The Chief Minister appealed to the farmers

हरियाणा में इनको भी मिलेगा मालिकाना हक, जाने मुख्यमंत्री की इस नई योजना के बारे में

The Chief Minister appealed to the farmers

The Chief Minister appealed to the farmers

जुमला मालकान, मुश्तरका मालकान, शामलात देह व अन्य काश्तकारों को मालिकाना हक देने के लिए सरकार बना रही नया कानून

भू-जल रिचार्जिंग के लिए बना रहे हैं नई योजना- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने किया किसानों से आह्वान, कम पानी वाले क्षेत्रों के किसान अपनाएं सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली

The Chief Minister appealed to the farmers- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जुमला मालकान, मुश्तरका मालकान, शामलात देह व जुमला मुश्तरका मालकान व आबादकार, पट्टेदार, ढोलीदार, बुटमीदार व मुकरीरदार व अन्य काश्तकारों को मालिकाना हक देने के मामले का स्थायी हल निकाला जाएगा। इस विषय में प्रदेश सरकार (State Government) नया कानून बना रही है।

मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने यह जानकारी आज यहां उनके आवास संत कबीर कुटीर पर उनसे मुलाकात करने आए भारतीय किसान यूनियन (Indian Farmer's Union) के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में दी। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल भी उपस्थित थे। प्रतिनिधियों ने बैठक में अपनी कई मांगें रखी, जिन पर सहमति बन गई और इसके लिए प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री का आभार व्यक्त किया।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि पुराने कानूनों का अध्ययन करने व नये कानून तैयार करने के लिए विशेष कमेटी गठित की हुई है, जिसमें वे स्वयं तथा उप मुख्यमंत्री, विकास एवं पंचायत मंत्री, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री तथा महाअधिवक्ता शामिल हैं।

इस कमेटी की 2 बैठकें हो चुकी हैं और अधिकारियों को कानून (Law) का प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। यह कार्य अंतिम चरण में है, जल्द ही इससे संबंधित विधेयक विधान सभा में लेकर आएंगे। किसान यूनियन (farmers union) के वकील भी कमेटी को कानून बनाने से संबंधित यदि कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो वे भी दे सकते हैं। इस पर किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि जो किसान वर्षों से ऐसी जमीनों पर मकान बना कर रह रहे हैं या खेती कर रहे हैं, उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय नहीं होगा। उनसे जमीन नहीं छुड़वाई जाएगी। लेकिन सरकार ने सख्ती की है ताकि इस प्रकार का कोई नया कब्जा न हो सके।

भू-जल रिचार्जिंग के लिए बनाई जा रही है नई योजना- A new plan is being made for ground water recharging

श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में पानी की उपलब्धता लगातार कम होती जा रही है, इसको देखते हुए वर्तमान में उपलब्ध पानी का उपयुक्त प्रबंधन करना भी सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार द्वारा भू-जल रिचार्जिंग के लिए बोरवैल भी लगाए जा रहे हैं। किसान यूनियन के प्रतिनिधियों के सुझाव को मानते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही एक नई योजना लेकर आएंगे, जिसके तहत भू-जल रिचार्जिंग के लिए किसान अपने खेत में बोरवेल लगा सकेंगे और राज्य सरकार इस पर सब्सिडी देने का प्रावधान बनाएगी। इसके लिए जल्द ही योजना का खाका तैयार किया जाएगा। 3 साल तक उस बोरवेल का रखरखाव भी किसान ही करेंगे। इस कदम के लिए किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।

मुख्यमंत्री ने किया किसानों से आह्वान, कम पानी वाले क्षेत्रों के किसान अपनाएं सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली- Farmers adopt micro irrigation system

श्री मनोहर लाल ने कहा कि जिन इलाकों में भू-जल स्तर काफी नीचे जा चुका है, ऐसे क्षेत्रों में किसान सूक्ष्म सिंचाई को अपनाए। इस प्रणाली को अपनाने पर प्रदेश सरकार किसानों को 85 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान कर रही है। इतना ही नहीं, जल संसाधन प्राधिकरण हर गांव के जल स्तर का आंकलन कर रहा है। इसके लिए पिजोमीटर लगाए जा रहे हैं। अब खण्ड अनुसार नहीं बल्कि गांव के अनुसार भू-जल स्तर का पता लगेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जल संरक्षण के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना चलाई, जिसके तहत हमने किसानों से धान के स्थान पर कम पानी की खपत वाली फसलों की खेती करने का आह्वान किया था। किसानों ने सरकार का सहयोग करते हुए लगभग 1 लाख एकड़ धान के क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य वैक्लपिक फसलें उगाई हैं।

गन्ने के मूल्य निर्धारण के लिए कमेटी कर रही सभी पहलूओं का अध्ययन- study all aspects

श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार सदैव किसानों के हित में योजनाएं बना रही है और हर परिस्थिति में सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। इसी कड़ी में गन्ने के मूल्य को लेकर सरकार ने कृषि मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है, जो ‌गन्ने की लागत, चीनी का रेट, उसकी रिकवरी सहित अन्य संबंधित विषयों का अध्ययन कर रही है और जल्द ही सरकार को रिपोर्ट देगी। राज्य सरकार चीनी मिलों की क्षमता भी बढ़ा रही है। मिलों में अब एथेनॉल बनाने की दिशा में भी तेजी से कार्य हो रहा है, ताकि मिलों के घाटे में कुछ कमी लाई जा सके।

राज्य सरकार सड़कों के दोनों तरफ की जमीनों की पुनः चकबंदी करने की कर रही है व्यवस्था

बैठक में किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों ने हाईवे या एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के कारण खेतों में जाने के रास्ते की व्यवस्था नहीं होने की समस्या भी रखी। इस पर मुख्यमंत्री ने हुए कहा कि राज्य सरकार सड़कों के दोनों तरफ की जमीनों की पुनः चकबंदी करने का प्रबंध कर रही है, ताकि किसी किसान की जमीन यदि सड़क के दोनों तरफ आ गई है तो उसे सड़क के एक तरफ जमीन मिल जाए, ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो। चकबंदी करने उपरांत किसानों को 4-5 करम का रास्ता प्रदान करने की व्यवस्था भी की जा सकेगी।

ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से भू-मालिकों की आपसी सहमति से सरकार खरीद रही जमीन

यूनियन के प्रतिनिधियों द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की मांग पर श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में सरकारी परियोजनाओं के लिए एक ईंच भूमि का भी अधिग्रहण नहीं किया गया है। हमारी सरकार ने ई-भूमि पोर्टल शुरू किया हुआ है, जिसके माध्यम से परियोजनाओं के लिए भूमि मालिकों की सहमति पर उनके रेट के अनुसार सरकार उनकी जमीन ले रही है। इस प्रकार भू-मालिकों की आपसी सहमति से अब तक लगभग 800-900 एकड़ भूमि सरकार खरीद चुकी है।

बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अंकुर गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल, बिजली निगमों के चेयरमैन श्री पी के दास, पशुपालन एवं डेयरी विभाग की आयुक्त एवं सचिव श्रीमती अमनीत पी कुमार, भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि सुरेश कौंथ, अमरजीत सिंह मोहड़ी, मनदीप सिंह नाथवान सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। इनके अलावा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

 

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