रेप केस में प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद, ₹11 लाख का जुर्माना भी, पीड़िता को मिलेगी राशि

रेप केस में प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद, ₹11 लाख का जुर्माना भी, पीड़िता को मिलेगी राशि

Prajwal Revanna Sex Scandal Case

Prajwal Revanna Sex Scandal Case

Prajwal Revanna Sex Scandal Case: कर्नाटक की राजनीति को हिला देने वाला सेक्स स्कैंडल आखिरकार अपने अंजाम तक पहुंच चुका है. हासन से पूर्व सांसद और जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना को स्पेशल एनआईए कोर्ट ने घरेलू सहायिका से बलात्कार का दोषी मानते हुए दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके अलावा अदालत ने उन पर 11 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है, जो पीड़िता को मुआवजे के तौर पर मिलेगा.

इस मामले की शुरुआत अप्रैल 2024 में तब हुई, जब सोशल मीडिया पर एक अश्लील वीडियो वायरल हुआ. वीडियो में प्रज्वल रेवन्ना को एक महिला के साथ यौन शोषण करते हुए देखा गया. पीड़िता रेवन्ना परिवार के घर में नौकरानी थी. उसने पुलिस को बताया कि उसके साथ दो अलग-अलग जगहों पर बलात्कार हुआ. पहली बार फार्महाउस में और दूसरी बार बेंगलुरु के बसवनगुडी स्थित घर में.

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी ने प्रज्वल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. महीनों की पड़ताल के बाद करीब 2000 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी. एनआईए कोर्ट ने तमाम सबूतों, पीड़िता के बयान और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर प्रज्वल रेवन्ना को दोषी ठहराया. 

प्रज्वल रेवन्ना केस की टाइमलाइन...

अप्रैल 2024: लोकसभा चुनाव के दौरान अचानक प्रज्वल रेवन्ना का कथित सेक्स वीडियो सामने आया. पेन ड्राइव में मिले दर्जनों वीडियो सोशल मीडिया पर फैलते ही हड़कंप मच गया. रेवन्ना ने इसे विपक्ष की चाल बताते हुए कहा कि चुनाव बिगाड़ने के लिए झूठ फैलाया जा रहा है.

20 अप्रैल, 2024: प्रज्वल रेवन्ना के चुनाव एजेंट ने एफआईआर दर्ज कराई. आरोप था कि विरोधी पार्टियां उनकी छवि खराब करने के लिए वीडियो फैला रही हैं.

26 अप्रैल, 2024: वोटिंग पूरी होते ही रेवन्ना कूटनीतिक पासपोर्ट का इस्तेमाल कर विदेश निकल गए.

27 अप्रैल, 2024: कर्नाटक सरकार ने एसआईटी गठित कर जांच शुरू करवाई.

28 अप्रैल, 2024: घरेलू सहायिका ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई. इसमें प्रज्वल रेवन्ना और उनके पिता एच. डी. रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न और धमकी देने का मामला दर्ज किया गया.

29 अप्रैल, 2024: शिकायतकर्ता अचानक गायब हो गई. परिवार पर आरोप लगा कि उन्होंने उसे दबाव में लापता करवाया.

30 अप्रैल, 2024: जनता दल (सेक्युलर) ने तत्काल प्रभाव से प्रज्वल रेवन्ना को पार्टी से निलंबित कर दिया.

2 मई, 2024: एसआईटी ने आईपीसी की धाराओं में केस दर्ज कर उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया.

4 मई, 2024: लापता पीड़िता को एसआईटी ने सुरक्षित बरामद कर लिया.

30 मई, 2024: प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी से बेंगलुरु लौटने के लिए विमान में सवार हुए.

31 मई, 2024: बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरते ही एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

26 जून, 2024: विशेष अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी.

5 जुलाई, 2024: उन्होंने राहत के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

23 अगस्त, 2024: एसआईटी ने पहला चार्जशीट कोर्ट में दाखिल किया.

9 सितंबर, 2024: दूसरी चार्जशीट पेश हुई, जो 1632 पन्नों की थी.

21 अक्टूबर, 2024: हाईकोर्ट ने बलात्कार और उत्पीड़न मामलों में अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं.

2 नवंबर, 2024: फॉरेंसिक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ. पीड़िता की साड़ी पर रेवन्ना का डीएनए मिला.

11 नवंबर, 2024: सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी जमानत अर्जी ठुकरा दी.

16 जनवरी, 2025: हाईकोर्ट ने डिजिटल सबूतों की प्रिंट कॉपी देने की मांग खारिज कर दी.

1 मई, 2025: रेवन्ना की मां भवानी की याचिका भी हाईकोर्ट से खारिज हुई, जिसमें नए वकील की नियुक्ति के लिए समय मांगा गया था.

2 मई, 2025: इस केस की सुनवाई विशेष अदालत में शुरू हुई.

18 जुलाई, 2025: बहस पूरी होने के बाद फैसला 30 जुलाई के लिए सुरक्षित रखा गया.

30 जुलाई, 2025: कोर्ट ने स्पष्टीकरण मांगा और सुनवाई अगले दिन तक टाल दी.

1 अगस्त, 2025: एनआईए कोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार का दोषी माना.

2 अगस्त, 2025: प्रज्वल रेवन्ना को दोहरे उम्रकैद की सजा सुनाई गई. 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया.