म्यांमार में यूपी के 3 इंजीनियरों को बनाया बंधक, इलेक्ट्रिक शॉक देकर चीन की कंपनी करा रही साइबर फ्रॉड का काम

म्यांमार में यूपी के 3 इंजीनियरों को बनाया बंधक, इलेक्ट्रिक शॉक देकर चीन की कंपनी करा रही साइबर फ्रॉड का काम

Up Students Hostage In Myanmar

Up Students Hostage In Myanmar

Up Students Hostage In Myanmar: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के दो और बाराबंकी जिले के एक युवक को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग थाइलैंड और बैंकाक के रास्ते म्यांमार ले गया, जबकि इन्हें मलेशिया में नौकरी दिलाने की बात कही गई थी. म्यांमार में इन लोगों से 18 से 20 घंटे साइबर फ्रॉड से जुड़ा काम करवाया जा रहा है और विरोध करने पर मारपीट की जा रही है. इन लोगों ने तीन वीडियो बनाकर अपने परिजनों को भेजा है, जिसमें भारत सरकार से इन्हें जल्द से जल्द छुड़वाने की मांग की है.

वहीं इनमें से एक सिविल इंजीनियरिंग कर चुके युवक सागर के परिजनों ने लखनऊ स्थित ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल में इसका मुकदमा भी दर्ज कराया है. इस युवक को विरोध करने पर बंधक बनाकर टॉर्चर किया जा रहा है. उसके दोस्तों का कहना कि यही रहा तो वह लोग ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रह पाएंगे. ह्यूमन टैफिंकिंग गैंग इनको छोड़ने के एवज में लखनऊ के युवक के परिजनों से 8.15 लाख रुपए तक ले चुका है, लेकिन अभी तक नहीं छोड़ा.

लखनऊ से हैदराबाद, दिल्ली होते हुए म्यांमार पहुंचाया गया

सागर की मां का कहना है कि वहां के एजेंट ने तीनों लड़कों की म्यांमार की टिकट कराई थी. एजेंट का नाम रोबिन है. उसी ने कहा था कि यहां से मलेशिया भेजा जाएगा, जिसके चलते ये लोग उसकी बातों में आ गए. इन लोगों को लखनऊ से हैदराबाद, दिल्ली, थाइलैंड और बैंकाक होते हुए म्यांमार पहुंचाया गया है. तीनों को बंदूक की नोंक पर बंधक बनाकर साइबर फ्रॉड से जुड़ा काम कराया जा रहा है. विरोध पर पिटाई की जा रही है.

वीडियो जारी करने वाले बाराबंकी के अजय कुमार ने बताया कि लखनऊ के रहने वाले उनके दोस्त सागर को अलग कमरे में बंद करके पीटा जा रहा है. उसका बेड खाली है. कई दिनों से उससे मुलाकात नहीं हो पाई है. यदि उसकी तरह मेरे साथ हुआ तो मेरी तो बीमारी के चलते जल्दी ही मौत हो जाएगी. अजय कुमार ने बताया कि वह 26 मार्च 2024 को दोस्त पंकज के साथ जॉब के लिए मलेशिया के लिए निकले थे.

सोने न पाएं, इसलिए डाल दिया जाता है पानी

लखनऊ से हैदराबाद और वहां से बैंकाक के रास्ते यहां पहुंचे. थाइलैंड में हमें एक होटल में रोका गया, जहां से एक कैब में म्यांमार ले गए. इसमें डीलर का हाथ है, जिसने हम लोगों को किसी दूसरी कंपनी को सेल कर दिया है. अजय ने बताया कि मारपीट करने के साथ हमें अंधेरे में बंद कर दे रहे हैं. सोने पर मुंह पर पानी डाल रहे हैं. भारत सरकार से अपील है कि हम लोगों की जान बचाएं.

अजय ने बताया कि यहां पर साइबर फ्रॉड का काम कराया जा रहा है. डाटा इंट्री कराकर स्कीमिंग का खेल चल रहा है. यहां पर इंडिया के चार और अन्य देशों से करीब 500 लड़के-लड़कियां कैद हैं.

नौकरी के लालच में फंसा सिविल इंजीनियर सागर

लखनऊ कुर्सी रोड स्थित आधार खेड़ा निवासी जोगिंदर सिंह का भाई सागर भी नौकरी के नाम पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार हुआ है. जोगिंदर का कहना है कि उसका भाई सागर चौहान सिविल से बीटेक करने के बाद नौकरी की तलाश में था, तभी बसहा निवासी दोस्त राहुल उर्फ आरुष गौतम ने उसको मलेशिया में नौकरी दिलाने की बात कही. उसकी बातों में आकर वह 26 मार्च को वहां चला गया.

भाई को छोड़ने के एवज में दिए 8.14 लाख रुपए

हालांकि डीलर उसे मलेशिया न ले जाकर, म्यांमार ले गया. इसकी जानकारी सागर के भाई जोगिंदर को फोन पर बात करने और उसके मैसेज से पता चली, जिसमें सागर लिखा कि, “यह लोग बहुत खतरनाक हैं और मुझे सबके साथ बंधक बनाया है.” सागर के बाई जोगिंदर सिंह ने बताया कि राहुल और अजय नाम के दो लड़कों ने वहां के वीडियो भी पोस्ट किए हैं. ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़े रोबिन को इसके चलते 8.14 लाख रुपए भी भेज चुका हूं, लेकिन उन लोगों ने अभी तक किसी को भी नहीं छोड़ा. हम लोग सागर को लेकर काफी परेशान हैं.