घर से काम करने का मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर

घर से काम करने का मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर

घर से काम करने का मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर

घर से काम करने का मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी से हम सभी ज़िंदगी हर मायने में बदल कर रख दी है। फिर चाहे सेहत हो, पैसा, निजी ज़िंदगी या फिर प्रोफेशनल। महामारी ने एक चीज़ जो बड़े तरीके से बदली है वो है हमारी प्रोफेशनल लाइफ। कोरोना वायरस के तेज़ी से फैलने की वजह से ज़्यादातर कंपनियों ने WFH शुरू कर दिया ताकि उनके कर्मचारी सुरक्षित रहें और कंपनी के काम पर भी असर न पड़े।

WFH सेट-अप के एक तरफ कई फायदे हैं, आपको अपने परिवार के साथ समय बिताने का काफी समय मिल जाता है, आप घूमने का प्लान कर सकते हैं, लेकिन साथ ही यह आपके शरीर के साथ दिमाग़ी सेहत पर बुरा असर भी डालता है। आइए जानें कैसे।

आइए जानें ऐसे 3 कारण जो वर्क फ्रॉम होम को फायदेमंद कम और नुकसानदायक ज़्यादा बनाते हैं

1. थकावट बढ़ना

जर्नल ऑफ एप्लाइड साइकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के दौरान कहीं और से काम करने और वीडियो कॉन्फ्रेंस के उपयोग में काफी वृद्धि हुई, जिसका असर हमारी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा असर पड़ता है। लोग ज़्यादा थकावट महसूस करने के साथ तनावग्रस्त भी हो गए हैं। लगातार हो रहीं वीडियो और ऑडियो मीटिंग, ऑफिस का काम ख़त्म करने के लिए लगातार ऑनलाइन रहने की ज़रूरत का असर सबके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। लोग इसकी वजह से ज़्यादा कमज़ोरी और तनाव महसूस करते हैं।

इसके साथ ही ऑफिस में काम करने का अनुभव अलग होता है, आपको वहां बेहतर करने की प्रेरणा और ऊर्जा मिलती है, जिससे आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ती है।

WFH सेट-अप में ये पहलू गायब हैं। घर से काम करना सुस्ती पैदा कर सकता है क्योंकि फोकस बढ़ाने और फिर से संरेखित करने के लिए सीमित विकल्प हैं।

2. निजी और प्रोफेशनल लाइफ में फर्क न रहना

पिछले दो सालों में घर से काम करने की वजह से हमारी निजी ज़िंदगी और प्रोफेशनल लाइफ के बीच की लाइन मिट गई है। कोरोना वायरस महामारी से पहले हम ऑफिस का काम निपटाने के बाद घर वापस जाते वक्त या फिर दोस्तों से मिलकर ऑफिस के प्रेशर को भुला देते थे। हालांकि, अब वायरस से संक्रमित होने के डर की वजह से यह ऑप्शन आसानी से नहीं मिलता।

साथ ही कई लोगों के पास घर पर काम करने की अलग जगह बना पाना मुमकिन नहीं होता। एक ऐसी जगह जहां वह निजता के साथ एक अलग कमरे में काम कर सकें, ताकि घर के कामों से दूर रहें और काम के समय उसी पर फोकस बनाएं रखें। ऑफिस के काम के साथ घर का काम करने से तनाव और बेचैनी बढ़ती है।

3. ज़रूरत से ज़्यादा खा लेना

वर्क फ्रॉम होम और महामारी के कारण घर से बाहर ज़्यादा जाना नहीं होता, इसलिए हम सभी का ज़्यादातर वक्त स्वेटपैन्ट्स और ट्रेक पैंट्स में ही गुज़रता है। हालांकि, साथ ही ज़रूरत से ज़्यादा खा लेने से हमारी हेल्थ पर भी असर पड़ता है। घर पर आपकी पसंदीदा चीज़ें आसानी से उपलब्ध होती हैं। ज़्यादा खाने या फिर जंक खाने से वज़न के साथ कमज़ोरी, थकावट तो बढ़ती ही है, साथ ही कई बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ जाता है।

इसलिए घर से काम करना आरामदायक ज़रूर है, लेकिन यह कई तरह के नुकसान भी साथ लाता है। घर से काम कर रहे हैं, तो शारीरिक और मानसिक सेहत का भी ध्यान रखें।