Spreading love, service and brotherhood, a massive blood donation campaign

प्रेम, सेवा और भाईचारे का प्रसार रक्तदान का महाअभियान, 281 निरंकारीश्रद्धालुओं ने निःस्वार्थ भाव से क्तदान किया

Spreading love, service and brotherhood, a massive blood donation campaign

Spreading love, service and brotherhood, a massive blood donation campaign

Spreading love, service and brotherhood, a massive blood donation campaign- मोहालीI निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन व पवित्र आशीर्वाद से  मोहाली के फेज 6 स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वाधान में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।

 शिविर का उद्घाटन चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज श्री ओ.पी. निरंकारी जी ने अपने कर कमरों द्वारा किया। उनके साथ मोहाली के संयोजक डॉ. श्रीमती जे.के. चीमा जी एवं सेवादल के सभी अधिकारी तथा अन्य गण्यमान्य महात्मा उपस्थित थे।

आज आयोजित शिविर में कुल 281 श्रद्धालुओं जिसमें अनेक महिलाएं भी शामिल थी ने निःस्वार्थ  भाव से रक्तदान कर "रक्तदान – महादान" के संकल्प को साकार किया। 

इस अवसर पर जोनल इंचार्ज श्री ओ. पी . निरंकारी जी ने सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का रक्तदान पर संदेश कि"रक्त का कोई धर्म नहीं होता, पर जब हम रक्तदान करते हैं तो हम सबसे बड़ा धर्म निभाते हैं — इंसानियत का धर्म। यह सेवा किसी एक व्यक्ति की नहीं, संपूर्ण समाज की सेवा है।"

उन्होंने बताया कि 1986 से बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के द्वारा आरम्भ किए गए इस अभियान में निरंकारी मिशन द्वारा अब तक लगभग 9000 शिविर लगाए गए हैं जिनमें लगभग 15 लाख यूनिट देश के विभिन्न ब्लड बैंकों द्वारा एकत्रित किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि रक्तदान शिविरों का आयोजन करने का मुख्य ध्येय आपात स्थिति में ज़रूरतमंदों को रक्त की उपलब्धता कराना, समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना व युवाओं को सेवा कार्यों से जोड़ना है। 

इस अवसर पर संत निरंकारी मंडल की मोहाली  इकाई की संयोजक डॉ जे . के .चीमा जी ने श्री ओ.पी . निरंकारी जी, सभी रक्तदाताओं व श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के रक्तदान को लेकर संदेश को प्रेषित करते हुए कहा कि हर बूँद जो किसी ज़रूरतमंद को जीवन देती है, वह प्रेम की बूँद होती है। यही संत निरंकारी मिशन का उद्देश्य है — प्रेम, सेवा और भाईचारे का प्रसार।"

 यही सच्चे भक्त का जीवन है – जो दूसरों के लिए जिए, और सेवा को ही भक्ति माने।" ऐसा ही जीवन मिशन के सभी श्रद्धालुओं ने जी कर बताया है। बाबा हरदेव सिंह जी ने भी "रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहे" के संदेश को देकर मानव मात्र को एक सूत्र में बांधने का काम किया है। 

शिविर में पीजीआई के ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग के डॉ. संगीता एसोसिएट प्रोफेसर के नेतृत्व में 16 सदस्यीय टीम एवं सिविल अस्पताल मोहाली  के डॉ राजवीर कौर असिस्टेंट प्रोफेसर  के नेतृत्व में रक्त के यूनिट एकत्रित किए।