Sensitive thinking of Chief Minister Sukhu, maximum benefits should be given to the last row people in the society

मुख्यमंत्री सुक्खू की संवेदनशील सोच, समाज में अंतिम पंक्ति के लोगों को मिले अधिकतम लाभ

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Sensitive thinking of Chief Minister Sukhu, maximum benefits should be given to the last row people

Sensitive thinking of Chief Minister Sukhu, maximum benefits should be given to the last row people in the society : शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदनशील सोच है कि समाज में अंतिम पंक्ति के लोगों को भी सरकार को अधिकतम लाभ मिले। मुख्यमंत्री अपने बजट में अपनी सोच को साबित किया है। मुख्यमंत्री के बजट में कर्मचारियों, खिलाडिय़ों, किसानों, बागवानों, युवाओं और महिलाओं के कल्याण के लिए योजनाओं को शामिल किया है, लेकिन इस सबसे आगे बढक़र समाज के वंचित लोगों के कल्याण के योजनाओं को बजट में शामिल किया है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि समाज के वंचित, उपेक्षित और हाशिए पर रहने वाले लोगों का कल्याण करना हमारी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।

मुख्यमंत्री सुक्खू के बजट की सबसे बड़ी बात यह है कि समाज में विधवा महिलाओं के बच्चों का खर्च सरकार के द्वारा उठाने का निर्णय लेना है। इस योजना से उन विधवा महिलाओं और उनके बच्चों का जीवन रोशन होगा, जिनके पति के निधन के बाद आय के साधन खत्म हो गए थे और जीवन यापन करना मुश्किल हो गया था। मुख्यमंत्री ने नई योजना ‘मुख्यमन्त्री सुख-शिक्षा योजना’ आरम्भ करने की घोषणा की। इसके अन्तर्गत प्रदेश में ऐसी सभी विधवाओं के 27 साल तक की आयु वाले बच्चों, जिनकी सभी स्त्रोतों से वार्षिक आय 1 लाख रुपये से कम हो, की शिक्षा पर होने वाला व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी। इन बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग सहित सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलने पर यह सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त विधवा, निराश्रित, तलाकशुदा और अक्षम माता-पिता के सभी पात्र बच्चों के आरडी खाते में 18 वर्ष की आयु तक 1 हज़ार रुपये प्रतिमाह दिये जाएंगे।

मुख्यमंत्री अपने बजट में खिलाडिय़ों की डाइट मनी और यात्रा का किराया देने का निर्णय भी बेहतर है। यह उन खिलाडिय़ों के लिए वरदान साबित होगा, जिनमें खेल प्रतिभा तो हैं, लेकिन खेलों में भाग लेने के लिए साधन नहीं हैं। सरकार की योजना से अब वह देश में कहीं पर भी खेलने जा सकते हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार राज्य से बाहर 200 किलोमीटर की दूरी तक खेल स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए खिलाडिय़ों को एसी थ्री का किराया दिया जाएगा। तथा 200 किलोमीटर से अधिक दूरी के स्थानों पर जाने के लिए हवाई जहाज का किराया दिया जाएगा। प्रारम्भिक शिक्षा स्तर के खिलाडिय़ों को प्रदेश में होने वाली खेलों में भाग लेने पर 250 रुपये प्रतिदिन दिये जाएंगे।अन्य सभी खिलाडिय़ों को प्रदेश में होने वाली खेलों में भाग लेने पर 400 रुपये प्रतिदिन दिये जाएंगे।सभी खिलाडिय़ों को प्रदेश के बाहर होने वाली खेलों में भाग लेने पर समान रूप से 500 रुपये प्रतिदिन दिये जाएंगे।प्रदेश के खेल हॉस्टलों में रहने वाले सभी खिलाडिय़ों को उपरोक्त के अनुसार 250 रुपये तथा 400 रुपये की डाइट मनी दी जाएगी। इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्र के खिलाडिय़ों को अपने प्रतिभा के प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा।

इस तरह मुख्यमंत्री ने सुख अरोग्य योजना लागू की है, जिसके तहत 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। इस योजना से समाज के उन वृद्धों को लाभ होगा, जिनके आय के साधन नहीं हैं और वह बीमार होने पर बेहतर इलाज नहीं करा सकते। मुख्यमंत्री ने समाज के वृद्धों के लिए इस योजना की घोषणा की है।

इसी तरह मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किसानों के फायदे के लिए गेंहूं और जौ का समर्थन मूल्य बढ़ाया है। बेरोजग़ार युवाओं को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूँ को 40 रुपये प्रति किलोग्राम तथा मक्की को 30 रुपये प्रति किलोग्राम के एमएसपी पर खरीदा जाएगा।  यह समर्थन मूल्य पूरे देश में लागू समर्थन मूल्य से अधिक है। इसके  साथ ही पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए दूध का समर्थन मूल्य घोषित किया है। गाय के दूध का समर्थन मूल्य 38 से बढ़ा कर 45 रुपए तथा भैंस के दूध का समर्थन मूल्य 47 से बढ़ा कर 55 रुपए होगा। दूध का समर्थन मूल्य घोषित करने वाला हिमाचल पहला राज्य बना है। सरकार के इस कदम से किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना भी इसी सोच का परिणाम

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले अनाथ बच्चों के जीवन को रोशन करने का निर्णय लिया और मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना लागू की। इस योजना के तहत प्रदेश के  4 हजार से अधिक अनाथ बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। सुख आश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों को रहने और खाने के बेहतर प्रबंध से साथ-साथ शिक्षा की व्यवस्था का प्रावधान है। प्रदेश के अनाथ बच्चों को सरकार की ओर से शिक्षा की सुविधाओं के साथ-साथ उच्च शिक्षा की व्यवस्था, शादी के लिए सहायता, स्टार्टअप शुरु करने के लिए सहायता के साथ मकान बनाने के लिए जमीन और निर्माण के लिए राशि देने का भी प्रावधान किया है। सरकार की इस योजना का लाभ उठाकर प्रदेश के हजारों अनाथ बच्चे अपना जीवन रोशन कर रहे हैं।

 

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