सुबह सुबह ही क्यों होती है हार्ट अटैक? जाने क्या है इसके पीछे के कारण

सुबह सुबह ही क्यों होती है हार्ट अटैक? जाने क्या है इसके पीछे के कारण

 दिल की बीमारी आज दुनिया भर में मौत का सबसे बड़ा कारण बन चुकी है

 

heart attack: दिल की बीमारी आज दुनिया भर में मौत का सबसे बड़ा कारण बन चुकी है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। युवाओं में जीवनशैली से संबंधित समस्याएं जैसे तनाव, शारीरिक गतिविधि की कमी, अस्वास्थ्यकर भोजन की आदतें, मोटापा और धूम्रपान जैसे कारक हृदय रोगों का जोखिम बढ़ा रहे हैं।मायोकार्डियल इन्फार्क्शन यानी दिल का दौरा दिन के किसी भी समय हो सकता है, लेकिन कई रिसर्च और दिल के डॉक्टरों का कहना है कि सुबह के समय होने वाले हार्ट अटैक ज़्यादा गंभीर और जानलेवा हो सकते हैं| सवाल उठता है—आख़िर सुबह के समय हार्ट अटैक ज़्यादा ख़तरनाक क्यों होते हैं? आइए जानते हैं।

 

बायोलॉजिकल क्लॉक

 

हमारा शरीर एक प्राकृतिक जैविक घड़ी के अनुसार काम करता है, जिसे सर्कैडियन रिद्म कहा जाता है। यह घड़ी हमारे शरीर के अनेक कार्यों को नियंत्रित करती है—जैसे हार्मोन का स्तर, रक्तचाप और दिल की धड़कन।सुबह 6 बजे से 12 बजे के बीच शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर सबसे अधिक होता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और धमनियों पर दबाव पड़ता है। इससे दिल को ऑक्सीजन की ज़रूरत बढ़ जाती है। यदि धमनियां पहले से संकरी हैं, तो हार्ट अटैक का ख़तरा बहुत ज़्यादा हो जाता है।

 

खून का गाढ़ापन होता है खतरनाक

 

सुबह के समय खून की गाढ़ापन यानी ‘विस्कोसिटी’ बढ़ जाती है। यह खून को थक्के (ब्लड क्लॉट) बनाने की प्रवृत्ति देता है। अगर पहले से धमनियों में फैटी जमा मौजूद हो और ऊपर से थक्का बन जाए, तो खून का प्रवाह बाधित होता है और दिल को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है—जो हार्ट अटैक का सीधा कारण है।

 

प्लेटलेट्स में बढ़ोतरी

 

सुबह के समय हमारे शरीर में प्लेटलेट्स यानी रक्त के थक्के बनाने वाली कोशिकाएं ज़्यादा सक्रिय हो जाती हैं। यह एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है, लेकिन जिन लोगों की धमनियों में पहले से प्लाक (फैट या कोलेस्ट्रॉल की परत) जमा होता है, उनके लिए यह स्थिति खतरनाक हो सकती है।प्लेटलेट्स की अधिक सक्रियता के कारण खून में थक्का बनने की संभावना बढ़ जाती है। यदि यह थक्का पहले से संकरी या आंशिक रूप से बंद धमनियों में बन जाए, तो वह पूरी तरह से ब्लॉकेज पैदा कर सकता है। इससे दिल को ऑक्सीजन मिलना बंद हो जाता है, जो सीधे तौर पर हार्ट अटैक का कारण बनता है। यही कारण है कि सुबह के समय हार्ट अटैक ज़्यादा घातक साबित हो सकते हैं।

 

हमारी नेग्लीजेंसी

व्यक्ति सुबह के समय होने वाले दिल के दौरे के लक्षणों को अनदेखा या गलत समझने की कोशिश करते हैं। सांस लेने में तकलीफ, थकान, सीने में दर्द या बेचैनी जैसे लक्षण अक्सर सामान्य घटना के रूप में या अपच, गैस या नींद के बाद शरीर में कठोरता जैसे मुद्दों से जुड़े होते हैं।इसके परिणामस्वरूप, व्यक्‍ति चिकित्सीय मदद माँगने में देर करते हैं, यह विश्‍वास करते हुए कि असुविधा अपने आप दूर हो जाएगी । हालांकि यह जानलेवा साबित हो सकता है। परिणामस्वरूप, प्रारंभिक लेकिन महत्वपूर्ण संकेतों को अनदेखा नहीं करना महत्वपूर्ण है क्योंकि वे गंभीर नुकसान या यहां तक कि अचानक हृदय मृत्यु का कारण बन सकते हैं।