19th Annual CPA in Sikkim Legislative Assembly

स्पीकर संधवां द्वारा सिक्किम विधान सभा में 19वीं वार्षिक सी.पी.ए. भारतीय क्षेत्रीय ज़ोन-III कॉन्फ्रेंस में शमूलियत

19th Annual CPA in Sikkim Legislative Assembly

19th Annual CPA in Sikkim Legislative Assembly

19th Annual CPA in Sikkim Legislative Assembly- पंजाब विधान सभा स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने सिक्किम विधान सभा द्वारा आयोजित की गई कॉमनवैल्थ पारलीमैंटरी एसोसिएशन (सी.पी.ए.), भारतीय क्षेत्रीय ज़ोन-III की 19वीं वार्षिक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया।  

गंगटोक में 23 और 24 फरवरी को हुई कॉन्फ्रेंस में ‘‘संसद और एसेंबली को नागरिकों के लिए और अधिक पहुंचयोग्य बनाना’’, ‘‘नशे रोकना और आगे बढ़ने के रास्ते तलाशना’’ और ‘‘साईबर बुलिंग’’ जैसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन लोक सभा स्पीकर श्री ओम बिरला ने किया।  

स. कुलतार सिंह संधवां ने बताया कि दो दिन चली यह कॉन्फ्रेंस काफ़ी सार्थक रही, जहाँ विभिन्न सामाजिक मुद्दों और नागरिकों के कल्याण सम्बन्धी चुनौतियों का गहराई से समाधान ढूँढा गया।उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस में पहुँचे डेलिगेट्स ने उद्घाटन एवं प्लेनरी सैशन के दौरान नशों की समस्या से सम्बन्धित कई सामाजिक और नैतिक मुद्दों संबंधी अपनी चिंताएं प्रकट कीं।

मुख्य मेहमान श्री ओम बिरला ने इस बात पर स्ंतुष्टी अभिव्यक्त की कि डेलिगेट्स ने नशों से सम्बन्धित समस्याओं को दूर करने के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु कुशल नीति बनाने और इसको लागू करने के लिए अपने कीमती सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि समूह सदस्यों को दो-दिन लम्बे सत्रों के दौरान विचार किए गए कीमती सुझाव ज़रूर अपनाने चाहिएं और उनको अपने-अपने राज्यों में लागू करने के लिए आगे बढऩा चाहिए। उन्होंने फ़ैसले लेने की प्रक्रिया में सार्थक इन्पुट को प्रोत्साहित करने के लिए लोगों की भागीदारी के महत्व को भी उजागर किया।  

स्पीकर स. संधवां ने कहा कि समूह सदस्यों का मानना था कि नशाखोरी विश्व स्तर पर बड़ी सामाजिक समस्या बन गई है और नशों की समस्या को ख़त्म करने के लिए शिक्षा और जागरूकता बहुत ज़रूरी है।  

उन्होंने उम्मीद जताई कि सी.पी.ए. भारतीय क्षेत्रीय ज़ोन-III कॉन्फ्रेंस, नीति और कानून निर्माताओं के लिए देश में अच्छे प्रशासन और लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए एक स्पष्ट रूप-रेखा का मूल्यांकन करने हेतु एक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करेगी। कॉन्फ्रेंस ने मुद्दों को उठाने, विचार-विमर्श और समाधान के लिए नियमित तौर पर बहस करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।