जीते जी मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है

Salvation can be attained while alive

Salvation can be attained while alive

Salvation can be attained while alive- चण्डीगढ़I संसार में यह आम धारणा है कि इन्सान को मोक्ष या मुक्ति केवल मृत्यु के बाद ही मिलती है, लेकिन यह धारणा सही नहीं है क्योंकि पिछले गुरू-पीर-पैगम्बरों के जीवन और उन द्वारा लिखे धार्मिक ग्रन्थों से यह पूर्णरूप से स्पष्ट होता है कि इन्सान जीते जी वर्तमान सत्गुरू की शरण में जाकर परमपिता परमात्मा की जानकारी हासिल करके मुक्ति अर्थात मोक्ष को प्राप्त कर सकता है, ये उद्गार आज यहां सैक्टर 45 में स्थित सब्जी मण्डी ग्राउण्ड में हुए विशाल निरंकारी सन्त समागम के अवसर पर देहली से आए सन्त निरंकारी मण्डल के केन्द्रीय प्रचारक श्री इन्द्रजीत शर्मा जी ने हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए । 

जीते-जी मुक्ति के अर्थ की चर्चा करते हुए श्री शर्मा जी ने कहा कि यह संसार का त्याग नहीं, बल्कि संसार में रहते हुए संसार से अलग अर्थात इन्सान का सुख-दुःख, लाभ-हानि और मान-अपमान से ऊपर उठ कर कमल के फूल की तरह अपनी जीवन-यात्रा तय करना जैसे कि राजा जनक एक राजा होते हुए और भक्त कबीर एक साधारण परिवार से होते हुए भी मोह-माया से अलग थे और उन पर यश-अपयश का कोई प्रभाव नहीं था । परन्तु यह अवस्था केवल ब्रह्मज्ञान द्वारा ही संभव है । 

इससे पूर्व इस अवसर पर हर आयु के वक्ताओं ने अनेक भाषाओं का सहारा लेते हुए गीत, कविता, स्पीच आदि के माध्यम से अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि जिस परमात्मा की इंसान स्थान स्थान पर जा कर खोज कर रहा है या परमात्मा को ढूंढ रहा है उसकी जानकारी समय के सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज सहज में ही करवा रहे हैं । इन्होंने हमारा जीवन आध्यात्मिक रूप से सुखमयी बना दिया है इसलिए सभी जिज्ञासु सज्जन भी इस जानकारी को प्राप्त कर अपना जीवन सुखमयी बना सकते हैं । 

इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया गया कि संत निरंकारी मिशन कोई प्रचलित धर्म या संप्रदाय नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक विचार धारा है एक मर्यादित जीवन जीने की पद्धति है। इस अवसर समाज के अनेक वर्गों के सज्जन भी उपस्थित हुए । सेवादल सदस्यों द्वारा की गई विभिन्न व्यवस्थाएं प्रशंसनीय थी ।

 यहां के जोनल इंचार्ज श्री ओ पी निरंकारी व यहां के मुखी श्री एन के गुप्ता ने इस अवसर पर आए सभी श्रोताओं और देहली से आए इन्द्रजीत शर्मा जी का धन्यवाद किया ।