India America Relations: चार दिवसीय दौरे पर भारत आएगा अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल, रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने पर होगी चर्चा

India America Relations: चार दिवसीय दौरे पर भारत आएगा अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल, रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने पर होगी चर्चा

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India America Relations: चार दिवसीय दौरे पर भारत आएगा अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल, रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने

India America Relations: वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक(comprehensive global strategic) साझेदारी को और गहरा करने के लिए दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू चार दिवसीय यात्रा पर पांच सितंबर को भारत पहुंचेंगे। लू पांच से आठ सितंबर तक भारत में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल(US delegation) का नेतृत्व करेंगे।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि क्वाड के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में सहायक विदेश मंत्री लू के साथ पूर्वी एशियाई और प्रशांत मामलों की उप सहायक विदेश मंत्री केमिली डावसन (Camille Dawson) भी शामिल होंगी और भारत-प्रशांत सुरक्षा मामलों पर 2+2 अंतर्सत्रीय बैठक और समुद्री सुरक्षा वार्ता में अमेरिकी रक्षा विभाग के सहायक मंत्री एली रैटनर (Ely Ratner) को भी शामिल किया जाएगा।

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों के साथ इस बात पर चर्चा करेगा कि कैसे अमेरिका और भारत एक स्वतंत्र और मुक्त, समृद्ध और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए सहयोग का विस्तार कर सकते हैं।

अपने दौरे के दौरान लू महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अमेरिका-भारत संधि के तहत एक कार्यक्रम में महिला उद्यमियों के साथ शामिल होंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कार्यबल में महिलाओं की सार्थक भागीदारी के माध्यम से उनकी आर्थिक सुरक्षा बढ़ाना है। वह वरिष्ठ व्यावसायिक अधिकारियों के साथ एक गोलमेज चर्चा में भी शामिल होंगे, जहां इस बात पर चर्चा की जाएगी कि कैसे भारत अगले 25 वर्षों में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक केंद्रीय हब बनने के लिए अपनी पूर्ण आर्थिक क्षमता का इस्तेमाल कर सकता है।

गौरतलब है कि भारत जो बाइडन प्रशासन की हिंद-प्रशांत रणनीति का केंद्र बिंदु है - भारतीय विदेश और रक्षा मंत्रियों ने हाल ही में अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ 2+2 बैठक की थी। भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय साझेदारी में आज कोविड-19 की प्रतिक्रिया, महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु संकट और सतत विकास, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां, आपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन, शिक्षा, प्रवासी, रक्षा और सुरक्षा सहित कई मुद्दों को शामिल किया गया है। ।

हालांकि रूस-यूक्रेन संकट को लेकर भारत और अमेरिका के बीच काफी विरोधाभासी प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। हाल की बैठक में, भारत के प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्यक्त किया कि दुनिया के दो प्रमुख लोकतंत्र पारस्परिक रूप से स्वीकार्य परिणामों पर पहुंचने के लिए अपने मतभेदों के आसपास काम करने के इच्छुक हैं। इन सबके बावजूद भारत और अमेरिका ने हाल के वर्षों में संबंधों को बढ़ाना जारी रखने और आने वाले समय में बड़ी रणनीतिक तस्वीर से न हटने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है।