चंडीगढ़ के 614 मतदान केंद्रों में से 139 बूथ संवेदनशील, शहर के 23 प्रतिशत मतदान केंद्र असुरक्षित, बीते चुनावों की तुलना में संख्या हुई कम

Out of 614 polling stations in Chandigarh, 139 booths are sensitive

Out of 614 polling stations in Chandigarh, 139 booths are sensitive

Out of 614 polling stations in Chandigarh, 139 booths are sensitive- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I चंडीगढ़ में 1 जून को लोकसभा चुनाव हैं और यह देश में हो रहे चुनावों का आखिरी चरण होगा। शहर में अब तक 6,47,291 लोग मतदाता रजिस्टर हुए हैं। शहर में बनाये गए 614 मतदान केंद्रों और स्टेशनों पर ये अपना वोट डालेंगे। चुनाव विभाग के अनुसार कुल 614 मतदान केंद्रों में से 139 बूथ संवेदनशील माने गए हैं।

चंडीगढ़ में इस बार संवेदनशील बूथों की संखया में कमी आई है। हालांकि 23 प्रतिशत बूथ चुनाव आयोग की तरफ से संवेदनशील बताये जा रहे हैं लेकिन अगर बीते चुनावों की तुलना में देखें तो इसमें काफी कमी आई है। वर्ष 2019 के चुनावों में कुल 587 बूथों में से 212 बूथ संवेदनशील माने गये थे। 2014 में 519 बूथों में से 167 बूथ संवेदनशील माने गये थे। चुनाव आयोग भी चुनावों में कानून-व्यवस्था बरकरार रखने के लिये पूरा जोर लगा रहा है ताकि निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से चुनाव हो सकें। मिली जानकारी अनुसार उन इलाकों में स्पेशल फोर्सिस तैनात की जा रही हैं जहां चुनाव में खलल की आशंका है। सभी बूथों की वैबकॉस्टिंग भी कराई जाएगी।

इन इलाकों में माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किये गये हैं जो इलाके की हर आपराधिक गतिविधि पर नजर रखेंगे। चुनाव आयोग के अनुसार जिन बूथों पर किसी प्रत्याशी के लिये 90 प्रतिशत से ऊपर या 75 प्रतिशत से ऊपर वोट डली है उसे क्रिटिकल बूथ माना जाता है। ऐसे पोलिंग स्टेशन भी इस गिनती में आते हैं जहां पोलिंग महज 10 प्रतिशत से कम हो। इस लिहाज से चंडीगढ़ में कोई क्रिटिकल बूथ नहीं आता लिहाजा इसको लेकर चुनाव आयोग को कोई चिंता नहीं।

9534 वोटर ऐसे जिन्हें किया जा सकता प्रभावित

चंडीगढ़ चुनाव विभाग की उन मतदाताओं पर कड़ी नजर है जिन्हें राजनीतिक पार्टियां आराम से प्रभावित कर सकती हैं। चुनाव विभाग द्वारा जुटाये आंकड़े बता रहे हैं कि शहर में कम से कम 9,534 मतदाता ऐसे हैं जिन्हें कोई न कोई लालच देकर भरमाया जा सकता है। चुनाव विभाग ने शहर के लगभग 23 प्रतिशत मतदान केंद्रों को असुरक्षित माना है। पिछले चुनावों की तुलना में यह संख्या काफी कम हुई है। चुनाव आयोग ने 365 ऐसे लोगों की भी पहचान की है जो कालोनियों, गांवों इत्यादि में इलाके के दादा का काम करते हैं और वोटरों को लालच देकर लुभा सकते हैं। ऐसे दादा राजनीतिक पार्टियों के लिये पैसा, शराब या अन्य गिफ्ट इत्यादि बांटकर वोटर जुटाते हैं।

चुनाव आयोग किसे मानता है संवेदनशील बूथ

भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के अनुसार, संवेदनशील बूथ वे मतदान केंद्र हैं जहां मतदाताओं, विशेषकर समाज के कमजोर वर्गों के मतदाताओं को प्रभावित करने या डराने-धमकाने के लिए धन और बाहुबल के दुरुपयोग की आशंका रहती है। संवेदनशील बूथ मापने के लिए चुनाव आयोग ने मैपिंग एक्सरसाइज की और कई पैरामीटरों के आधार पर आंकलन किया। पैसे के दुरुपयोग, बाहुबल, राजनीतिक द्वेष, मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के वायलेशन, प्री पोल शिकायतों, इलाके में अल्पसंखयकों या अनुसूचित जाति के वोटरों की संख्या और इलाके में असामाजिक तत्वों के प्रभाव को देख कर संवेदनशील बूथों की संख्या निकाली है। चंडीगढ़ चुनाव आयोग और पुलिस ने 9,534 वोटर ऐसे पाये हैं जिन्हें आसानी से प्रभाव में लिया जा सकता है।

चंडीगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में 77 संवेदनशील बूथ हैं जहां आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लोग रहते हैं। गांव के कुछ इलाके भी इसमें शामिल हैं। ऐसे क्षेत्रों में वोटरों के बैकराऊंड को देखा जाता है। पता लगाया जाता है कि इनका आपराधिक इतिहास क्या है और चुनावों के दौरान इनका किस तरह का आचरण रहा है। ऐसे कमजोर तबके या आपराधिक छवि के लोगों को मुफ्त गिफ्ट या अन्य चीजें और अन्य वादों से आसानी से लुभाया जा सकता है। इन पर नजर रखने के लिये पुलिस और चुनाव आयोग ने विशेष प्रबंध किये हैं। चुनाव आयोग ने ऐसे 365 लोगों की पहचान की है जो चुनाव के दौरान गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनमें ज्यादातर क्रिमिनल बैकराऊंड के हैं। ये आपराधिक छवि के लोग वोटरों को भी लुभाने में माहिर हैं। यूटी पुलिस की एसएसपी कंवरदीप कौर के अनुसार पुलिस ने करीब 350 लोगों को चुनाव गतिविधि में खलल पैदा करने की आशंका वाली सूची में डाला है। पुलिस ऐसे तत्वों पर सख्ती से नजर रख रही है। जैसी जरूरत होगी, वैसे कदम पुलिस इनके खिलाफ उठायेगी।