Chandigarh CCTV Challan

Chandigarh: पुलिस कर रही भरोसा, कैमरे दे रहे गच्चा: महज कुछ ट्रैफिक उल्लंघनों को ही कैमरे दिखा पा रहे, ट्रैफिक पुलिस का पहला सिस्टम था ज्यादा भरोसेमंद, हो रही थी ट्रैफिक चालानों से ज्यादा कमाई  

Chandigarh CCTV Challan

Chandigarh CCTV Challan

Chandigarh CCTV Challan- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस भले ही इंटीग्रेटिड कमांड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) से जुड़े कैमरों के भरोसे ट्रैफिक तोडऩे वालों के चालान कर रही हो लेकिन कैमरे पुलिस को गच्चा दे रहे हैं। बीते कुछ सालों की ट्रैफिक चालानों से हुई पैनेल्टी पर अगर नजर डालें तो ट्रैफिक पैनेल्टी से हुई कमाई बढ़ी नहीं बल्कि घटी है। हैरतंगेज तथ्य यह है कि जो चालान के मामले सामने आ रहे हंै, उनमें कैमरे केवल कुछ ट्रैफिक उल्लंघन ही पकड़ पा रहे हैं। बाकि के उल्लंघनों से ट्रैफिक नियम तोडऩे वाले लगातार बच रहे हैं जिसकी वजह से पैनेल्टी से हो रही आय घट रही है। बीते सालों के रिकार्ड पर अगर नजर डालें  तो एक अन्य हैरानी में डालने वाली जानकारी सामने आई है। वो यह है कि ज्यादातर दोपहिया वाहनों को ट्रैफिक पुलिस ने इंपाउंड किया है। अन्य वाहन तो दोपहिया वाहनों की तुलना में बहुत कम इंपाउंड किये गए हैं। अगर इसे सही मानें तो दोपहिया वाहन चालक ज्यादा गंभीर ट्रैफिक उल्लंघनों में संलिप्त हैं। बाकि वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं?

वर्ष 2019 में ट्रैफिक पुलिस ने औसत रोजाना 215 चालान किये। वर्ष 2020 में रोजाना औसत 496 चालान हुए। वर्ष 2021 में औसत 538 चालान प्रतिदिन किये गए। वर्ष 2022 में औसत 170 चालान रोजाना ट्रैफिक पुलिस ने किये। यहां ये बताना उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक तो कोविड की वजह से पाबंदियां भी लगी रही। सडक़ों पर वाहनों की आवाजाही इस दौरान सीमित रही। बावजूद इसके कोरोना काल के दौरान पुलिस ने औसतन रोजाना ज्यादा चालान किये। यह तथ्य और भी हैरत में डालने वाला है।

वर्ष 2019 में 2,69,855 चालानों से 5 करोड़ 81 लाख, 51 हजार, 850 रुपये कमाई की थी। वर्ष 2020 में कुल 1 लाख 76 हजार 619 चालान किये गए जिससे 8 करोड़ 77 लाख, 4 हजार 130 रुपये (8,77,04,130 रुपये) की कमाई हुई। वर्ष 2021 में कुल 2,32,319 (2 लाख, 32 हजार, 319) चालान ट्रैफिक पुलिस ने किये। इससे ट्रैफिक पुलिस को 12 करोड़, 51 हजार 78 हजार 578 रुपये (12,51,78,578 रुपये) की पैनेल्टी मिली।चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने वर्ष 2022 के दौरान लगभग 6 लाख  चालानों से 10 करोड़, 18 लाख 7 हजार 200 रुपये की राशि कमाई।

कौन जिम्मेदार: कैमरे या पुलिस

इसको लेकर सैकेंड इनिंग एसोसिएशन के प्रधान व आरटीआई में जानकारी लेने वाले आरके गर्ग ने सवाल उठाया है कि प्रति चालान औसत 538 से घटकर 170 प्रति चालान कैसे हो गया?

क्या इंटीग्रेटिड कमांड कंट्रोल सिस्टम प्रणाली दोषपूर्ण है और गंभीर उल्लंघन करने वाले इसकी जद से बच रहे हैं। महज जैबरा  क्रॉसिंग, स्पीड, रेड लाइट व विदआउट हेल्मेट के ही ये कैमरे चालान कर रहे हैं? नगर निगम सीसीटीवी कैमरे लगाने तक की जिम्मेदार है। इससे होने वाले ट्रैफिक उल्लंघनों व पैनेल्टी को ट्रैफिक पुलिस ने देखना है। क्या ट्रैफिक पुलिस या प्रशासन इसका अभी तक आंकलन नहीं कर पाया? उन्होंने कहा कि केवल दोपहिया वाहन ही ज्यादा इंपाउंड क्यों हो रहे हैं, यह भी बड़ी जांच व रिसर्च का विषय है? अगर वाकई दोपहिया वाहन चालक ज्यादा ट्रैफिक उल्लंघन कर रहे हैं तो इन्हें जागरुक कौन करेगा? ये दोपहिया वाहन किस जुर्म में इंपाउंड किये, इसकी जानकारी दी जाए। आंकड़े बता रहे हैं कि क्या यह जुर्म लगातार समाप्त हो गया है? कार व अन्य वाहनों को इंपाउंड क्यों नहीं किया जा रहा।

वर्ष 2019 में 15723 वाहन इंपाउंड किये गए। इनमें 7387 दोपहिया वाहन थे। 2020 में 16,870 वाहन इंपाउंड हुए जिसमें 13175 दुपहिया वाहन थे। वर्ष 2021 में केवल 2929 वाहनों को इंपाउंड किया गया जिसमें 2432 दोपहिया वाहन शामिल थे। वर्ष 2022 में कुल 4,424 वाहनों को इंपाउंड किया गया जिसमें से 3,018 दोपहिया वाहन थे और जनवरी 2023 के एक महीने में कुल 420 वाहनों में से 323 दोपहिया वाहन थे। यानि इंपाउंड किए गए वाहनों की संख्या 2019-2020 में 32593 से घटकर 2021-2022 में सिर्फ 7353 रह गई।

वर्ष   :   इंपाउंड किये   इंपाउंड किये

            वाहन          दोपहिया वाहन  

2019:   15723          7,387        

2020:   16870         13,175      

2021:   2929           2432

2022:   4424           3018

2023     420            323

सच क्या, पुलिस जाने

ट्रैफिक पुलिस चंडीगढ़ ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सूचित किया है कि उनके पास ट्रैफिक चालान से संबंधित लंबित और बकाया राशि का कोई डाटा नहीं है, जबकि पहले ट्रैफिक पुलिस ने बताया था कि वे बकाया राशि की वसूली के लिए बकाएदारों से वसूली करने जा रहे हैं।