ब्लैक टी और कॉफी पीने वालों के लिए आई एक नई रिसर्च, सुनकर हो जाएंगे खुश

भारत एक ऐसा देश है जहां चाय और कॉफी पीने वाले लोग सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। हालांकि चाय हमें चीन की तरफ से मिला वरदान है लेकिन आज चीन से भी ज्यादा चाय पीने वाले लोग भारत में पाए जाते हैं। वैसे तो यह सबको पता है कि चाय और कॉफी का सेवन बहुत अच्छा नहीं माना जाता इससे हड्डियां कमजोर होती हैं और एसिड और गैस से रिलेटेड समस्याएं भी बढ़ने लगते हैं। लेकिन आज हम आपको चाय और काफी प्रेमियों को एक ऐसे रिसर्च के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर वह काफी खुश हो जाएंगे। तो लिए थोड़े विस्तार से जानते हैं ब्लैक टी और ब्लैक कॉफी का प्रभाव क्या और कैसे पड़ता है।
ब्लैक कॉफी से जुड़ी बड़ी रिसर्च
शोधकर्ताओं ने 1999 से 2018 तक अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य और पोषण परीक्षा सर्वेक्षण (NHANES) के 9 लगातार नौ अलग-अलग साइकल का विश्लेषण किया है, जो राष्ट्रीय मृत्यु डेटा से जुड़े थे। उन्होंने 20 साल और उससे ज्यादा उम्र के 46,000 से ज्यादा युवाओं के रिएक्शन को देखा। इस रिसर्च में कॉफी को अलग-अलग तरह से इस्तेमाल करके उसके फायदों के बारे में जानने की कोशिश की गई। जिसमें कॉफी के टाइप, कैफीनयुक्त या कैफीन रहित, चीनी और सैचुरेटेड फैट के नतीजों का अध्ययन किया गया। इसमें जिन लोगों की मौत कैंसर, हार्ट की बीमारियों या दूसरे कारण से हुई है उन्हें शामिल किया गया।
ब्लैक टी के भी है खतरनाक रिज़ल्ट
रिसर्च में कहा गया है कि ब्लैक कॉफी और कम मात्रा में चीनी और सैचुरेटेड फैट वाली कॉफी पीने वालों में कॉफी नहीं पीने वालों के मुकाबले सभी कारणों से होने वाली मृत्यु का खतरा 14 प्रतिशत कम होता है। वहीं अगर आप 2-3 कप ब्लैक टी पीते हैं तो किसी भी कारण मौत का खतरा 17 प्रतिशत तक कम हो सकता है। हालांकि इससे ज्यादा चाय या कॉफी पीने से कोई खास अंतर नहीं होता है। कॉफी और ब्लैक टी हार्ट की बीमारियों का खतरा कम करती हैं। इससे लिवर फंक्शन में सुधार आता है और मेटाबॉलिज्म तेज होता है।