Chandigarh Administration Orders On Petrol-Diesel Limit Fixed

चंडीगढ़ में पेट्रोल-डीजल मिलने की लिमिट तय; प्रशासन ने जारी किया आदेश, पेट्रोल पंपों पर मची है त्राहि-त्राहि, लोग वाहनों की कतारें लगाए हुए

Chandigarh Administration Orders On Petrol-Diesel Limit Fixed

Chandigarh Administration Orders On Petrol-Diesel Limit Fixed

Chandigarh Petrol Pumps Dry: 'हिट एंड रन' के नए कानून के विरोध में ट्रक-टैंकर ड्राइवर हड़ताल पर चले गए है। जिसके चलते देशभर में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई ठप पड़ गई है। पेट्रोल पंप पेट्रोल-डीजल की किल्लत से जूझ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ लोगों में पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए मारामारी का माहौल देखा जा रहा है। जहां यही सब देखते हुए अब चंडीगढ़ में पेट्रोल-डीजल मिलने की लिमिट तय कर दी गई है।

दरअसल, चंडीगढ़ में भी पेट्रोल पंप खाली हो चुके हैं। जिन पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल है, वहां वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुईं हैं। लोग इस अफरा-तफरी में हैं कि वे ज्यादा से ज्यादा तेल स्टॉक कर लें लेकिन ऐसा होने से पेट्रोल-डीजल की बची कुछी आपूर्ती भी बिलकुल ठप हो सकती है। इसलिए चंडीगढ़ प्रशासन ने आदेश जारी किया है कि शहर में दोपहिया वाहनों को अब अधिकतम 2 लीटर (अधिकतम मूल्य 200 रुपये) तक तेल मिलेगा। जबकि चार पहिया वाहन 5 लीटर (अधिकतम मूल्य 500 रुपये) तक तेल ले सकेंगे।

चंडीगढ़ प्रशासन ने कहा कि ये अस्थायी प्रतिबंध है। जब तक पेट्रोल-डीजल की सप्लाई और आपूर्ति सामान्य नहीं हो जाती तब तक यह आदेश जारी रहेगा। क्योंकि इस समय पेट्रोल-डीजल की किल्लत से निपटने और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक केवल यही सक्रिय उपाय है। प्रशासन ने कहा सभी पेट्रोल पंप संचालक हर हाल में आदेश की पालना करें और इसके साथ ही लोग भी लगाए गए प्रतिबंध में अपना पूरा सहयोग दें। प्रशासन ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की सप्लाई और आपूर्ति सामान्य करने के लिए कोशिशें जारी हैं। सामान्य स्थिति जल्द ही बहाल होने की उम्मीद की जाती है।

चंडीगढ़ में पेट्रोल पंपों पर वाहनों की कतारें देखिये

 

'हिंट एंड रन' के नए कानून में क्या है?

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के शीत सत्र के दौरान देश के अपने तीन नए आपराधिक विधेयक (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023) पेश किए थे जो लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुए और बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ये कानून बन गए। इन तीनों ही क़ानूनों ने अब आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली है। जहां भारतीय न्याय संहिता के तहत ही हिट एंड रन कानून में बदलाव किया गया है।

कानून के अनुसार अगर ट्रक-टैंकर ड्राइवर किसी को कुचलने के बाद वहाँ नहीं रुकते हैं और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने या पुलिस प्रशासन को सूचना दिए बिना भाग जाते हैं तो उन्हें 10 साल तक की कैद होगी और उनपर 7 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर साल 50 हजार लोगों की सड़क पर हिट एंड रन के मामलों में मौत हो जाती है। बता दें कि अब तक कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में 2 साल की सजा का प्रावधान था और बेल मिल जाती थी।

नए कानून से ड्राइवरों को इतनी परेशानी क्यों?

ड्राइवरों का कहना है कि अगर उनके वाहन से कोई हादसा होता है और कोई कुचला जाता है तो ऐसे में जो नया कानून है वह उनके लिए दोधारी तलवार सिद्ध होगा. अगर हादसे के बाद वह मौके पर रुकते हैं तो उनके लिए भीड़ हिंसक हो सकती है, खुद उनकी जान को भीड़ से खतरा हो सकता है और अगर वह भागते हैं तो कानून के मुताबिक 10 साल तक की कैद होगी और उनपर 7 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। ट्रक-टैंकर का ड्राइवरों का कहना है कि कई बार उनकी गलती नहीं होती है लेकिन फिर भी उनपर दोष मढ दिया जाता है क्योंकि बड़े वाहन हैं। ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि, सरकार 'हिंट एंड रन' के नए कानून को वापस ले। ड्राइवरों का कहना है कि, इस कानून से एक हादसे के चलते उनका पूरा जीवन प्रभावित हो जाएगा।

ऐसे मामलों में ड्राइवरों को मिलेगी राहत

हालांकि नए कानून के अनुसार यदि वाहन से टकराने वाला व्यक्ति गलत तरीके से वाहन के सामने आता है या फिर अवैध रूप से सड़क को पार करता है तो फिर ऐसे मामलों में ड्राइवरों को राहत मिलेगी। ऐसे मामलों में अधिकतम 5 साल की सजा और जुर्माने का ही प्रावधान होगा। लेकिन अगर ड्राइवर ही गलत ढंग से वाहन चला रहे हैं और लापरवाही से हादसा कर रहे हैं और फिर भाग जा रहे हैं तो ऐसे में फिर ड्राइवर को 10 साल तक की कैद होगी।