'अगर शेख हसीना को हमें न सौंपा गया तो...' बांग्लादेश विदेश मंत्रालय ने भारत को जारी किया कड़ा बयान, इंडिया से भी स्टेटमेंट जारी
Bangladesh Govt Statement To India Over Sheikh Hasina Death Sentence
Shiekh Hasina News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (78 साल) को मौत की सजा सुनाई गई है। उन्हें फांसी देने का आदेश दिया गया है। ढाका के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) ने शेख हसीना को पिछले साल हुए छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह को उकसाने-भड़काने और घातक कार्रवाई (सामूहिक हत्या) का आदेश देने का दोषी ठहराया है और कहा है कि हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किया है। वहीं ट्रिब्यूनल के इस फैसले के बाद अब बांग्लादेश विदेश मंत्रालय ने भारत को कड़ा बयान जारी किया है।
यह बयान शेख हसीना को बिना देरी के बांग्लादेश को सौंपे जाने को लेकर है। कहा गया है कि भारत सरकार सजा के फैसले के बाद शेख हसीना को बांग्लादेश वापस भेजे। बांग्लादेश विदेश मंत्रालय ने लिखा, ''इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) के आज के फैसले में, फरार अभियुक्त शेख हसीना और असदुज्जमां खान कमाल को पिछले साल छात्र विद्रोह के खिलाफ कार्रवाई में उनकी नरसंहार भूमिका के लिए दोषी पाया गया है और मौत की सजा सुनाई गई है। मानवता के विरुद्ध अपराध के दोषी इन व्यक्तियों को किसी भी दूसरे देश द्वारा शरण देना अत्यंत अमित्रतापूर्ण कार्य होगा और न्याय की अवमानना के समान होगा।''
बांग्लादेश विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, ''हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इन दोनों दोषियों को बिना किसी देरी के तुरंत बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंप दे। दोनों देशों के बीच मौजूदा प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, यह भारत का अनिवार्य कर्तव्य है और ऐसा करने के लिए वह बाध्य है।'' इधर दूसरी ओर इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाये जाने के फैसले पर भारत सरकार ने भी गौर किया है और इस बारे में आधिकारिक तौर से स्टेटमेंट जारी किया है।

भारत का शेख हसीना पर बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है, ''भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के संबंध में "बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण" द्वारा सुनाए गए फैसले पर ध्यान दिया है। एक निकट पड़ोसी होने के नाते, भारत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों, जिसमें उनके देश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता शामिल है, के लिए प्रतिबद्ध है। हम इस दिशा में सभी हितधारकों के साथ हमेशा रचनात्मक रूप से जुड़े रहेंगे।''
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भारत की शरण में शेख हसीना
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना इस समय भारत की अस्थायी शरण में हैं और लगभग 15 महीनों से यहीं रह रही हैं। हसीना को सुरक्षा कारणों से दिल्ली में ही सेफ जोन में रखा गया है। ज्ञात रहे पिछले साल अगस्त 2024 में बांग्लादेश में हसीना सरकार के खिलाफ भारी विरोध और हिंसा के चलते तख्तापलट हो गया था। उस समय सेना ने बांग्लादेश पर कंट्रोल ले लिया। बांग्लादेश में भीषण हिंसा और अराजकता के बीच शेख हसीना प्रधानमंत्री पद छोड़कर सेना के ही हेलीकॉप्टर में आनन-फानन में भारत पहुंचीं थीं।
2009 से लगातार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना
शेख हसीना, बांग्लादेश के राष्ट्रपिता (संस्थापक) और पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं। बांग्लादेश में अवामी लीग पार्टी की नेता शेख हसीना बांग्लादेश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर सेवा करने वाली नेता हैं। शेख हसीना जून 1996 में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) को सत्ता से हटाकर पहली बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनी थीं और वह जुलाई 2001 तक प्रधानमंत्री पद पर रहीं। 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर एक स्वतंत्र देश (बांग्लादेश) बनने के बाद से यह पहली बार था कि जब किसी बांग्लादेशी प्रधानमंत्री का पहला पूर्ण पांच साल का कार्यकाल रहा हो।
वहीं इसके बाद शेख हसीना जनवरी 2009 से 5 अगस्त तक लगातार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत रहीं. जबकि 2024 में शेख हसीना 5वीं बार बांग्लादेश की पीएम बनी थीं। दरअसल, जनवरी 2024 में बांग्लादेश में लोकसभा चुनाव हुआ था। जहां शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को कुल 300 सीटों में 200 से ज्यादा सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन इस जीत के बावजूद शेख हसीना अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाईं और लगातार हो रही हिंसा के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। न सिर्फ इस्तीफा बल्कि अपना देश छोड़कर दूसरे देश में शरण लेनी पड़ी।
बता दें कि, शेख हसीना दुनिया की सबसे लंबे समय तक पीएम पद पर सेवा करने वाली मुस्लिम महिला नेता भी हैं। हसीना 2018 में टाइम की दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक थीं और उन्हें फोर्ब्स द्वारा 2015, 2018 और 2022 में दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।