BJP furious over closure of NPA of doctors; Randhir said, the government is taking anti-people decisions

डॉक्टरों का NPA बंद करने पर भडक़ी भाजपा; रणधीर बोले, जनविरोधी निर्णय ले रही सरकार

BJP furious over closure of NPA of doctors; Randhir said, the government is taking anti-people decisions

BJP furious over closure of NPA of doctors; Randhir said, the government is taking anti-people decis

भाजपा मुख्य प्रवक्ता एवं श्री नैना देवी देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने कांग्रेस पार्टी पर तीन बड़े आरोप लगाए हैं शिमला में प्रेस वार्ता के दौरान रणधर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हिमाचल प्रदेश में जनविरोधी निर्णय ले रही है। हिमाचल सरकार ने सभी 5 विभागों में डॉक्टरों के लिए नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस यानी एनपीए को बंद कर दिया है।

17 मई को हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई है। एनपीए एक साथ एलोपैथी, डेंटल, आयुष और वेटरनरी इत्यादि के लिए बंद कर दिया गया है। इससे केवल हिमाचल प्रदेश के डॉक्टर ही नहीं, बल्कि हिमाचल की जनता भी प्रभावित होगी। वेतन में कमी आने के कारण डॉक्टर सरकारी नौकरी के इच्छुक नहीं होंगे और इसमें प्रदेश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी एनपीए बंद करने की कड़ी निंदा करती है और सरकार से मांग करती है कि इस को जल्द से जल्द बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल में महंगाई को बढ़ावा दिया है, सरकारी संस्थान बंद किए, विधायक निधि बंद की, बिजली महंगी की गई, इसके साथ-साथ विकास रोकने वाला जन विरोधी कृत्य भी किया गया। पिछली भारतीय जनता पार्टी के समय जो विकास के लिए फंड का प्रावधान हुआ था उसको भी विकास के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा रहा।

मिली सूचना के मुताबिक 305 करोड रुपए पीडब्ल्यूडी और 250 करोड़ पर जल शक्ति विभाग का 31 मार्च तक सरेंडर हो गया है। हिमाचल के ठेकेदारों ने जो काम किए उनकी पेमेंट भी नहीं हो पा रही है। विकास के आधे अधूरे कामों को भी विभाग ने वही रोक दिया है, जारी किए गए टेंडरों को भी किया कैंसिल कर दिया गया है,इन विभागों के मंत्रियों से जब पूछो तो वह चुप्पी धारण कर लेते हैं। भाजपा सरकार के दौरान स्कूलों में मुफ्त वर्दी के साथ-साथ स्कूल बैग और पानी की बोतल भी दी जाती थी और इस सरकार ने ना बैग दिए ना पानी की बोतल दी। शिमला शहर के अंतर्गत जो लिफ्ट में 10 रूपये किराया लगता था, उसको बढ़ाकर 20 रूपये कर दिया गया है और इसमें सीनियर सिटीजंस को भी राहत नहीं दी गई है। शर्मा ने दूसरे आरोप में कहा कि हिमाचल के मुख्यमंत्री जनता को झूठ बोलकर गुमराह करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्विस सिलेक्शन बोर्ड की जांच 1 महीने में पूरी होगी, पर वक्तव्य दिए 2 महीने हो गए हैं और अभी तक कुछ नहीं हुआ। लिखित परीक्षा के रिजल्ट 1 सप्ताह के भीतर निकले जाएंगे पर अभी तक नहीं निकले।