योगी आदित्यनाथ सरकार की रोजगार नीति से समग्र सामाजिक सुधार को मिला आधार

योगी आदित्यनाथ सरकार की रोजगार नीति से समग्र सामाजिक सुधार को मिला आधार

Yogi Adityanath Government's Employment Policy

Yogi Adityanath Government's Employment Policy

बेरोजगारी दर 19 से घटकर 2.4 प्रतिशत, प्रदेश में नीति आधारित विकास मॉडल की सफलता का प्रमाण

एमएसएमई ने खोले रोजगार के द्वार, दो करोड़ से अधिक युवाओं को मिला सहारा

लखनऊ, 04 दिसम्बर। Yogi Adityanath Government's Employment Policy: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में रोजगार के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। पिछले आठ वर्षों में प्रदेश सरकार ने अपनी दूरदृष्टि और सशक्त नीतियों के माध्यम से प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को नई पहचान दी है। प्रदेश में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़े हैं और युवाओं को प्रशिक्षण और उद्योगों के लिए प्रोत्साहन मिला है। विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। इन सबके साथ सामाजिक स्थिरता और ग्रामीण जीवन में सुधार की स्पष्ट झलक भी देखने को मिल रही है। यह सब कुछ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सशक्त नेतृत्व के कारण संभव हो रहा है। 

प्रदेश सरकार की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि बेरोजगारी दर में आई भारी गिरावट है। जहां एक समय प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत जैसे भारी-भरकम स्तर तक पहुंच गई थी, वहीं अब यह घटकर 2.4 प्रतिशत रह गई है। यह परिवर्तन न केवल आर्थिक मजबूती का संकेत है, बल्कि नीति आधारित विकास मॉडल की सफलता को दर्शाने का काम कर रही है। सरकार द्वारा बनाई गई रोजगार नीतियों, निवेश आकर्षित करने वाले उपायों और कौशल विकास कार्यक्रमों का सकारात्मक परिणाम पूरे प्रदेश में महसूस किया जा रहा है।

प्रदेश सरकार की जीसीसी नीति 2025 ने रोजगार वृद्धि को नया आयाम दिया है। इस नीति के माध्यम से दो लाख से अधिक नई नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। वैश्विक कंपनियों के लिए प्रदेश में अनुकूल वातावरण तैयार करने का जो ठोस प्रयास किया जा रहा उससे युवाओं को तकनीकी और उच्चस्तरीय रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। इसके साथ ही यूपी रोजगार मिशन ने मात्र एक वर्ष में 1.25 लाख लोगों को रोजगार प्रदान कर राज्य में रोजगार सृजन की गति को और अधिक तेज किया है।

एमएसएमई सेक्टर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनकर उभरा है। प्रदेश में इस समय 96 लाख से ज्यादा एमएसएमई इकाइयां संचालित हो रही हैं, जिनसे अब तक 2 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन हो चुका है। केवल पिछले एक वर्ष में ही इस क्षेत्र ने 18 लाख नए रोजगार उपलब्ध कराए हैं। यह सेक्टर सूक्ष्म और लघु उद्यमियों के लिए अवसरों का विशाल प्लेटफॉर्म बन गया है और जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ आधार भी तैयार कर रहा है।

कौशल विकास मिशन ने युवाओं की क्षमता को मार्केट डिमांड के अनुरूप ढालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मिशन के अंतर्गत 14 लाख युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया जिनमें से 5.66 लाख को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। इससे न केवल उद्योगों को स्किल्ड मैनपावर उपलब्ध हुआ बल्कि बड़ी संख्या में युवाओं को स्थानीय आजीविका के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। महिला रोजगार में वृद्धि प्रदेश के सामाजिक परिवर्तन की सबसे प्रभावशाली उपलब्धियों में से एक है। आज औद्योगिक क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। इससे परिवारों की आर्थिक मजबूती जेंडर समानता और महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण को अभूतपूर्व गतिशीलता प्रदान की है।

रोजगार महाकुंभ 2025 जैसे बड़े आयोजन और विभिन्न वित्तीय योजनाओं ने युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर दिए हैं बल्कि उन्हें न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा की भी गारंटी मिली है। इससे रोजगार बाजार में पारदर्शिता और स्थिरता दोनों बढ़ी हैं। लोगों का भरोसा सरकारी प्रयासों पर मजबूत हुआ है और उद्योगों के साथ कार्यबल का संतुलन अधिक प्रभावी तरीके से बन पाया है। इन प्रयासों का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों में दिख रहा है। रोजगार अवसर बढ़ने से ग्रामीण जीवन स्तर में अध्यापक स्तर पर सुधार दिखाई दे रहा है। युवा युवाओं को अब अपने गांव और अपने क्षेत्र में ही रोजगार प्राप्त हो रहे हैं। यही कारण है कि शहरों की ओर पलायन कम हो रहा है। महिलाओं के रोजगार में वृद्धि ने ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने का काम किया है।

उत्तर प्रदेश वर्ष 2047 के विकसित राज्य के लक्ष्य की ओर लगातार आगे बढ़ रहा है। रोजगार को विकास के मुख्य आधार के रूप में स्थापित करने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों से आने वाले वर्षों में और भी बड़े परिवर्तन की राह खुलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व क्षमता और नीति आधारित शासन ने यह साबित कर दिया है कि संगठित योजना और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति से सामाजिक और आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है।

महत्वपूर्ण तथ्य...

  • - बेरोजगारी में ऐतिहासिक कमी बेरोजगारी दर 19 से घटकर 2.4 प्रतिशत। प्रदेश में रोजगार की नई संभावनाओं को बढ़ावा।
  • - एमएसएमई बना रोजगार का मजबूत आधार 96 लाख इकाइयां सक्रिय। 2.0 करोड़ से अधिक रोजगार, एक वर्ष में 18 लाख नए रोजगार।
  • - कौशल मिशन ने बदली युवाओं की दिशा 14 लाख युवाओं को प्रशिक्षण। 5.66 लाख को प्रत्यक्ष रोजगार।
  • - महिला रोजगार से सामाजिक परिवर्तन औद्योगिक रोजगार में महिलाओं की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण में तेजी।