सरकार का बड़ा ऐलान: अब लोन के लिए नहीं होगी CIBIL स्कोर की अनिवार्यता; जानें क्यों
No CIBIL Score For Loan
No CIBIL Score For Loan: जब भी आप गाड़ी, बाइक या फिर घर के लिए लोन लेते हैं तो सबसे पहले आपका सिविल स्कोर देखा जाता है. अगर ठीक-ठाक नहीं रहा तो फिर बैंक की तरफ से लोन देने से इनकार कर दिया जाता है. लेकिन ऐसे लोगों को अब सरकार की तरफ से बड़ी राहत दी गई है. वर्तमान में बैंकों का यह नियम है कि अगर आपका सिविल स्कोर खराब है तो फिर या तो बैंक से आपको लोन नहीं मिल पाएगा. दरअसल, लोन देने का एक बड़ा पैमाना सिविल स्कोर है. किसी का भी सिविल स्कोर 300 से लेकर 900 के बीच होता है. इसी के आधार पर उसका परफॉर्मेंस तय होता है.
सिविल स्कोर से क्या होता है?
सिविल स्कोर जितना 900 के करीब आता जाएगा उतना ही लोगों को लोन लेने से लेकर लोन की राशि बढ़ाने तक में मदद मिलती है. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि किसी का स्कोर 300 के करीब या फिर 600 के नीचे आ गया तो फिर कोई भी बैंक लोन देने में कोताही बरत सकता है. लेकिन अब यह खबर आ रही है कि लोन के मामले में सिविल स्कोर को क्राइटेरिया नहीं माना जाएगा क्योंकि सरकार ने संसद में कहा है कि अगर किसी का सिविल स्कोर खराब है तो फिर बैंक लोन देने से इनकार नहीं कर सकता है.
सिविल स्कोर खराब हो या फिर कम हो लेकिन बैंक उन परिस्थितियों में भी लोगों को लोन देने से इनकार नहीं करेंगे. पहली बार अगर कोई लोन के लिए एप्लाई कर रहा है तो फिर उस स्थिति में बैंक उसका सिविल स्कोर नहीं मांगेंगे.
क्या होगा फायदा?
दरअसल, केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में इस बारे में बोलते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों का जिक्र किया. आरबीआई ने अपने नियमों में कहीं भी सिविल स्कोर को लेकर कोई न्यूनतम नंबर का जिक्र नहीं किया है. उनके इस बयान का मतलब यह हुआ कि आरबीआई कहीं भी यह नहीं कहता है कि लोन लेने के लिए इतने सिविल स्कोर का होना अनिवार्य है.
सिविल स्कोर का यह विवाद पुराना है. CIBIL यानी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इतना पॉपुलर हुआ कि इसे लोग सिविल के नाम से ही जानने लगे. इसका असली नाम सीआईआर यानी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट है.