जालंधर संसदीय सीट पर उपचुनाव का मतदान हुआ संपन्न, जानिए कितनी फीसदी हुई वोटिंग और कब आयेंगे नतीजे

जालंधर संसदीय सीट पर उपचुनाव का मतदान हुआ संपन्न, जानिए कितनी फीसदी हुई वोटिंग और कब आयेंगे नतीजे

Jalandhar By-election 2023

Jalandhar By-election 2023

जालंधर। Jalandhar By-election 2023: बुधवार को जालंधर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। जालंधर जिले में आदमपुर, जालंधर कैंट, जालंधर सेंट्रल, जालंधर नॉर्थ, जालंधर वेस्ट, करतारपुर, नकोदर, फिल्लौर, शाहकोट विधानसभा सीटें आती हैं। इन सभी सीटों पर वोटिंग हुई है। इनके नतीजे 13 मई को सबके सामने होंगे।

जालंधर क्षेत्र में 9 विधानसभा सीटें आती हैं। इन नौ विधानसभा सीटों पर ही लोगों ने खूब बढ़ चढ़कर वोटिंग की है। चार महिलाओं समेत कुल 19 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। क्षेत्र के कुल 16,21,800 लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। क्षेत्र में 9 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1972 बूथ बनाए गए हैं। चुनाव आयोग ने बताया है कि लोकसभा क्षेत्र में 8,44,904 पुरुष वोटर हैं, जबकि 7,76,855 महिला वोटर हैं व 41 ट्रांसजेंडर हैं।

ये रहे वोटिंग प्रतिशत (Here is the voting percentage)….

  • आदमपुर             -       54 %
  • जालंधर कैंट         -      48.9 %
  • जालंधर सेंट्रल       -      49 %
  • जालंधर नॉर्थ         -      54.4 %
  • जालंधर वेस्ट        -       56.4 %
  • करतारपुर           -       54.7 %
  • नकोदर              -       55.4 %
  • फिल्लौर             -       55.8 %
  • शाहकोट            -       57.4 %

क्यों हुए लोकसभा उपचुनाव (Why were the Lok Sabha by-elections held?)

मालूम हो कि जनवरी में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जालंधर सीट से सांसद चौधरी संतोख सिंह की हार्ट अटैक आने से मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद यह उपचुनाव तो होने ही थे।

बता दें कि पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी जालंधर संसदीय क्षेत्र में जीत दर्ज करके लोकसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की उम्मीद कर रही है। यह जीत AAP के लिए महत्वपूर्ण है, जिसे मार्च 2022 में पंजाब के 117 विधानसभा क्षेत्रों में 92 सीटों के भारी बहुमत के साथ सत्ता में आने के तीन महीने बाद संगरूर लोकसभा उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।

भाजपा ने उतारा दलित प्रत्याशि (BJP fielded Dalit candidate)

भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के लिए भी दांव ऊंचे हैं, जिन्होंने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान अपमानजनक हार देखी। दोनों दल कभी पंजाब में सहयोगी थे। बता दें कि पंजाब में 31.9 प्रतिशत अनुसूचित जाति की आबादी है, जो सभी राज्यों में सबसे अधिक है। अनुसूचित जाति की अधिकांश आबादी दोआबा क्षेत्र में केंद्रित है, जिसका जालंधर हिस्सा है। आप ने पूर्व विधायक रिंकू को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने कौर पर भरोसा जताया है। भाजपा ने पंजाब विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल के बेटे को मैदान में उतारा है, जो भाजपा में शामिल हो गए थे।

सुखविंदर कुमार सुखी रहे शिअद के उम्मीदवार (Sukhwinder Kumar is happy SAD candidate)

शिअद ने बंगा सीट से अपने दो बार के विधायक सुखविंदर कुमार सुखी को मैदान में उतारा था जो पेशे से डॉक्टर हैं। शिअद उम्मीदवार को उसकी सहयोगी बहुजन समाज पार्टी का समर्थन प्राप्त है। सिमरनजीत सिंह मान के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने गुरजंट सिंह को मैदान में उतारा था।

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