UP में 1 से 31 जनवरी 2026 तक चलेगा सड़क सुरक्षा माह, योगी सरकार के इस अभियान के बारे में जानिए

UP में 1 से 31 जनवरी 2026 तक चलेगा सड़क सुरक्षा माह, योगी सरकार के इस अभियान के बारे में जानिए

Yogi Government's Road Safety Month Campaign

Yogi Government's Road Safety Month Campaign

Yogi Government's Road Safety Month Campaign: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क किनारे टेंपो, बस या रिक्शा खड़ा करने पर नाराजगी जताई है। सड़क किनारे वाहनों के स्टैंड प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए और कहा कि किसी भी स्थिति में स्टैंड न बनने दें। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती का भी निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे लोगों का केवल चालान नहीं कठोर कार्रवाई करें। पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए और अव्यवस्थित पार्किंग पर सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सड़क आवागमन के लिए होती है, वाहन खड़ा करने के लिए नहीं। हाईवे और एक्सप्रेसवे के किनारे लंबे समय तक खड़े वाहनों, डग्गामार वाहनों और सड़क किनारे खड़े कतारबद्ध ट्रकों को गंभीर दुर्घटना का कारण बताते हुए उन्होंने इनपर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्घटनाओं का उदाहरण सामने रखकर लोगों को समझाया जाए ताकि वे बेहतर समझ सकें।

सीएम योगी ने कहा कि पब्लिक एड्रेस सिस्टम का व्यापक और प्रभावी उपयोग किया जाए, ताकि यह संदेश हर व्यक्ति तक पहुंचे कि सड़क सुरक्षा किसी और की नहीं, बल्कि उनके अपने जीवन और परिवार से जुड़ा विषय है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस अभियान में राष्ट्रीय सेवा योजना, राष्ट्रीय कैडेट कोर, आपदा मित्र, स्काउट गाइड और सिविल डिफेंस जैसे संगठनों की सक्रिय और प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित की जाए। युवाओं और स्वयंसेवी संगठनों की सहभागिता से ही यह अभियान वास्तविक अर्थों में जन आंदोलन बन सकेगा।

चालान नहीं सख्त एक्शन लें

मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल चालान करना सड़क दुर्घटनाओं का स्थायी समाधान नहीं है। जो लोग आदतन यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं, उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। ऐसे मामलों में ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करने और वाहन सीज करने की स्पष्ट नियमावली तैयार कर उसका सख्ती से पालन कराया जाए। मुख्यमंत्री ने स्टंटबाजी करने वाले युवकों के विरुद्ध भी पूरी सख्ती बरतने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नियोजित प्रयासों के परिणामस्वरूप जहरीली मदिरा बनाने और बेचने की अवैध गतिविधियां लगभग समाप्त हो चुकी हैं, फिर भी व्यवस्था को सजग रहना होगा।

सड़क सुरक्षा माह की समीक्षा

1-31 जनवरी तक सड़क सुरक्षा माह मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस दौरान ई-4 मॉडल, यानी शिक्षा, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग और इमरजेंसी केयर अपनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा माह की तैयारियों की समीक्षा के दौरान कहा कि एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग, एम्बुलेंस और क्रेन की संख्या बढ़ाई जाए। यह अभियान किसी भी सूरत में औपचारिकता बनकर न रह जाए, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक के जीवन से जुड़ा जन आंदोलन बने। नए साल की शुरुआत केवल औपचारिक आयोजनों से नहीं बल्कि व्यापक जनभागीदारी औार व्यवहार परिवर्तन के लक्ष्य के साथ होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ई-4 मॉडल पर समन्वय के साथ काम किया जाए। लोगों को केवल नियमों की जानकारी न दें बल्कि उन्हें बताएं कि यह उनके और उनके परिवार से जुड़ा मामला है। शिक्षा के माध्यम से बच्चों, युवाओं और आम नागरिकों में सही सड़क व्यवहार विकसित किया जाए, प्रवर्तन के तहत नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो, इंजीनियरिंग के माध्यम से सड़कों के ब्लैक स्पॉट और क्रिटिकल पॉइंट सुधारे जाएं और इमरजेंसी केयर के तहत त्वरित एम्बुलेंस सेवा और बेहतर ट्रॉमा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। एम्बुलेंस सेवाओं और स्कूल वाहनों के फिटनेस की विशेष जांच कराएं। अनफिट वाहन सड़क पर न चलें।

इस साल नवंबर तक गई 24,776 की जान

बैठक में रखे गए आंकड़ों के मुताबिक इस साल नवंबर तक 46,223 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 24,776 लोगों की मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री ने इन आंकड़ों को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाएं केवल प्रशासनिक या तकनीकी समस्या नहीं हैं, बल्कि यह एक बड़ी सामाजिक चुनौती हैं। ब्लैक स्पॉट और क्रिटिकल पॉइंट की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द सुधारें। सड़क इंजीनियरिंग की कमियां, खराब साइनज, अव्यवस्थित कट, अंधे मोड़ और अनुचित स्पीड ब्रेकर दुर्घटनाओं को बढ़ाते हैं। लोक निर्माण विभाग व अन्य सुधार करें। केवल टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं और सभी सड़कों का नियमित रोड सेफ्टी ऑडिट हो। सड़क दुर्घटना में जितनी जल्दी घायल को चिकित्सकीय सहायता मिलती है, क्षति की संभावना उतनी ही कम होती है। ट्रॉमा सेंटर की सुविधा वाले निजी अस्पतालों को भी सड़क दुर्घटना पीड़ितों के उपचार से जोड़ा जाए।

टॉप पांच जिलों के डीएम से की बात

मुख्यमंत्री ने वर्ष में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाओं वाले शीर्ष पांच जिलों हरदोई, प्रयागराज, आगरा, कानपुर नगर सहित अन्य संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से संवाद कर दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों और उनके निस्तारण को लेकर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि इन जिलों में विशेष कार्ययोजना बनाकर सख्ती और संवेदनशीलता के साथ लागू किया जाए।