नई दिल्ली(नरेश वत्स)। कांग्रेस तथा वाम दलों के बहिर्गमन के बीच लोकसभा ने वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीने के लिए लेखानुदान मांगों तथा उनसे जुड़े विनियोग विधेयक को सोमवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया। सदन ने वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी अनुपूरक अनुदान मांगों एवं उनसे जुड़े विनियोग विधेयक को भी ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। हालांकि, वित्त विधेयक 2019 को मंगलवार को चर्चा एवं पारित कराने के लिए रखा जायेगा।
इससे पूर्व वित्त मंत्री पीयूष गोयल अंतरिम बजट पर करीब सात घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुये विपक्ष के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि सरकार ने एक तरह से पूर्ण बजट पेश कर परंपराओं का उल्लंघन किया है और बजट चुनाव को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। उन्होंने इन आरोपों को भी गलत बताया कि सरकार वित्तीय अनुशासन बनाये रखने में विफल रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि यदि यह पूर्ण बजट होता तो इसमें नयी घोषणाएं की जातीं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 2014 में चुनाव से पहले अंतरिम बजट में महँगी गाडयि़ों पर कर कम करके अमीरों को राहत देने का प्रयास किया था जबकि हमने बजट में आम आदमी के लिए प्रावधान किया है। पाँच लाख रुपये तक की आमदनी वाले मध्यम वर्ग को कर में पूरी छूट दी है और असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन का प्रावधान किया है।