Shrikhand Mahadev Yatra was terminated due to bad weather, Shrikhand Mahadev ji's darshan will not be possible this year, DC issued orders, 6 have died

खराब मौसम के कारण श्रीखंड महादेव यात्रा को किया गया टर्मिनेट; इस साल नही हो पाएंगे श्रीखंड महादेव जी की के दर्शन, DC ने आदेश जारी किए, 6 की हो चुकी मौत

Shrikhand Mahadev Yatra was terminated due to bad weather, Shrikhand Mahadev Ji's darshan will not be possible this year, DC issued orders, 6 people have Died

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हिमाचल में श्रीखंड की यात्रा सस्पेंड कर दी गई है। खराब मौसम को देखते हुए कुल्लू के DC ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। अब इस साल अब श्रीखंड महादेव के दर्शन नहीं हो पाएंगे। श्रद्धालुओं को इसके लिए अगले साल का इंतजार करना होगा।

9 और 10 जुलाई यानी दिन के लिए पहले ही यात्रा पर रोक लगाई जा चुकी थी। आज 20 जुलाई तक चलनी प्रस्तावित पूरी यात्रा को रोकने के आदेश जारी कर दिए गए। सात जुलाई से शुरू यात्रा के दौरान 4 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि आधिकारिक तौर पर इस यात्रा के शुरू होने से पहले भी दो लोगों की मौत हो गई थी। कुल मिलाकर इस साल श्रीखंड यात्रा के दौरान छह लोगों की मौत हुई।

निरमंड के SDM मनमोहन शर्मा ने बताया कि भारी बारिश और ग्लेशियर पिघलने से रास्ते पूरी तरह टूट गए हैं। ग्लेशियर के गिरने का भी निरंतर खतरा बना हुआ है। पहाड़ियों से निरंतर लैंडस्लाइड हो रहा है। इसलिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है।

गौरतलब है कि श्रीखंड यात्रा के लिए चार हजार से ज्यादा लोग पंजीकरण करवा चुके थे। श्रद्धालु मौसम के साफ होने का इंतजार कर रहे थे। मगर मौसम विभाग के अनुसार आगामी 15 जुलाई तक मौसम साफ होने की उम्मीद नहीं है।

अमर मोइन ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से तोड़ा दम

इस यात्रा के दौरान MP के अमर मोइन की ऑक्सीजन की कमी की वजह से पहली मौत हुई थी। इसके बाद तीन श्रद्धालुओं की मौत ग्लेशियर से गिरने के कारण हुई है। दो श्रद्धालुओं की मौत आधिकारिक यात्रा शुरू होने से पहले हो गई थी।

यात्रा के लिए किए खास इंतजाम

जिला प्रशासन ने यात्रा के लिए खास इंतजाम किए थे। सुरक्षा के लिए 5 जगह बेस कैंप बनाए गए थे। जहां से यात्री पड़ाव में सफर पूरा करना था। बेस कैंप में मेडिकल टीम, पुलिस जवान और रेस्क्यू दल तैनात किए गए थे, क्योंकि श्रीखंड पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को संकरे रास्ते से होकर ऊंचे-ऊंचे पहाड़, बड़ी-बड़ी चट्टानों और 4 ग्लेशियर को पार करना होता है।

कई बार ऑक्सीजन की पड़ जाती कमी

समुद्रतल से 18,570 ऊंचाई पर होने की वजह से कई बार यहां ऑक्सीजन की भी कम हो जाती है। इसलिए श्रीखंड महादेव की 32 किलोमीटर की पैदल यात्रा हर व्यक्ति नहीं कर पाता।