए। उन्हें विश्व हिन्दी सम्मान (2003), महात्मा गांधी सम्मान (2008), दिनकर शिखर सम्मान, पुरुषोत्तम टंडन स्वर्ण-पदक, गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, हिन्दी अकादमी सम्मान, लोहिया सम्मान, काबुल विश्वविद्यालय पुरस्कार, मीडिया इंडिया सम्मान, लाला लाजपतराय सम्मान आदि दिए गए। वे कई न्यासों, संस्थाओं और संगठनों में सक्रिय थे।

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