Barasingha in Chandigarh| चंडीगढ़ के रिहायशी इलाके में 'बारहसिंगा' घुसा; नुकसान पहुंचाने के चलते डरे लोग

चंडीगढ़ के रिहायशी इलाके में 'बारहसिंगा' घुसा; नुकसान पहुंचाने के चलते डरे लोग, वो लोगों के शोर से इधर-उधर भागता रहा, VIDEO

Barasingha in Chandigarh Sector 18 Forest Department Team Capture

Barasingha in Chandigarh Sector 18 Forest Department Team Capture

Barasingha in Chandigarh: चंडीगढ़ में एक बार फिर एक बारहसिंगा हिरण जंगल से भटककर रिहायशी इलाके में घुस आया। सोमवार सुबह सेक्टर 18 में जब अचानक बारहसिंगा को लोगों ने देखा तो उनमें अफरा-तफरी मच गई। बारहसिंगा कोई नुकसान न पहुंचा दे। इसलिए लोग डरे हुए थे। वहीं दूसरी तरफ लोगों से ज्यादा शोरगुल सुनकर बारहसिंगा डरा हुआ था और इधर-उधर भाग रहा था।

हालांकि, बारहसिंगा दारा कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। लोगों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर बारहसिंगा को जाल डालकर पकड़ने की कड़ी मशक्कत की। टीम द्वारा कई बार जाल बारहसिंगा के ऊपर फेंका गया, लेकिन वह नहीं पकड़ में आया। दरअसल टीम जैसे ही जाल डालने की कोशिश करती तो वो और आगे भाग जाता। वह खुद को बचाने के लिए वाहनों के पीछे छिप रहा था।

बारहसिंगा को कैमरे में कैद करते दिखे लोग

एक तरफ जहां लोग बारहसिंगा को देख सहमे हुए थे तो वहीं दूसरी तरफ लोग इस जंगली प्राणी को अपने कैमरों में कैद करने से नही कतई नहीं चूके। लोगों ने जमकर मोबाइल से बारहसिंगा की तस्वीरें लीं और उसके वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किए। मालूम रहे कि, पहले भी कई बार चंडीगढ़ के जंगल क्षेत्र से बाहर निकलकर बारहसिंगा शहर के अंदर दौड़ते-भागते देखे गए हैं। जहां वन विभाग की टीम ने इन्हें पकड़कर फिर से जंगल में छोड़ा। वन विभाग टीम का कहना है कि लोगों को ऐसी स्थिति में धैर्य रखना चाहिए और जंगल से आए जानवरों को परेशान नहीं करना चाहिए।

 

जंगल घट रहे तो अंदर बढ़ रहे जानवर

अब आएदिन जंगल से अलग-अलग जानवर लोगों के बीच घुस आते हैं। सिर्फ चंडीगढ़ ही नहीं बल्कि देश के अन्य हिस्सो में लगातार यही तस्वीर देखी जा रही है। बाघ और तेंदुए जैसे खतरनाक जानवार भी अब अंदर बढ़ जाते हैं। ऐसे में जहां कई बार ये लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं तो कई बार लोग भी इन्हें जख्मी कर देते हैं। ऐसी घटना सभी के लिए तब और ज्यादा हैरानी का कारण बन जाती है जब जंगल बहुत दूर होने पर भी कोई जंगली जानवर रिहायशी इलाके में बहुत अंदर तक पहुंच जाता है। फिलहाल लगातार घटते जा रहे वन क्षेत्र और भोजन-पानी की तलाश में जंगली जानवर शहर और गांव के अंदर बढ़ने पर मजबूर हो रहे हैं।