इस काम के लिए तीन लाख से एक करोड़ सहायता देगी योगी सरकार, प्रोत्साहन भी मिलेगा, शासनादेश जारी
Financial Assistance for Selling MSME Products
लखनऊ। Financial Assistance for Selling MSME Products: सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने विदेशी मेलों में प्रतिभाग करने वाले निर्यातकों को वित्तीय सहायता देने की योजना शुरू कर दी है। त्वरित निर्यात विकास प्रोत्साहन योजना के तहत विदेश में लगने वाले मेलों में स्टाल लगाने और डिजिटल मार्केटिंग के लिए सरकार निर्यातकों को वित्तीय सहायता देगी।
योजना का लाभ लेने के लिए निर्यातकों को एक माह पहले निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो में आवेदन करना होगा। एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।
जारी शासनादेश के अनुसार विदेशी या अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्वदेशी मेला-प्रदशर्नी या बायर्स सेलर्स मीट में शामिल होने के लिए निर्यातकों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। साथ ही उत्पदों के डिजिटल प्रचार के लिए विज्ञापन, उत्पादों की सूची तैयार करने के लिए और वेबसाइट को विकसित करने पर भी सहायता दी जाएगी।
इसके अलावा विदेशी ग्राहकों को उत्पादों का नमूना भेजने के लिए भी आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं गुणवत्ता नियंत्रण के लिए विदेशी प्रयोगशालाओं से उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए भी वित्तीय सहायता देने का प्रविधान किया गया है।
शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि विदेशी मेला-प्रदशर्नी में शामिल होने और वहां किराए पर स्टाल लेने पर खर्च होने वाली राशि का 75 प्रतिशत या अधिकतम 3.25 लाख रुपये दिया जाएगा। इसके अलावा निर्यातकों और अधिकृत व्यक्ति द्वारा इकोनामी क्लास के हवाई किराये पर होने वाले खर्च का 75 प्रतिशत या अधिकतम 1.25 लाख रुपये दिया जाएगा।
इसी प्रकार अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल बी2बी प्रदर्शनी में शामिल होने वाली इकाइयों के कुल खर्च का 75 प्रतिशत या 25,000 रुपये प्रति प्रदर्शनी के हिसाब से दिया जाएगा।
निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो की सिफारिश पर सरकार विदेश में आयोजित होने वाले मेलों या प्रदर्शनी में शामिल होने वाली निर्यातक काइयों को कुल व्यय होने वाली राशि का 75 प्रतिशत या अधिकतम तीन करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जाएगा।
परंपरागत विदेशी बाजारों के लिए न्यूनतम 20 निर्यातक इकाइयों तथा अपरंपरागत में 10 निर्यातक इकाइयों के शामिल होने की अनिवार्यता होगी।
वहीं, कम से कम 30 निर्यातक इकाइयों वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वदेशी मेला व प्रदर्शनी में शामिल होने पर खर्च का 75 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।