आ गई वो घड़ी, जिसका था इंतजार: जन्मदिन पर 'द्वारकाधीश' कुछ ऐसे हुए हैं तैयार, कृष्ण जन्माष्टमी पर द्वारका नहीं जा पाए तो यहीं से निहार लीजिये कन्हैया की अद्भुत झलख

आ गई वो घड़ी, जिसका था इंतजार: जन्मदिन पर 'द्वारकाधीश' कुछ ऐसे हुए हैं तैयार, कृष्ण जन्माष्टमी पर द्वारका नहीं जा पाए तो यहीं से निहार लीजिये कन्हैया की अद्भुत झलख

Shree Dwarkadhish Sringara on Krishna Janmashtami

Shree Dwarkadhish Sringara on Krishna Janmashtami

Shree Dwarkadhish Sringara on Krishna Janmashtami : कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का मौका है यानि भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन है और ऐसे में पूरे देश-दुनिया में जहां भी कृष्ण भक्त हैं उनके स्थान हैं, वहां हर्षोउल्लास का गजब माहौल बना हुआ है| सब कन्हैया की भक्ति में खुद को खो बैठे हैं| वहीं, कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर लोग कृष्ण जी के धामों पर जाने का काफी महत्व मानते हैं| ऐसे में कई लोगों का तो जाना हो जाता है लेकिन कई नहीं जा पाते हैं| अब जो नहीं जा पाए वो उदास न हो|

दरअसल, हम उनके लिए श्री कृष्ण के एक अद्भुत रूप 'द्वारकाधीश' (Shree Dwarkadhish) के दर्शन लेकर आये हैं| आपको पता होना चाहिए कि द्वारका श्री कृष्ण की लीला का अंतिम हिस्सा है| श्री कृष्ण द्वापर युग में द्वारका के राजा थे और अब भी हैं| 'द्वारकाधीश' यहां स्वयंभू हैं| गुजरात के द्वारका में 'द्वारकाधीश' के रूप में विराजमान भगवान श्री कृष्ण चमत्कार को समेटे हुए हैं|

श्री कृष्ण (Shree Krishna) के इस धाम पर भक्तों की भारी भीड़ लगती है और यहां जो भी श्री कृष्ण से जो कुछ भी मांगता है वो इच्छा जरूर पूरी होती है| इसलिए जब आज प्रभु का जन्मदिन है तो उन्हें गिफ्ट के रूप में आप अपने 'भाव' दीजिये और बदले में उनसे जो मांगेंगे वो आपको जल्दी मिल जाएगा| बतादें कि, भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के रोहणी नक्षत्र में श्री कृष्ण का जन्म हुआ था| इस बार 18 और 19 दोनों तारिख में अष्टमी होने के चलते दोनों दिन ही कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई है|

देखिये कृष्ण जन्माष्टमी पर 'द्वारकाधीश' का अद्भुत श्रृंगार

 

तैयार हो रहे 'द्वारकाधीश'

Shree Dwarkadhish Sringara on Krishna Janmashtami
Shree Dwarkadhish Sringara on Krishna Janmashtami

तैयार हो गए 'द्वारकाधीश'

Shree Dwarkadhish Sringara on Krishna Janmashtami
Shree Dwarkadhish Sringara on Krishna Janmashtami