55 लाख पंजाबियों का मुफ़्त राशन बंद करने की साजिशें रच रही है केंद्र सरकार- मुख्यमंत्री

55 लाख पंजाबियों का मुफ़्त राशन बंद करने की साजिशें रच रही है केंद्र सरकार- मुख्यमंत्री

Centre conspiring to stop free ration of 55 lakh Punjabis

Centre conspiring to stop free ration of 55 lakh Punjabis

के. वाई. सी. ना होने का बहाना बना कर 23 लाख पंजाबियों का राशन जुलाई में बंद किया

अब केंद्र सरकार ने 32 लाख और लोगों का राशन 30 सितम्बर से बंद करने की धमकी दी

जब तक मैं मुख्यमंत्री हूँ, एक भी राशन कार्ड रद्द नहीं करने दूँगा- भगवंत सिंह मान

चंडीगढ़, 23 अगस्त: Centre conspiring to stop free ration of 55 lakh Punjabis: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 55 लाख पंजाबियों को मुफ़्त अनाज स्कीम से वंचित रखने के फ़ैसले को पंजाब विरोधी कदम बताते हुये भारतीय जनता पार्टी की सख़्त अलोचना की।

आज यहाँ पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राज्य में कुल एक करोड़ 53 लाख राशन कार्डों में से 55 लाख लोगों को दिए जा रहे मुफ़्त राशन को बंद करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा के. वाई. सी. की रजिस्ट्रेशन न होने बहाना बना कर जुलाई महीने में 23 लाख लोगों का मुफ़्त राशन बंद कर दिया गया है जबकि 32 लाख और लोगों का मुफ़्त राशन 30 सितम्बर से बंद करने की धमकियां दीं गई हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार अपने मंसूबों में कभी भी सफल नहीं होगी और वह राज्य में एक भी कार्ड रद्द नहीं होने देंगे।
भाजपा जनहितैषी होने के बड़े दावे करती है और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त अनाज की शेखियां तो मारती है जबकि पंजाब में 8 लाख 2 हज़ार 493 राशन कार्ड रद्द करने की घटिया चालें चली जा रही है। केंद्र के इस फ़ैसले से राज्य के 32 लाख लोगों को मुफ़्त राशन के हक से वंचित कर दिया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने भाजपा को घेरते हुये कहा कि ‘वोट चोरी’ के बाद ‘राशन चोरी’ के हत्थकंडे अपनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुफ़्त राशन बंद करने के लिए विशेष तौर पर पंजाब को निशाना बनाया जा रहा है जबकि इतिहास इस बात का गवाह है कि पंजाब ने अनाज उत्पादन में देश को आत्म निर्भर बनाने में सबसे अधिक योगदान डाला है।

मुख्यमंत्री ने राशन कार्ड रद्द करने के लिए दिए जा रहे तर्कों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि चारपहिया वाहन की मालिकाना हक़, सरकारी नौकरी, थोड़ी ज़मीन और आमदनी को आधार बनाया गया है। यह हास्यास्पद है कि जब परिवार का केवल एक सदस्य इन शर्तों के घेरे में आता है, तो सज़ा पूरे परिवार को दी जाती है। भगवंत सिंह मान ने साफ शब्दों में कहा – “जब तक मैं राज्य का मुख्यमंत्री हूं, एक भी कार्ड रद्द नहीं करूंगा। मैं भाजपा नेताओं को चुनौती देता हूं कि वे अपनी जनसभाओं में केंद्र सरकार की इस ‘उपलब्धि’ का गुणगान करें।”

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की योजनाओं की अजीबोगरीब शर्तों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक योजना में गरीब को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाता है, जबकि दूसरी ओर उसी कनेक्शन को आधार बनाकर अन्य लाभ वापस ले लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का गरीब विरोधी एजेंडा अब उजागर हो चुका है। उन्होंने प्रधानमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों से अपील की कि वे मुफ्त राशन के लिए तय की गई शर्तों पर पुनर्विचार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शर्तों में ढील दी जानी चाहिए ताकि आर्थिक रूप से कमजोर और दबे-कुचले वर्ग के लोगों को अधिकतम लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार इस पक्षपातपूर्ण कदम का सख़्त विरोध करेगी और इसकी गहन समीक्षा के लिए उन्होंने पहले ही छह महीने का समय मांगा है। उन्होंने केंद्र को चेतावनी दी कि वह पंजाबियों के साथ भिखारियों जैसा व्यवहार करना बंद करे। मान ने कहा कि पंजाब के लोग अपनी इज्ज़त और अधिकारों के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं हैं और वे किसी भी कीमत पर अपने जायज़ हक़ से पीछे नहीं हटेंगे।

उन्होंने कहा कि भले ही परंपरागत रूप से पंजाब का जीवन स्तर कई राज्यों से बेहतर रहा है, लेकिन पिछली सरकारों के खराब शासन के कारण राज्य को काफ़ी नुकसान उठाना पड़ा है। इसलिए केंद्र को इन नीतियों की शर्तों में बदलाव करना चाहिए ताकि कोई भी पात्र लाभार्थी सहायता से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि भारत को विश्वगुरु बनाने का उनका सपना तब तक पूरा नहीं हो सकता, जब तक पंजाब में 32 लाख लोग खराब नीतियों के कारण भूख से जूझ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने संकल्प लिया कि राज्य सरकार केंद्र को पंजाबियों के अधिकार हड़पने नहीं देगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं पर कार्रवाई इसलिए हो रही है क्योंकि वे नागरिकों का निजी डाटा इकट्ठा करने के लिए कैंप लगाकर उनकी निजता का उल्लंघन करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भाजपा पहले ही कई राज्यों में वोटर लिस्ट में हेरफेर और पिछवाड़े से सत्ता हथियाने की चालों के लिए बेनकाब हो चुकी है। लेकिन ऐसे प्रयास पंजाब में सफल नहीं होंगे और सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि नागरिकों के निजी अधिकार सुरक्षित रहें।

भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि पंजाब सरकार राज्य और उसके लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।

एक अलग सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश से पंजाब में होने वाली तबाही को रोकने के लिए जल स्रोतों के चैनलाइजेशन पर काम कर रही है। उन्होंने अफसोस जताया कि पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश का खामियाज़ा पंजाब को भुगतना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस समस्या का स्थायी हल निकालने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाई जा रही है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद अधिकारियों को मजबूत योजना तैयार करने के निर्देश पहले ही दे दिए गए हैं।