International Men's day 2022: अगर पुरुषों में फर्टिलिटी की है कमी तो बढ़ाने में बेहद असरदार हैं ये योगासन

International Men's day 2022: अगर पुरुषों में फर्टिलिटी की है कमी तो बढ़ाने में बेहद असरदार हैं ये योगासन

International Men's day 2022

International Men's day 2022

International Men's day 2022: पुरुषों में इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम का होना आजकल एक आम बात हो गई है. इसके पीछे खानपान में लापरवाही और बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल कारण हो सकते हैं. वैसे स्ट्रेस या डिप्रेशन भी इनफर्टिलिटी के हालात पैदा कर देते हैं. इनफर्टिलिटी से ग्रसित मरीज के स्पर्म काउंट और क्वालिटी गिरने लगती है. पिता बनने की खुशी को छीन लेने वाली इस बीमारी की वजह से सिर्फ पुरुष ही नहीं महिला के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. इस प्रॉब्लम का इलाज संभव हो सकता है, लेकिन इसके लिए डाइट के साथ-साथ डॉक्टर का इलाज व रूटीन में एक्टिव रहने जैसे अन्य तरीके भी अपनाने जरूरी होते हैं.

आयुर्वेद और एलोपैथी में ऐसा माना गया है कि एक्सरसाइज एवं योग के जरिए भी इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम को दूर किया जा सकता है. अधिकतर लोगों को ये पता ही नहीं होता है कि उन्हें किस तरह के योग करने चाहिए. यहां हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए काफी हद तक लाभकारी साबित हो सकते हैं. जानें इनके बारे में…

धनुरासन(Dhanurasana)

इस योगासन को कोई भी कर सकता है, लेकिन जिन पुरुषों में इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम हो गई हो, उन्हें इस योगासन को जरूर करना चाहिए. माना जाता है कि योग की इस मुद्रा से स्पर्म की क्वालिटी में सुधार आता है. स्पर्म की क्वालिटी में सुधार आने पर फर्टिलिटी को लेकर पॉजिटिविटी आने लगती है. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले उल्टा लेट जाएं और अपनी ठुड्डी को नीचे टीका दें. फिर दोनों पैरों को मिलाएं और सीधे रहें. इसके बाद अपने पैरों को मोड़ते हुए पीछे लाएं और अपने हाथों से एंकल को पकड़ने की कोशिश करें. फिर अपने दोनों पैरों को खींचे जिसका आपका बॉडी उठेगी और सारा वेट आपके पेट पर आ जाएगा. इस आसन को करीब 10 बार करें.

पद्मासन(padmasana)

ये एक आसान योग मुद्रा है, जिसे बच्चे से लेकर बूढ़े तक कर सकते हैं. पुरुषों के लिए बात की जाए, तो मेंटल स्ट्रेस की वजह से उनका स्पर्म काउंट और क्वालिटी तेजी से बिगड़ने लगते हैं. ऐसे में उन्हें इस योगासन को नियमित रूप से करना चाहिए, क्योंकि ये ऐसी योग मुद्रा है, जो दिमाग को शांत करती है और शरीर को आराम देती है. पद्मासन जैसी ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं और अपनी पीठ को सीधा रखें. अपने अंगूठे और अनामिका उंगली को एक दूसरे से धीरे से छूने दें. अपनी बाकी उंगलियों को सीधा करें. अपनी हथेलियों के पिछले हिस्से को अपने घुटनों पर रखें. अपनी आंखें बंद करें और अपना ध्यान अपनी सांसों पर केंद्रित करें.

( इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Arthparkash इनकी पुष्टि नहीं करता है. किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें.)

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