75 साल की बूढ़ी अम्मा ने खुदकुशी के लिए नदी में लगाई छलांग, गंगा में 15 Km बहने के बाद हुआ चमत्कार

75 year old woman jumped into Ganga to Commit Suicide

75 year old woman jumped into Ganga to Commit Suicide

75 year old woman jumped into Ganga to Commit Suicide: जाके राखे साइयां मार सके ना कोय… कुछ ऐसा ही आज गाजीपुर में गंगा नदी में देखने को मिला. वाराणसी के कैथी स्थित मार्कण्डेय महादेव मंदिर के पास गंगा में पारिवारिक परेशानियों की वजह से 75 साल की वृद्ध महिला ने गंगा में छलांग लगा दी. महिला गंगा नदी में डूबी नहीं बल्कि वह करीब 15 किलोमीटर दूर बहकर गाजीपुर के वराह धाम घाट के पास पहुंच गई जहां लोगों ने उसे देखा. घाट पर बैठे युवाओं ने गंगा में कूद कर उसे बाहर निकाल लिया. वृद्ध महिला अभी भी जीवित है.

गाजीपुर जनपद के वराह धाम घाट पर गंगा के किनारे तीन युवक बैठकर गंगा की उफनाती लहरों को देख रहे थे. इन्हीं लहरों में अचानक से उन्हें एक महिला बहते हुए दिखाई दी. उस वक्त महिला के हाथ-पैर चल रहे थे. इसके बाद तीनों युवकों ने उस महिला को बचाने के लिए गंगा में छलांग लगा दी. कुछ देर बाद उस वृद्ध महिला को गंगा के किनारे लाया गया. उस वक्त वृद्ध महिला अचेत थी लेकिन जिंदा थी. युवक पिंटू यादव और अन्य युवक महिला को बेहतर इलाज के लिए पास के स्वास्थ्य केंद्र पर ले गए. जहां डॉक्टरों के इलाज के बाद वृद्धा होश में आई और अपने गंगा में कूदने की पूरी कहानी लोगों को बताई.

वृद्धा की मानें तो वृद्धा के चार बेटे और बहू हैं. उसका भरा-पूरा परिवार है लेकिन इतना बड़ा परिवार होने के बावजूद वृद्ध महिला बासमती देवी पारिवारिक परिस्थितियों से काफी नाराज चल रही हैं. इसी के चलते उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त करने की सोची. इसके बाद वह अपने गांव मौधिया तड़ियाव से मार्कण्डेय महादेव गंगा घाट पहुंचीं. महिला ने गंगा में छलांग लगा दी.

15 किलोमीटर तक बहती रहीं

हालांकि मां गंगा ने एक मां के दर्द को समझा और इस वृद्ध मां को अपने आगोश में लेने के बजाय अपनी लहरों पर तब तक संभाले रखा जब तक कि उन्हें बचाने के लिए तीन युवकों की निगाह नहीं पड़ी. बता दें कि मारकंडे धाम से वराह धाम की दूरी तकरीबन 15 किलोमीटर है. इस 15 किलोमीटर में मां गंगा ने वृद्ध मां को अपनी लहरों पर संभालते हुए यहां तक पहुंचा दिया. यह किसी चमत्कार से कम नहीं है.

चार बेटे, चारों शादीशुदा

बासमती देवी ने बताया कि उनके चार पुत्र राम सकल, रामविलास, अशोक और राम दुलारे हैं. सभी की शादियां भी हो चुकी हैं लेकिन पारिवारिक उपेक्षा और दिक्कतों के कारण उसने यह निर्णय लिया था. हालांकि अब वृद्धा की जान बच गई. महिला को बचाने वाले युवक पिंटू यादव इसकी सूचना सैदपुर कोतवाली पुलिस को भी दी है. महिला का प्राथमिक इलाज किया गया है और उनके परिजनों को सूजना दी गई है.