रूस में भयंकर भूकंप के बाद अब फटा ज्वालामुखी, 450 साल बाद दिखा ऐसा नजारा

Kamchatka Volcano Erupts

Kamchatka Volcano Erupts

मॉस्को: Kamchatka Volcano Erupts: रूस के सुदूर पूर्वी कामचटका प्रायद्वीप पर स्थित क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी इतिहास में पहली बार फटा है. कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि यह ज्वालामुखी 450 वर्षों से भी अधिक समय में पहली बार फटा है.

कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट प्रतिक्रिया दल (केवीईआरटी) ने अपने टेलीग्राम चैनल पर बताया कि विस्फोट रविवार को स्थानीय समयानुसार 2:50 बजे शुरू हुआ. इससे राख का गुबार समुद्र तल से 3-4 किमी ऊपर तक पहुंच गया. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि राख का गुबार पूर्व की ओर प्रशांत महासागर की ओर बढ़ गया है.

राख के बादल के रास्ते में कोई भी आबाद बस्ती नहीं है और आबादी वाले इलाकों में राख गिरने की कोई खबर नहीं है. इसे लेकर विमानन चेतावनी जारी की गई है. टेलीग्राम पर कामचटका आपातकालीन स्थिति मंत्रालय की एक पोस्ट के अनुसार यह धुआं 6,000 मीटर (19,700 फीट) की ऊंचाई तक पहुंच गया.

मंत्रालय ने कहा, 'यह धुआं ज्वालामुखी से पूर्व की ओर प्रशांत महासागर की ओर फैल रहा है. इसके रास्ते में कोई आबादी वाला इलाका नहीं है और आबादी वाले इलाकों में राख गिरने की कोई घटना दर्ज नहीं की गई है.'

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से लगभग 200 किमी उत्तर में और क्रोनोट्सकोय झील से 13 किमी दक्षिण में स्थित, क्रशेनिनिकोव कामचटका के पूर्वी ज्वालामुखी क्षेत्र का हिस्सा है.

इससे पहले आपातकालीन मंत्रालय की क्षेत्रीय शाखा ने कई अन्य सक्रिय कामचटका ज्वालामुखियों से 6-10 किमी दूर संभावित राख उत्सर्जन की चेतावनी दी थी. निवासियों और पर्यटकों को इन ज्वालामुखियों के शिखरों से 10 किलोमीटर के दायरे में यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई है.

यह विस्फोट कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.7 तीव्रता के भूकंप के कुछ ही दिनों बाद हुआ है. भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई और कामचटका और सेवेरो-कुरिल्स्क जिले के कुछ हिस्सों में आपातकाल जैसे हालात हो गए. तेज भूकंप से ज्वालामुखी का खतरा बना रहता है. वैसे भी रूस का कुरिल द्वीप समूह रिंग ऑफ फायर का हिस्सा माना जाता है. इन इलाकों में ज्वालामुखी से जुड़ी गतिविधियां होती रहती है.