कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा की शादी, वैदिक मंत्रों के बीच लेंगे 7 फेरे

कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा की शादी, वैदिक मंत्रों के बीच लेंगे 7 फेरे

Indresh Upadhyay and Shipra Wedding

Indresh Upadhyay and Shipra Wedding

Indresh Upadhyay and Shipra Wedding: जयपुर में शुक्रवार को वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने हरियाणा की शिप्रा शर्मा के साथ वैदिक रीति-रिवाजों के बीच सात फेरे लिए. शादी का यह आयोजन शहर में चर्चा का विषय बना रहा क्योंकि इसमें देश के कई साधु-संत, कथावाचक और सेलिब्रिटी मौजूद रहे.

मुख्य विवाह रस्में जयपुर के एक प्रतिष्ठित होटल के लॉन में आयोजित की गईं. जहां तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर अत्यंत भव्य और सुंदर विवाह मंडप सजाया गया. मंडप का वातावरण पूरी तरह से धार्मिक और शांतिपूर्ण रहा. जिसकी सजावट में पारंपरिक दक्षिण भारतीय शैली की झलक साफ दिखाई दी.

शादी की रस्में करीब तीन घंटे तक चलीं. सुबह लगभग 11:15 बजे इंद्रेश उपाध्याय मंडप में पहुंचे. जहां हरिद्वार, नासिक और वृंदावन से आए 101 विद्वान पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनका स्वागत किया. इंद्रेश उपाध्याय ने पहुंचकर सभी पंडितों का आशीर्वाद लिया. वे समारोह के दौरान हाथ में चांदी की एक छड़ी लिए हुए नजर आए जो उनकी पारंपरिक पहचान का प्रतीक है.

माता-पिता के साथ बैठे पंडित धीरेंद्र शास्त्री

इसके बाद दोपहर 12 बजे दुल्हन शिप्रा शर्मा गोल्डन रंग की साड़ी में मंडप में आईं. उनका पारंपरिक सिंगार और सरल वेशभूषा ने सभी का ध्यान खींचा. शादी के दौरान दूल्हे के पीछे उनके माता-पिता के साथ पंडित धीरेंद्र शास्त्री बैठे दिखाई दिए. जिन्होंने पूरे आयोजन में विशेष भूमिका निभाई.

फेरे की रस्म के समय मंडप में आध्यात्मिक वातावरण रहा. इस दौरान देवी चित्रलेखा, भागवत प्रभु, और कई प्रतिष्ठित साधु-संत उपस्थित रहे. उनकी मौजूदगी ने इस शादी को और विशेष बना दिया. फेरे वैदिक परंपराओं के अनुसार मंत्रोच्चार और अग्नि को साक्षी मानकर पूरे किए गए.

कुमार विश्वास ने दी शुभकामनाएं

शादी से ठीक पहले जयपुर एयरपोर्ट पर एक खास दृश्य देखने को मिला. जब प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास और पंडित धीरेंद्र शास्त्री एक साथ पहुंचे और दूल्हा-दुल्हन को आशीष और शुभकामनाएं दीं. एयरपोर्ट से लेकर विवाह स्थल तक दोनों को देखने के लिए लोगों की उत्सुकता बनी रही.

पूरे कार्यक्रम में परंपरा, अध्यात्म और भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिली. शादी में शामिल हुए सभी मेहमानों ने इसे एक यादगार समारोह बताया.