नरदेव सिंह कंवर ने नई दिल्ली में संयुक्त सचिव से भेंट की

Nardev Singh Kanwar met with the Joint Secretary in New Delhi

Nardev Singh Kanwar met with the Joint Secretary in New Delhi

मनरेगा राशि केंद्र शासित प्रदेशों की तर्ज पर व्यय करने की मांग
पात्र श्रमिकों की फिजिकल वेरीफिकेशन करवा रहा बोर्ड
पात्र परिवारों को घर निर्माण के लिए प्रदान किए जा रहे 3-3 लाख रुपये
प्रशासनिक व्यय  को बढ़ाने का भी किया आग्रह

 शिमला। हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने आज नई दिल्ली में संयुक्त सचिव श्रम एवं रोजगार आशुतोष ए.टी. पेडणेकर से भेंट कर लेबर चौक, मनरेगा श्रमिक, सेस पोर्टल व प्रशासनिक व्यय से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। संयुक्त सचिव ने कहा कि प्रदेश कामगार कल्याण बोर्ड को लेबर चौक व सेस पोर्टल से संबंधित पूरी सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही बोर्ड को एक एक विशेषज्ञ टीम भी उपलब्ध करवाई जाएगी। मनरेगा के अंतर्गत नए कानून में जो राशि 90ः10  के अनुपात से व्यय होनी है, उसे केंद्र शासित प्रदेशों की तर्ज पर करने पर विचार किया जाएगा।
नरदेव कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हर वर्ष आपदा से जूझ रहा है जिससे जानमाल का भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश को केंद्र शासित प्रदेशों की तर्ज पर केंद्रीय लाभ प्रदान किए जाएं।
संयुक्त सचिव ने सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। नरदेव सिंह कंवर ने वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार प्रशासनिक व्यय  को बढ़ाने का भी आग्रह किया। इस पर संयुक्त सचिव से अलग से प्रस्ताव भेजने और उसके मुताबिक राशि बढ़ाने का भरोसा दिलाया।
नरदेव सिंह कंवर ने संयुक्त सचिव को बोर्ड की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया की बोर्ड में व्यापक सुधार करते हुए पात्र श्रमिकों की फिजिकल वेरीफिकेशन की जा रही है तथा उसके बाद ही लाभ जारी किए जा रहे है। संयुक्त सचिव ने इस कदम की प्रशंसा करते हुए कहा की बोर्ड की बेहतरी के लिए यह कदम दूरदर्शी सोच का परिणाम है, जिसका लाभ श्रमिकों को मिल रहा है।
अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने अवगत करवाया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू द्वारा विधवा, एकल, दिव्यांग व निराश्रित श्रमिक वर्ग की महिलाओं को योजना के तहत घर निर्माण के लिए 3-3 लाख रुपये प्रदान किए जा रहे है, जिस पर आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने प्रसन्नता व्यक्त की।