Kaila Devi Mandir

कैला देवी मंदिर में विराजमान देवी को मानते है भगवान श्री कृष्ण की बहन, देखें क्या है खास

300

Kaila Devi Mandir

Kaila Devi Mandir राजस्थान की धरती अपने आप में कई इतिहासों को समेटे हुए है। कहा जाता है कि राजस्थान की पावन धरा शूरवीरों की धरा है। यहां पर कई बड़े राजा महाराजाओं का जन्म हुआ है। साथ ही राजस्थान Rajasthan की धरती पावन भूमि भी है। यहां कई ऐसे चमत्कारी मंदिर है जो विख्यात है। राजस्थान के करौली में स्थित कैला देवी मंदिर पूरे विश्व में बहुत ही प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहां विराजीत कैला देवी यदुवंशी है। जिन्हे यहाँ के लोग भगवान श्री कृष्ण की बहन मानते है। इसको लेकर कई कथाएं भी प्रचलित है। कैला देवी मंदिर की एक बात बहुत ही खास है। वो यह कि जो भी व्यक्ति यहां आता है वो कभी खाली हाथ नहीं लौटता है। सच्चे मन से जो भी मन्नत लेकर आता है कैला देवी उनकी हर मनोकामना को जरूर पूरा करती हैं। इसलिए साल भर इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। 

कैला देवी मंदिर Kaila Devi Mandir  राजस्थान के साथ ही पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यहां विराजीत देवी को लेकर कई तरह की कथाएं है। कहा जाता है कि कैला देवी भगवान श्री कृष्ण की बहन है जो यदुवंशी है। बताया जाता है कि जब देवकी के दुष्ट भाई कंस को पता लगा था की उनकी बहन की संतान ही उनकी मौत का कारण बनेगी तो कंस ने देवकी और उनके पति को बंदी बनाकर एक के बाद एक उनकी संतान को मारता ही जा रहा था। जब देवकी की आठवीं संतान के रूप में भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण अवतार में जन्म लिया तो उसी वक्त गोकुल में यशोदा और नंद बाबा के घर बेटी का जन्म हुआ। जिसके बाद विधि के विधान अनुसार वसुदेवजी ने गोकुल जाकर कृष्ण को वहां छोड़ आए और नंदबाबा की बेटी को अपने साथ मथुरा ले आए।

कंस जब देवकी की आठवीं संतान को मारने कारागार पहुंचा एवं मारने लगा तो वह देवी रूप में प्रकट होकर आकाश में चली गई। जो देवी योगमाया थी। इसी देवी ने बताया की तुम्हारा अंत करने वाले का जन्म हो चुका है। भागवत कथा के अनुसार इसके बाद देवी विंध्य पर्वत पर विंध्यासिनी देवी के रूप में निवास करने लगी। यहां लोगो का मानना है कि कंस से छूटकर देवी राजस्थान में कैला देवी के रूप में विराजमान हो गई।

मान्यता अनुसार कैला देवी Kaila Devi Mandir  की पूजा यहां के लोग भगवान श्री कृष्ण की बहन के रूप में करते हुए उन्हें यदुवंशी मानते है। कैला देवी का मंदिर राजस्थान के करौली जिले के कैलादेवी गांव में स्थित है। यहां पूरे वर्ष भक्तों का आवागमन रहता है। लोगों की श्रद्धा यहां के प्रति अटूट है। मंदिर को लेकर एक मान्यता यह भी है कि बाबा केदारगिरी ने कठोर तपस्या कर माता के श्रीमुख की स्थापना की थी।  मंदिर में लोग अपने बच्चों का पहली बार मुंडन करवाने हेतु पहुंचते है। आसपास के लोगों का कहना है कि ऐसा करने से माता का परम आशीर्वाद उनके बच्चें को प्राप्त होता है जिससे उसका जीवन सुख- शांति से बीतता है। 

इन्ही लोगों की एक मान्यता यह भी है कि परिवार में किसी का विवाह होने के बाद नवविवाहित जोड़ा जब तक आकर कैला देवी के दर्शन नहीं कर लेता तब तक परिवार का कोई भी सदस्य यहां दर्शन करने के लिये नहीं आता है। 

कैला देवी मंदिर Kaila Devi Mandir  उत्तर भारत के प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों में से एक माना गया है। मंदिर के पास में मौजूद कालीसिल नदी भी चमत्कारिक नदी है। कहा जाता है कि यहां दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों को कालीसिल नदी में स्नान कर माता के दर्शन करने से कई प्रकार के रोंग एवं कष्ट दूर होते है।

यहां वर्ष में एक बार लक्खी मेले का भी आयोजन होता है। जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, Madhya Pradesh हरियाणा, पंजाब, दिल्ली तथा गुजरात सहीत अनेक राज्यों से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते है। इसी तरह नवरात्रि में भी यहां पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। नवरात्रि में माता के दर्शन करने से उनके विशेष आशीर्वाद प्राप्त किए जा सकते है।

 

यह भी पढ़ें:

https://www.arthparkash.com/mata-mansa-devi-darshan-31-12-2022

 

यह भी पढ़ें:

https://www.arthparkash.com/maharashtras-56th-annual-nirankari-sant-samagam-begins-in-aurangabad-voluntary-services